मुसलमान बराक हुसैन ओबामा को कैसे देखते हैं? उनके पास तीन विकल्प हैं- एक तो जैसा कि वे स्वयं ही प्रस्तुत करते हैं- एक ऐसा व्यक्ति जो “कभी भी मुसलमान नहीं रहा” और “सदैव से ही ईसाई रहा है”, या फिर एक मुस्लिम साथी या फिर इस्लाम से द्रोह करने वाला या उसे छोड देने वाला।
विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार अमेरिका के लोग सामान्य रूप से इस डेमोक्रेट प्रत्याशी के बारे में मानते हैं कि 27 वर्ष की अवस्था में रेवेरेण्ड जेर्मियाह राइट के द्वारा धर्मांतरित होने से पूर्व उसका कोई धर्म नहीं था परंतु विश्व भर में मुसलमान शायद ही उसे ईसाई के रूप में देखते हैं या तो मुसलमान मानते हैं या फिर पूर्व मुसलमान।
हडसन संस्थान के ली स्मिथ ने इसकी व्याख्या की है कि ऐसा क्यों “ बराक ओबामा के पिता मुसलमान थे और इस कारण इस्लामी कानून के अनुसार प्रत्याशी भी”। कुरान की आयतों में इस व्याख्या के बाद भी कि धर्म में कोई बाध्यता नहीं है, एक मुस्लिम बालक या बालिका अपने पिता से धर्म लेता है। विश्व भर के मुसलमानों और गैर अमेरिकी मुसलमानों के लिये बराक हुसैन ओबामा एक मुसलमान है। इसके अतिरिक्त इंडोनेशिया के विद्यालय के रिकार्ड उसे मुसलमान के रूप में अंकित करते हैं।
इसी प्रकार मिस्र के समाचार पत्र अल मसरी अल योम ने भी उसके मुस्लिम उत्स को उद्धृत किया है। लीबिया के शासक मुआमार अल कद्दाफी ने ओबामा को एक “ मुसलमान” बताया है और ऐसा व्यक्ति जो “ अफ्रीकी अमेरिकी पहचान” का है। अल जजीरा की एक व्याख्या में उन्हें “ गैर ईसाई व्यक्ति” कहा गया है, जबकि दूसरे स्थान पर उनके मुस्लिम कीनियाई पिता की बात की गयी है और तीसरे स्थान पर नसीम जमाली ने लिखा है कि, “ हो सकता है कि ओबामा स्वयं को मुसलमान न गिनाना चाहते हों पर मुसलमान उनकी गिनती अपने में से ही एक के रूप में करने को उद्यत हैं”।
क्रिश्चियन साइंस मानीटर ने बेरूत में एक बातचीत को उद्धृत किया है, एक किराना दुकानदार के अनुसार, “ उसे अरब वालों के लिये अच्छा होना चाहिये क्योंकि वह मुसलमान है” इस पर ग्राहक ने उत्तर में कहा, “ वह मुसलमान नहीं है वह ईसाई है” दुकानदार ने इसका विरोध किया और कहा, “ वह ईसाई नहीं हो सकता उसका मध्य नाम हुसैन है”। ओबामा के सम्बन्ध में अरबी वार्तालाप में कुछ अवसरों पर उनके मध्य नाम को एक कूट के रूप में प्रयोग किया जाता है और उसके बाद किसी अधिक टिप्पणी की आवश्यकता नहीं रह जाती।
कतर से अमेरिकी मुस्लिम सम्मेलन से ब्रूकिंग्स संस्थान के तमारा कोफमैन विट्स ने बताया कि, “ अमेरिका के प्रमुख राष्ट्रपतीय प्रत्याशी का हुसैन मध्य नाम और जो कि आरम्भिक अवस्था में इंडोनेशिया में विद्यालय गया वह निश्चित रूप से बाहर के मुसलमानों के लिये कुछ कहता है” न्यूयार्क टाइम्स में थामस एल फ्रीडमैन ने लिखा है कि मिस्र के लोग, “ ओबामा के वंशवृक्ष को नहीं समझते परंतु वह यह जानते हैं कि यदि 11 सितम्बर को उग्रवादी मुसलमानों द्वारा आक्रमण का शिकार होने के बाद भी अमेरिका के लोग किसी ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रपति चुन सकते हैं जिसका मध्य का नाम हुसैन है तो यह निश्चय ही अमेरिका और मुस्लिम विश्व के सम्बन्धों में भारी परिवर्तन है”
अमेरिका के कुछ मुस्लिम नेता भी ओबामा को मुसलमान के रूप में देखते हैं। उत्तरी अमेरिका के इस्लामिक सोसाइटी के अध्यक्ष सईद एम सईद ने ह्यूस्टन में एक सम्मेलन में मुसलमानों से कहा कि चाहे ओबामा जीते या हारे परंतु उनका प्रत्याशित्व इस बात पर जोर देगा कि मुस्लिम बालक “ इस देश के राष्ट्रपति बन सकते हैं”। नेशंस आफ इस्लाम के लुइस फराखान ने “ ओबामा को समस्त विश्व की आशा बताया” और उनकी तुलना अपने धर्म के संस्थापक मुहम्मद से की।
परंतु इस उत्साह का एक अन्धकारपूर्ण पक्ष भी है और यह सन्देह कि ओबामा अपने जन्म धर्म के लिये गद्दार है और इस्लाम के लिये धर्मद्रोही। अल कायदा ने प्रमुख रूप से ओबामा द्वारा बार बार स्वयं को मुस्लिम न होना कहने को चिन्हित किया है और एक विश्लेषक शिरीन के बुर्की जो कि मैरी वाशिंगटन विश्वविद्यालय की हैं उनके अनुसार ओबामा, “ बिन लादेन का स्वप्निल प्रत्याशी है”। यदि वह अमेरिका के सर्वोच्च सेनापति बनते हैं तो अल कायदा उनकी पृष्ठभूमि का उपयोग इस तर्क के लिये करेगा कि एक धर्मद्रोही आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक युद्ध का नेतृत्व कर रहा है। इस प्रकार अल कायदा अधिक सहानुभूति जुटा सकेगा”।
मुख्यधारा के मुसलमान इस विषय पर काफी सम्भल कर चल रहे हैं। ओबामा के एक मिस्र के समर्थक यासिर खलील के अनुसार जब ओबामा का उल्लेख एक धर्मद्रोही के रूप में होता है तो अनेक मुसलमान अत्यंत भ्रम और उत्सुक प्रतिक्रिया देते हैं। इकोनोमिस्ट के जोसी डेलप और राबर्ट लेन ग्रीन का तो दावा है कि अरबी भाषा के स्तम्भकारों और सम्पादकीय में ओबामा के धर्मद्रोही होने भाव लुप्त है।
बाद का यह दावा ठीक नहीं है क्योंकि यह विषय चर्चा में है। कम से कम अरबी भाषा के एक समाचार पत्र ने बुर्की के लेख को प्रकाशित किया। कुवैत के अल वतन ने ओबामा को “ जन्म से मुसलमान, एक धर्मद्रोही और ईसाई धर्म में धर्मान्तरित बताया”। अरब टाइम्स में लिखते हुए सीरिया के उदारवादी निदाल नायसा ने बार बार ओबामा को “ धर्मद्रोही मुसलमान” सम्बोधित किया है।
संक्षेप में मुसलमान ओबामा की वर्तमान धार्मिक स्थिति से उलझन में हैं। जब वे इस बात की कल्पना करते हैं कि एक बालक जो मुस्लिम पिता से पैदा हुआ और हुसैन नाम पडा और मुसलमान के रूप में अपना जीवन आरम्भ किया तो वे ओबामा के स्वयं को ईसाई के रूप में चिन्हित किये जाने का विरोध करते है। यदि ओबामा राष्ट्रपति बनते हैं तो उनके धार्मिक सम्बन्ध को लेकर मुसलमानों और अमेरिका के विचारों में भिन्नता से समस्या उत्पन्न होगी।