वह कौन सा रास्ता सबसे अच्छा होगा जिसमें ज्यादा से ज्यादा अमेरिकी इस्लाम में धर्मान्तरित हों?
प्रिन्ट मीडिया को छोड़िये फिल्म की ओर जाइये। गीत संगीत से भरपूर पैगम्बर मोहम्मद का एक वृत्त चित्र ऐसा हो जिसके देखने वाले देखते रह जायें और इसे मुसलमान गैर मुसलमानों के बीच दिखायें जिससे वे उनके सन्देश की सत्यता और शालीनता के कायल हो जायें। जिसमें अमेरिकी मुसलमानों के प्रति इस्लामी भाव उसके विश्ववास को पुन: जीवित करने में कामयाब हों। उसके बाद इसके लिये भुगतान अमेरिका के करदाताओं के धन से किया जाये। इसे प्राइम टाइम टीवी नेटवर्क पर छुट्टी के दिन दिखाये और खुद देखिये एक बार देखने के बाद अगर आप दूसरे धर्मलाम्बी हैं तो खुद बा खुद आकर्षित हो जायेगें।
यह अपने आप में विचारणीय विषय है कि "Muhammad: Legacy of a Prophet" के निर्माता ने ऐसा ही किया है।वाशिंगटन पोस्ट ने वृत्त चित्र के बारे में लिखा है कि सूचनात्मक, आनन्ददायी और अनुकरणीय है, मध्यकालीन रेगिस्तानी के दृश्य के साथ न्यूयार्क शहर की गगन चुम्बी ईमारतो और अमेरिका के ध्वज के अद्भुत चित्र हैं। जन्म से और धर्मान्तरित मुसलमान पैगम्बर के प्रति अपने व्यक्तिगत जुड़ाव के बारे मे बढ़-चढ़कर बोलेंगे।
यह दो घंटे का वृत्तचित्र पब्लिक ब्राडकास्टिंग सर्विस ने पूरे देश में कल रात को और फिर इसे दुबारा दिखाया। यह फिल्म का सबसे बड़ा खर्चा कांग्रेस द्वारा नियुक्त व्यक्तिगत और अलाभकारी पब्लिक ब्राडकास्टिंग सर्विस से आया।। 2002 में सरकार द्वारा 350 मिलियिन डालर इसको बनाने के लिए दिया गया था।
इस फिल्म की आत्मा यह है कि सारे के सारे लोग बढ़ चढ़कर अपने पैगम्बर की प्रशंसा कर रहे हैं। कोई भी नागरिक इसकी आलोचना नहीं कर पा रहा है।
उनके कुछ प्रयास हास्यास्पद हैं कि इस बात का का खण्डन किया जा रहा है जिसमें पैगम्बर अपनी सुविधा के लिए धनी और अपने से बड़ी उम्र की महिला खादीजा के साथ विवाह कर रहे हैं। बचाव में यह तर्क दिया जा रहा है कि पैगम्बर खादीजा से इस लिए विवाह कर रहे हैं क्योंकि वे इससे बहुत – बहुत प्यार करते हैं ।आस्था का मामला है इसके बारे में कोई कैसे जान सकता है।
दर्शकों को बताने का प्रयास किया जा रहा है कि मोहम्मद ने महिला भ्रूण हत्या का विरोध किया, महिलाओं को अधिकार दिलाया ,पत्नी को तलाक का अधिकार दिलवाया लेकिन किसी को वक्तताओं से विनम्रता पूर्वक यह पूछना चाहिए कि 7वीं शताब्दी में यह कितना भी प्रशंसनीय रहा हो वर्तमान में मुस्लिम महिलायें व्यापक पैमाने पर खतना, जबरन विवाह , पर्दा, अशिक्षा, लैंगिक भेदभाव, बहुविवाह और सम्मान के लिये मृत्यु से बड़े पैमाने पर घिरी हुई हैं।
फिल्म धार्मिक आस्था को बढ़ाकर पेश करता है जैसे कुरान कहता है कि पैगम्बर स्वर्ग गये थे और उन्हें दिव्य दर्शन हुआ था, इसे एक ऐतिहासिक सत्य के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसमें मुसलमानों के युद्ध को रक्षात्मक बताया गया है जो गलत है।
वर्तमान रूप से देखें तो राजनीतिक रूप से सही होना प्रभावी हो रहा है। नौ ग्यारह के बाद मुसलमानों के प्रति बढ़ती शत्रुता का उल्लेख है इससे पूर्व अमेरिका के प्रति मुसलमानों की गहरी शत्रुता और हजारों अमेरिकियों के मारे जाने का उल्लेख नहीं है। कहानी सुनाने वाले ने अमेरिका के मुसलमानों की संख्या पर अतिशयोक्ति करते हुये उनकी वृद्धि दर को काफी आंकते हुये उन्हें सर्वाधिक विविधतावादी धार्मिक समुदाय बताया है।
परन्तु ये कुछ विवरण हैं जिनके आधार पर दो कारणों से Muhammad: Legacy of a Prophet आक्रोशित करने वाला है।
पब्लिक ब्राडकास्टिंग सर्विस ने इस प्रकार बिना आलोचना वाला वृत्त चित्र दिखाकर दर्शकों के साथ विश्वासघात किया है। यह वृत्त चित्र रविवार के दिन इस्लाम कि विद्यालय में दिखाने योग्य है न कि पूरे देश में । उदाहरण के लिये पीबीएस मोहम्मद के जीवन के प्रत्येक पहलू के विवाद और उसके पुनरावलोकन की प्रक्रिया की अवहेलना करता है जिसमें उनके जीवन की शताब्दी से उनके क्षेत्र तक शामिल है। विशेषरूप से यह पीबीएस के 1998 के वृत्तचित्र From Jesus to Christ के ठीक विपरीत है जहाँ पूरा ध्यान विद्वानों के कार्य पर दिया गया और जीसस के नवीनतम समालोलनात्मक स्वरूप पर ध्यान दिया गया।
अमेरिकी सरकार ऐसी किसी भी वृत्तचित्र को धन मुहैया न कराये जिसमें किसी धर्म विशेष की तारीफ की गई हो या धर्मान्तरण का प्रयास किया गया हो । ऐसा अमेरिका की परम्परा और कानन के विपरीत है। इसमें सारे कर दाताओं द्वारा दिया गया पैसा जिससे पब्लिक ब्राडकास्टिंग सर्विस चलता है उनका अपमान है । करदाताओं की ओर से किसी कानूनी फर्म को पब्लिक ब्राडकास्टिंग के विरूद्ध वाद लाना चाहिये ताकि ऐसी पुनरावृत्ति न हो।