अमेरिका की कानून प्रवर्तन संस्थाओं ने 11 सितम्बर को हुई घटना के बाद कृत्रिम आतंकवाद प्रतिरोध नीति के साथ प्रतिक्रिया दी। उनका अभी तक यह आग्रह है कि शत्रु को इस्लामवादी नाम देने से आतंकवाद में वृद्धि होती है, यह इस्लामवादी हिंसा किसी भी प्रकार नव नाजी, नस्ली सर्वोच्चता से बढकर कोई खतरा नहीं है और इस आधार पर चल रही आतंकवाद प्रतिरोध नीति मूल रूप से इस बात पर ध्यान केंद्रित करती है जैसे सभी को खुश रखने का प्रयास , नागरिक अधिकारों में सुधार, भेदभाव विरोधी कानूनों को पारित करना और साथ ही इस्लामवादियों को सद्भाव दर्शाना।
वहीं दूसरी ओर न्यूयार्क पुलिस विभाग है एक ऐसा संस्थान जिसने 11 सितम्बर की घटना के उपरांत अधिक चुस्ती दिखानी आरम्भ की और कहीं अधिक गम्भीर हो गया। ऐसी फौज जिसने इससे पूर्व आतंकवादी घटनाओं के मामले में कहीं अधिक बुरा रुख अपनाया था, लेकिन इस विभाग ने तत्काल स्वयं को पूरी तरह बदलकर रेमण्ड केली के उल्लेखनीय नेतृत्व में एक उत्कृष्ट आतंकवाद प्रतिरोध संस्था के रूप में परिवर्तित कर लिया ( एंड्र्यू मैकार्थे तो उन्हें ईश्वर द्वारा भेजा बताते हैं)। अन्य सभी कानून प्रवर्तन संस्थाओं के विपरीत न्यूयार्क पुलिस विभाग ने शत्रु को नाम दिया है , इस्लामवादी हिंसा के खतरे को पहचाना है और इसके लिये शक्तिशाली खुफिया अभियान चलाया है।
लोगों को इन परिवर्तनों का संकेत 2006 में शहावर मार्टिन सिराज परीक्षण के दौरान मिला। सरकार ने सिराज नामक एक पाकिस्तानी अवैध आप्रवासी को एक अर्धमार्ग ( सबवे) को उडाने की योजना बनाने के लिये दण्डित किया और यह न्यूयार्क पुलिस विभाग के दो मुस्लिम गुप्तचरों की सहायता से सम्भव हुआ जिसमें कि एक पुलिस का वेतनभोगी मुखबिर ओसामा एल्डावूडी था और दूसरा छद्म नामधारी जासूस कामिल पाशा था। कामिल पाशा ने अपनी गवाही में बताया कि ब्र्रुकलिन में मुस्लिम क्षेत्रों में न्यूयार्क पुलिस विभाग के आँख , कान के रूप में निगरानी रखता है।
क्रिस्टोफर डिकी ने 2009 की पुस्तक Securing the city: Inside America's Best Force The NYPD में विभाग की उपलब्धियों का पूरा ब्योरा दिया है, अब 11 सितम्बर की घटना की 10वीं वर्षगाँठ पर एसोसियेटेड प्रेस ने एडम गोल्डमैन की विभाग के कार्य करने के तरीके की खोज को धारावाहिकी में प्रकाशित किया है जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है न्यूयार्क पुलिस विभाग किस प्रकार केंद्रीय खुफिया एजेंसी के साथ सहयोग करते हुए चल रहा है और इस कारण विभाग राजनीतिक सतर्कता में है।
गोल्डमैन ने बताया है कि विभाग ने अपने अधिकारियों को पाकिस्तानी पडोसियों में भेजा और उन्हें इस बात के निर्देश दिये कि वे उनपर नजर रखें जिनकी कार रोकी जा सके जैसे अधिक गति , पीछे की बत्ती टूटी हो, रुकने के स्थान का उल्लंघन कर आगे चले जायें। ट्रैफिक के रुकने से पुलिस को वारंट की छानबीन या संदिग्ध व्यवहार की परीक्षा का अवसर मिलता। गिरफ्तारी होने से पुलिस को किसी को अपना मुखबिर बनाने के लिये मनाने में सरलता होती थी । न्यूयार्क पुलिस विभाग ने आतंकवाद नियंत्रण प्रभाग बनाया जो कि इन मुखबिरों के साथ सम्पर्क में रहता था जिसमें कि मस्जिदों मे ठेले वाले , कैफे के ठेलेवाले , दुकानदार और इधंर उधर घूमने वाले पडोसी शामिल थे ।
इसने न्यूयार्क शहर से बाहर भी कार्य सम्पन्न करने के लिये विशेष सेवा प्रभाग गठित किया जहाँ कि न्यूयार्क पुलिस विभाग का अधिकारक्षेत्र नहीं था जिसमें कि अनेक अमेरिकी राज्य और 11 विदेशी क्षेत्र शामिल हैं।इस प्रयास के भी लाभ हुए जैसे कि न्यूजर्सी में न्यूयार्क पुलिस विभाग के एक गुप्त अधिकारी की सहायता से जून 2010 में आपरेशन अरेबियन नाइट का खुलासा हुआ जिसमें न्यूजर्सी के दो मुस्लिम गिरफ्तार हुए और बाद में दोषी करार दिये गये जो कि सोमाली आतंकवादी गुट अल शहाब में शामिल होकर अमेरिकी सैनिकों को मारने की तैयारी कर रहे थे। इसने भूजनांनिकी प्रभाग भी बनाया और न्यूजर्सी, कनेक्टिकट और न्यूयार्क राज्य में नस्ली आवासीय समुदायों का मानचित्र तैयार किया और इस आधार पर गुप्त पुलिस अधिकारियों को मुस्लिम क्षेत्रों की निगरानी के लिये भेजा।16 अधिकारियों को इसके लिये तैनात किया गया जो कि अरबी, बंगाली, हिंदी, पंजाबी और उर्दू बोलते थे इस प्रभाग ने रुचि के 29 मूल के लोगों की सूची बनाई जिसमें अधिकाँश मुस्लिम थे और उनमें से एक को " अमेरिकी अश्वेत मुस्लिम" बताया गया। कुल मिलाकर न्यूयार्क पुलिस विभाग ने पूरे शहर मे ऐसे 263 को चिन्हित किया जिन्हें कि नस्ली गर्म क्षेत्र और साथ ही 53 मस्जिदों को चिन्ताजनक पाया गया।
रेकी करने वाले विभागीय गुप्तचरों ने न्यूयार्क में मुस्लिम पडोस की दिन प्रतिदिन की गतिविधि की जानकारी दी और उन्होंने इस्लामी पुस्तक केंद्रों, कैफे, व्यवसाय और क्लब के चक्कर लगाये। पुलिस ने उन व्यवसायों पर भी नजर रखी जो कि कुछ समुदायों को आकर्षित करते है, जैसे कि पाकिस्तानियों की सेवा लेने वाली टैक्सियाँ। गोल्डमैन के अनुसार वे रेकी करने वाले काफी व्यक्तिगत तौर पर नजर रखते थे जैसे कि यदि कोई ग्राहक किसी क्रांतिकारी साहित्य को देखता है तो वह स्टोर के स्वामी से बात करता कि जो भी जानकारी उसे मिल पाती। पुस्तक विक्रय केंद्र और ग्राहक की और सघन जाँच होती थी।
गोल्डमैन और एसोसियेटेड प्रेस ने न्यूयार्क पुलिस विभाग के तरीकों की निंदा की है और उसे निष्क्रिय करने का प्रयास किया है। लेकिन इस तरीकों के चलते न्यूयार्क के विरुद्ध तेरह आतंकवादी षडयंत्रों को विफल किया गया है, आयुक्त केली उनके साथ खडे रहे और उन्हें व्यापक राजनीतिक समर्थन मिला। न्यूयार्क शहर के मेयर माइकल ब्लूमबर्ग ने न्यूयार्क पुलिस विभाग को उसके अच्छे कार्य के लिये उसकी प्रशंसा की तथा बराक ओबामा के आतंकवाद प्रतिरोध सलाहकार जान ब्रेनन ने इस साहसिक कार्य की प्रशंसा की तथा अमेरिकी प्रतिनिधि पीटर किंग (न्यूयार्क के रिपब्लिक) ने इन तरीकों की सराहना की और इसे संघीय सरकार के लिये एक माडल बताया।
किंग अपनी जगह सही हैं अन्य सभी पश्चिमी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अमेरिका की इस सबसे अच्छी आतंकवाद प्रतिरोध फौज का तरीका अपनाना चाहिये।