मीनियापोलिस सेन्ट पाल अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक छोटा सा मुद्दा अमेरिका में इस्लाम के भविष्य पर गम्भीर प्रभाव छोड़ने वाला है. उदाहरण के लिये एक दशक पूर्व हवाई अड्डे पर सेवारत टैक्सी चालकों ने घोषणा की थी कि वे ड्यूटी मुक्त शापिंग के पारदर्शी थैलों में शराब ले जाने वाले यात्रियों को अपनी टैक्सी में नहीं बैठायेंगे. उनकी यह धारणा कुरान में अल्कोहल पर प्रतिबन्ध की समझ से और बलवती हुई है. फौद उमर नामक एक चालक ने इसे समझाया, “ यह हमारा धर्म है, यदि हम ऐसे परिवहन के लिये सहमत हुये तो आकाश में हमें दण्डित होना पड़ेगा. यह कुरान का मामला है. जो कि स्वर्ग से उतरा है.” एक और चालक मोहम्मद मुरसाल ने यही शब्द दुहराये कि इस्लाम में अल्कोहल साथ ले जाना वर्जित है.
2002 में यह मामला सार्वजनिक तौर पर सामने आया. एक अवसर पर 16 चालकों ने अल्कोहल की बोतल वाले यात्रियों का बहिष्कार किया. इसमें इन यात्रियों ने स्वयं को कोई गैरकानूनी काम न करते हुये भी अपराधी के रूप में अनुभव किया. इन 16 टैक्सी चालकों को अपनी आय से हाथ धोना पड़ा. जैसा कि जोश एल डिके ने एसोसिएटेड प्रेस में लिखा है जब चालकों ने मीनियापोलिस सेन्ट पाल हवाई अड्डे पर फिर यात्रियों को इन्कार किया . ब्लूमिंगटन में टर्मिनल से आगे बड़ी संख्या में चालक अपनी बारी की प्रतीक्षा करते रहे.
मुस्लिम चालकों ने कठिन स्थिति से बचने के लिये मेट्रोपोलिटन एयरपोर्ट आयोग से कहा कि शराब या उसे रखने के संदिग्ध यात्रियों को टर्मिनल की रेखा से पार टैक्सी की ओर आने से रोका जाये. एयरपोर्ट आयोग ने इस अपील को रद्द कर दिया क्योंकि उन्हें भय था कि चालक धर्म का सहारा लेकर छोटी दूरी के यात्रियों को बैठाने से मना कर देंगे.
मुस्लिम चालकों की संख्या में इस कदर वृद्धि हुई है मीनियापोलिस सेन्ट पाल के 900 टैक्सी चालकों में तीन चौथाई मुसलमान हैं. एयरपोर्ट प्रवक्ता पैट्रिक होगन ने बताया कि सितम्बर 2006 तक मुसलमान प्रतिदिन धर्म के आधार पर अल्कोहल के कारण तीन यात्रियों को इन्कार करते हैं. एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार यह मुद्दा इन वर्षों में इतना बढ़ा है कि ग्राहक सेवा का एक महत्वपूर्ण विषय बन चुका है.
होगन ने यू एस ए टुडे को बताया कि अक्सर यात्री आश्चर्य और अपमानित अनुभव करते हैं.
इसे ध्यान में रखते हुये मेट्रोपोलिटन एयरपोर्ट आयोग ने एक समाधान सुझाया. अल्कोहल ले जाने के अनिच्छुक अपनी कार पर एक विशेष प्रकार का प्रकाश लगायें जो ग्राहकों को अल्कोहल के सम्बन्ध में टैक्सी की नीति का संकेत दे सके. एयरपोर्ट के दृष्टिकोण से यह योजना अत्यन्त उपयोगी और विवेकपूर्ण है जिससे यात्री अपमानित अनुभव नहीं करेंगे और कोई भी चालक अपनी जीविका से भी वंचित नहीं होगा. होगन ने संकेत दिया कि एयरपोर्ट के अधिकारियों का काम धर्म ग्रन्थों की व्याख्या करना या लोगों की धार्मिक पसन्द पर अपनी राय देना नहीं है. उनका उद्देश्य इतना ही है कि एयरपोर्ट पर यात्रियों को सुविधा हो. एयरपोर्ट टैक्सी सलाहकार समिति के समक्ष दो प्रकाश वाला प्रस्ताव लम्बित है जो 2006 के अन्त तक प्रभाव में आ जायेगा.
परन्तु सामाजिक स्तर पर इस प्रस्तावित समाधान के गम्भीर और चिन्ताजनक परिणाम होने वाले हैं. दो प्रकाश नामक यह योजना मिनेसोटा के शुद्ध व्यावसायिक व्यापार में शरियत या इस्लामी कानून की अवैध पैठ है. एक सरकारी एजेन्सी इस संकेत को सहमति दे रही है कि इस्लामी कानून का पालन कौन करेगा और कौन नहीं.
मीनियापोलिस सेन्ट पाल से बाहर के चालकों के लिये क्या ? मीनियापोलिस सेन्ट पाल और देश भर में अन्य मुसलमान भी इसी विशेषाधिकार की माँग करेंगे. शीघ्र ही बस परिचालक भी इसका अनुसरण कर सकते हैं. समस्त परिवहन ढाँचा इस्लामी पर्यवेक्षकारियों और गैर इस्लामी पर्यवेक्षककारियों के मध्य विभाजित हो जायेगा.
अल्कोहल के साथ रोक क्यों ? अनेक देशों में मुस्लिम टैक्सी चालकों ने कारों में कुत्ते की दिखती आँख को अनुमति देने का विरोध किया है. कुछ अन्य माँगे भी हैं खुले हाथ या खुले बाल वाली स्त्रियों के परिवहन पर रोक, समलैंगिक तथा अविवाहित लोगों को भी अनुमति न देने की माँग. इस प्रकार वे पुरूषों के किपा पहनने पर प्रतिबन्ध लगा सकते हैं फिर हिन्दुओं, नास्तिको, ज्योतिषियों, बैंकरों और बारटेन्डर्स पर भी प्रतिबन्ध लगा सकते हैं.
मीनियापोलिस ने टैक्सी मामलों में मुस्लिम अमेरिकन सोसायटी की मिनेसोटा शाखा से परामर्श किया जो शिकागो ट्रिब्यून के अनुसार अमेरिका को इस्लामी कानून के अनुसार चलाने के लिये प्रतिबद्ध और कार्यरत है.
इस संगठन के पूर्व प्रमुख की पत्नी ने इस संगठन के उद्देश्य का विवरण दिया, “ इस्लामी राज्य स्थापित करने के उद्देशय से इस्लाम की शिक्षा देते हुये इस्लाम की शिक्षाओं का पालन करना”. टैक्सी का दो प्रकाश का समाधान स्पष्ट रूप से आक्रामक और क्षतिकारक नहीं है जो इसे अधिक खतरनाक बनाता है इसीलिये मेट्रोपालिटन आयोग को इस गलत दिशा वाले प्रस्ताव पर पुनर्विचार करना चाहिये.