11 सितंबर 2001 की घटना के बाद मैंने लिखा कि व्यक्तिगत तौर पर इस्लामवादी कानून का पालन करने वाले और समझदार प्रतीत होते हैं लेकिन वे अधिनायकवादी आंदोलन के अंग हैं और वे सभी संभावित हत्यारों के रुप में देखे जाने चाहिए.ऐसा लिखने के कारण मुझे सदैव उनकी आलोचना का शिकार होना पड़ा .लेकिन उत्तरी कारोलिना के चैप हिल में 3 मार्च को घटी एक घटना ने बता दिया कि मैंने कुछ अधिक नहीं कहा था .
यह घटना तब घटित हुई जब 22 वर्षीय ईरानी आप्रवासी मोहम्मद रजा तहेरी अजार नामक अभी ही स्नातक हुए छात्र ने पैदल पार क्षेत्र में एक खेलोपयोगी वाहन को प्रवेश करा दिया .उसने नौ लोगों को चोट पहुंचाई लेकिन सौभाग्यवश कोई गंभीर रुप से घायल नहीं हुआ.
इस हत्यारी तोड़-फोड़ से पूर्व तहेरी अजार दर्शन और मनोविज्ञान का सामान्य और होनहार भविष्य वाला विद्यार्थी था . हाई स्कूल में वह विद्यार्थी संगठन का अध्यक्ष और नेशनल ऑनर सोसाइटी का सदस्य था .लॉस एंजेल्स टाईम्स ने लिखा कि बहुत से छात्रों ने उसे गंभीर, शर्मीला लेकिन मित्रवत पाया. उसके एक साथी विद्यार्थी ब्रायन कौपलैंड ने बताया कि वह उसके शास्त्रीय पश्चिमी विचार के ज्ञान से प्रभावित था तथा वह आक्रामक और मित्रवत होने के बजाए दयालु और सज्जन था . विश्वविद्यालय के कुलपति जेम्स मोयसर ने उसे बहुत अच्छा विद्यार्थी परन्तु एकांतप्रिय ,अंतर्मुखी और अपने में ही सीमित रहने वाला व्यक्ति बताया .”
वास्तव में किसी भी व्यक्ति ने जो उसे जानता था बुरा नहीं कहा . यह अत्यंत महत्वपूर्ण बात है क्योंकि इससे संकेत मिलता है कि वह कोई दयनीय ,नरसंहारक या मनोविक्षिप्त छात्र नहीं था वरन् सह्यदय व्यक्ति था .इससे एक बड़ा प्रश्न यह उठता है कि एक नियमित , सामान्य व्यक्ति विविध प्रकार के छात्रों के वर्ग को क्यों मारना चाहता है .तहेरी अजार की गिरफ्तारी के बाद के कुछ उल्लेख इस दिशा में संकेत करते हैं.
9/11 की रिपोर्ट बनाने वाले से उसने कहा कि वह समस्त विश्व में अमेरिका के कृत्यों के लिए अमेरिका की सरकार को दंडित करना चाहता है.
उसने एक जासूस से कहा कि समस्त विश्व में लोग युद्ध में मारे जा रहे हैं और अब अमेरिका के लोगों की मरने की बारी है .
उसने कहा कि उसने समस्त विश्व के मुसलमानों की मौत का बदला लेने के लिए ऐसा किया है .
उसने अपने कार्य को आंख के बदले में आंख के रुप में चित्रित किया .
पुलिस के घोषणा पत्र में लिखा गया है कि तहेरी अजार ने बार-बार कहा कि अमेरिका की सरकार समुद्र के उसपार उसके लोगों को मार रही है इसलिए उसने आक्रमण करने का निश्चय किया .
उसने एक जज से कहा कि मैं आपको धन्यवाद देता हूं कि आप मेरा परीक्षण करने के लिए और अल्लाह की इच्छा जानने के लिए यहां हैं.
संक्षेप में तहेरी अजार संपूर्ण इस्लामवादी विभीषिका का प्रतिनिधित्व करता है . एक ऐसा सुनियोजित मुसलमान जिसका धर्म उसे गैर-मुसलमानों को मारने की खुले आम प्रेरणा देता है. तहेरी अजार ने स्वीकार किया है कि वह दो वर्ष से विश्वविद्यालय के अपने समय में जेहाद की तैयारी कर रहा था .इस्लामवादी विचारधारा के साथ जुड़ाव और अतिशय मुसलमानों तक इसकी पहुंच की पृष्ठभूमि में यह कल्पना करना कठिन नहीं है कि उसके विचार कैसे विकसित हुए.
वैसे इस मामले को यह कहकर टाला जा सकता है कि तहेरी अजार ने अंध विश्वासपूर्वक कट्टरपंथी इस्लाम को स्वीकार कर लिया लेकिन वह उस परिपाटी में उपयुक्त बैठता है जिसमें आतंकवाद की ओर प्रवृत्त होने से पूर्व मुसलमान शांत जीवन व्यतीत करते हैं. इस श्रेणी में 11 सितंबर के हमले के लिए जिम्मेदार अपहरणकर्ता , लंदन परिवहन में बम विस्फोट करने वाले और माहेर हवास नामक इंटेल इंजिनियर जो अफगानिस्तान में तालिबान में शामिल होने से पूर्व गिरफ्तार कर लिया गया.
इस परिपाटी में ह्यूस्टन में रहने वाला एक सउदी मोहम्मद अली अलायेद भी आता है जिसने एक समय के अपने यहूदी मित्र एरियल शेलोक को चाकू से गोदकर मार डाला . इसी प्रकार इस्लाम में धर्मान्तरित हुए लोग भी इस श्रेणी में आते हैं जैसे 38 वर्षीय बेल्जियम महिला मूरेल डेकाएक्यू जिसपर संदेह है कि उसने इराक में एक अमेरिकी सेना बेस में स्वयं को उड़ा दिया .
इसे मैंने जेहाद का आकस्मिक रोग कहा है , जहां सामान्य से दिखने वाले मुसलमान अचानक हिंसक हो उठते हैं. इसका अत्यंत बुरा लेकिन स्वाभाविक प्रभाव सामान्य मुसलमानों पर पड़ता है और वे भी संदेह के घेरे में आ जाते हैं. किसे पता कि अगला जेहादी कहां है. कोई कैसे आश्वस्त हो सकता है कि कानून का पालन करने वाला मुसलमान अचानक नरसंहारक तोड़-फोड़ में संलग्न नहीं हो जाएगा . निश्चित रुप से उनकी संख्या बहुत कम है लेकिन आनुपातिक रुप से मुसलमानों में उनकी संख्या गैर-मुसलमानों की तुलना में कहीं अधिक है .
इस रोग से इस्लाम के प्रति भय और मुसलमानों के प्रति अविश्वास की पुष्टि होती है जो 11 सितंबर के बाद के जनमत सर्वेक्षणों में निरंतर बढ़ रही है . इन विचारों को हतोत्साहित करने में मुसलमानों की प्रतिक्रिया पूर्वाग्रह पूर्ण है.इसे नवसेमेटिक विरोध या इस्लामोफोबिया कहना उसी प्रकार आधारहीन है जैसे नाजी विरोधियों को जर्मनोफोबिया और कम्युनिस्ट विरोधियों को रुसोफोबिया कहना . मुसलमानों को स्वयं को पीड़ित पक्ष के रुप में प्रस्तुत करने के बजाए उन्हें नरम , आधुनिक और अच्छे पड़ोसी वाले इस्लाम का स्वरुप विकसित करना चाहिए जो कट्टरपंथी इस्लाम को रद्द करता हो और काफिरों को पददलित न बनाता हो.
14 मार्च 2006 अपडेट – तहेरी अजार ने एक स्थानीय टी.वी चैनल के साक्षात्कार के अनुरोध को स्वीकार करते हुए 10 मार्च को एक लिखित वक्तव्य के द्वारा हमले के अपने उद्देश्यों का वर्णन किया.
-अल्लाह ने कुरान में आदेश दिया है कि उसके विरुद्ध युद्ध करने वालों पर हमला करो.और इसके बदले में शहीद होने पर सदैव के लिए जन्नत मिलेगी और इसी प्रकार कुरान के अध्याय 14 के अंतर्गत बताए गए अल्लाह के आदेशों के पालन में जीवन बिताने पर भी . अमेरिका की सरकार अल्लाह के अनुयायी मेरे अनगिनत भाईयों और बहनों की मौत और प्रताड़ना के लिए उत्तरदायी है .यूएनसीसीएच में 3 मार्च को मेरा हमला उसी का बदला है जो अमेरिकी सरकार ने अल्लाह के अनुयायियों पर इराक , अफगानिस्तान , फिलीस्तीन , सउदी अरब और अन्य इस्लामी राज्य क्षेत्रों में किया है .मैंने अमेरिका से नफरत के चलते ऐसा नहीं किया है वरन् अल्लाह से प्रेम के चलते किया है .