मेकडोनाल्ड लारियर इंस्टीट्यूट के अपने अध्ययन में , " कनाडा के मुसलमान क्या चाहते हैं? व्याख्या और विचार शोध" के अंतर्गत क्रिस्चियन ल्यूपरेट और कोनराड विन ने कनाडा में मुस्लिम व्यवहार के साथ बहस आरम्भ करते हुए कुछ विशिष्ट आँकडों की ओर रुख किया। मैं उनके संगठन के साथ दो मुद्दों पर अलग अलग बात करते हुये अपने निष्कर्ष पर पहुँचूँगा।
मुस्लिम व्यवहार समझने के प्रकार: ल्यूपरेट और विन ने तीन प्रकारों में से दो का आधार इस बात की कल्पना के साथ लिया है एक समान मुस्लिम समुदाय है जिसमें से कि सभी हर एक मुस्लिम पश्चिमी तरीकों को शत्रुवत भाव से देखता है और दूसरा उन रास्तों को स्वीकार करता है। एक तीसरा प्रकार भी है जिसके साथ वे मुझे जोडते हैं वह विचारों की विविधता का है।
यह अत्यंत रोचक है कि मुस्लिम आपस में एक दूसरे से असहमत होते हैं जो कि एक समान गुट के लोग नहीं होते? इसे मानने का कारण है क्योंकि विशेष रूप से वे इस विषय पर अलग राय रखते हैं कि क्या इस्लाम कनाडा के मूल्यों से मेल खाता है जो कि जिहाद के समय और पश्चिम में शरियत लागू करने के प्रयासों के मध्य अत्यंत मह्त्वपूर्ण मुद्दा है।
सर्वेक्षण के विशेष निर्णयों पर जाने से पूर्व यह जानना भी रोचक होगा कि स्टीफन स्क्वार्ज का सेन्टर फार इस्लामिक प्लूरलिज्म कहता है कि, " कनाडा का इस्लाम अधिक उदार है , अधिक विविधतावादी है और अमेरिका या ब्रिटेन की अपेक्षा बह्स के लिये अधिक खुला है" ऐसा क्यों है? प्राथमिक रूप से ऐसा मुस्लिम आप्रवास के कारण है , जिसमें कि मुख्य रूप से कदीरी और इसी प्रकार के अन्य सूफी परम्परावादी आते हैं, सब सहारा अफ्रीकी देशों के बहुलतावादी मुस्लिम तथा ट्यूनीशिया और अल्जीरिया के सेक्युलरवादी। स्क्वार्ज एक सकारात्मक आधार पर निष्कर्ष निकालते हैं कि , " हमें अत्यंत प्रसन्न होना चाहिये कि कनाडा अलग है और ऐसा स्थान है जहाँ कि मुस्लिम समझ का सम्मान है न कि इसकी अवहेलना की जाती है"
सर्वेक्षण का परिणाम: सर्वेक्षण का परिणाम इस बात की पुष्टि करता है कि कनाडा के मुस्लिमों में भिन्नता है, पश्चिम की अन्य मुस्लिम जनसंख्या की अपेक्षा मेजबान देश के प्रति कहीं अधिक सकारात्मक व्यवहार है। सामान्य जनता से अधिक श्रेय कनाडा की सरकार को देने का अर्थ है कि कनाडा के मुस्लिम सामान्य रूप से कनाडा को एक नस्लवादी देश नहीं मानते।
रुचि और अरुचि के सम्बंध में प्रश्नों के उत्तर में जो कुछ सामने आया उसके अनुसार वह सब सामान्य ही है और इनके प्रति प्रशंसा का भाव है ( लोकतंत्रऔर स्वतन्त्रता) न कि अपनी स्वयं की परिस्थितियाँ ( रोजगार पाना) । मुझे यह जानकर अत्यंत उत्साह हुआ कि कनाडा मे मुसलमान लोकतन्त्र को केवल अपने नेता के चयन की पद्दति मात्र नहीं मानते वरन इसे एक ऐसी जीवन पद्धति मानते हैं जो कि व्यक्तियों को सोचने और स्वतन्त्रता के साथ सोचने और कार्य करने की अनुमति देती है साथ ही अपना अलग विचार विकसित करने और पूरी तरह राजनीति से बाहर रहने की छूट भी देती है।
मेकडोनाल्ड लारियर इंस्टीट्यूट के सर्वेक्षण में रोजागार प्राप्त करना एक प्रमुख विषय था। चिंता की यह बात अवश्य है कि यदि कोई मुहम्मद या फातिमा के नाम से गैर मुस्लिम के यहाँ रोजगार के लिये जाता है तो वे मुस्लिम स्टाफ को नियुक्त करने से कतराते हैं और इसमें आतंकवाद से लेकर विशेषाधिकारों के लिये मुकद्दमेबाजी का भय तक शामिल है। कुछ अंशों में गैर मुस्लिम लोगों को अपने पूर्वाग्रह से मुक्त होना होगा , लेकिन साथ ही मुसलमानों को भी उन समस्याओं को समझना होगा जिसे उन्होंने सृजित किया है और उसके समाधान के लिये गम्भीरतपूर्वक और रचनात्मक ढंग से सोचना होगा।
शरियत को लागू करने से सम्बन्धित प्रश्न अत्यंत मह्त्व का है। एक मह्त्वपूर्ण बहुमत की संख्या 62 प्रतिशत के साथ इस मत की है कि शरियत को कुछ अंशों में लागू किया जाना चाहिये , यदि इसमें नहीं कह सकते या फिर कोई उत्तर नहीं को भी शामिल कर लें तो यह प्रतिशत 75 का हो जाता है। जो सबसे बडी समस्या कनाडा के मुसलमानों की है वह है कि वे अलग कानून से शासित होना चाहते हैं और अलग मार्ग पर चलना चाहते हैं। 15 प्रतिशत मुस्लिम चाहते हैं " उनके लिये अलग शरियत न्यायालय हो" जो कि निश्चित रूप से खतरे की घण्टी है। इससे मेरे इस अनुमान को बल मिलता है कि इस्लामावादी मुस्लिम जनसंख्या का 10 से 15 प्रतिशत तक हैं।
3 प्रतिशत कट्टरपंथी इस्लामवादी तत्व अल कायदा का समर्थन करते हैं जो कि बहुत अधिक नहीं है, लेकिन कुल 7 लाख जनसन्ख्या में से 20,000 व्यक्ति अवश्य ऐसे हैं जिनकी सहानुभूति और विचार काफी खतरनाक हैं। यह सूचना खतरनाक रूप से अप्रवास और सुरक्षा सेवाओं को सतर्क कर देगी।
कोनार्ड विन के 2004 के सर्वेक्षण में 13 प्रतिशत कनाडा के मुस्लिम इजरायल का समर्थन करते दिखे थे जब उन्होंने कहा था कि कनाडा की मुस्लिम जनसंख्या का 1\5 मानते हैं कि, " इजरायल जो भी कर रहा है सही है" लेकिन इस आँकडे में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया है और यह पुराने का नवीनतम संस्करण दिखता है। यह भी सत्य है कि कभी कभी इजरायल विरोधी वातावरण की प्रतिक्रिया में इजरायल समर्थक प्रतिक्रिया भी देखने को मिलती है। सात वर्ष पूर्व विन का मानना था, " कुछ अवसरों पर अपने मूल देश के नेताओं या फिर अपने समुदाय के नेताओं की कट्टरता की प्रतिक्रिया"।
जब कट्टरपंथी विचारों की बात आती है तो ल्यूपरेट और विन आश्चर्यचकित होते हैं: " हमें आशा थी कि जिन लोगों पर अध्ययन किया गया है उनके मध्य धार्मिक प्रतिभागी अपने विचारों में कट्टर होंगे लेकिन यहाँ तो अपेक्षाकृत सेक्युलर लोगों द्वारा सबसे अधिक कट्टर राजनीतिक विचार प्रकट किये गये, अनेक समर्पित मुस्लिम जो उच्च समाज विज्ञान में अध्ययनरत रहे हैं वे कनाडा और लोकतंत्र के लिये अधिक मुखर थे।" इस परिपाटी से ऐसा दिखता है कि इस्लामिक धर्म पर कोई संकट नहीं है और व्यवहार का आधार राजानीतिक हाव भाव है। सेक्युलर अतिवादी हो सकते हैं और पवित्र इस्लामी उदार।
निष्कर्ष: ल्यूपरेट और विन ने पाया कि जिस व्यवहार की पद्धति उन्होंने खोजी उसमें से कोई भी तीनों आधारों के अनुकूल नहीं है, उनका निष्कर्ष है कि उनके मतदान के आँकडे से स्पष्ट है कि " कनाडा के मुसलमान एक विभाजित समुदाय हैं और उनके विविध विचार हैं जैसा कि डैनियल पाइप्स का मानना है"
एक ओर तो मैं इस निष्कर्ष से प्रसन्न हूँ तो वहीं दूसरी ओर मुझे इस बात पर आश्चर्य होता है कि आखिर कि कैसे कुछ सौ या हजार व्यक्तियों के आधार पर किसी समुदाय का चरित्र चित्रण किया जा सकता है। निश्चित रूप से कोई भी यह आशा नहीं कर सकता कि वे सभी एक ही मस्तिष्क के होंगे सिवाय इस अंतरधारणा के कि इस्लाम अपने अनुयायियों का ऐसा मशीनीकरण कर देता है जो कि अपनी स्वयं की सोचने की क्षमता खो देते हैं और उस नेतृत्व के द्वारा नियंत्रित होते हैं जो कि जिस प्रकार उन्हें निर्मित करती है। कोई भी मानवीय जनसंख्या इस वर्णन के अनुकूल नहीं आती है।
यदि यह दृष्टिकोण सही भी है कि एक बार के लिये लोग चेतनाहीन और गतिहीन हो जाते हैं तो भी मध्य पूर्व में वर्ष 2011 में हुये शोर ने दिखा दिया कि यहाँ तक कि वे लोग भी जो कि दशकों तक अपने शासक की बात मानते रहे उन्होंने भी अपने भीतर आग दबाकर रखी थी और अप्रत्याशित रूप से उनके शासन को ध्वस्त कर दिया। लीबिया के शासक मुवम्मरअल कद्दाफी का पतन इस बात का उदाहरण है कि लोग अपने बारे में सोचते हैं।
ल्यूपरेट विन अध्ययन ने अनेक समस्याओं पर लोगों के व्यवहार का रहस्योद्घाटन किया है जिसमें शरियत की इच्छा से अल कायदा को समर्थन के विषय तक लेकिन इसने यह भी स्थापित किया है कि कनाडा सबसे अधिक उदार, विविधतावादी और खुले मस्तिष्क का पश्चिमी मुस्लिम समाज है। यह केवल एक ऐसा अवसर नहीं है जिसका लाभ उठाया जाना चाहिये वरन यह इस बात के लिये भी सुझाव देता है कि कनाडा के उदार मुस्लिम इस संदेश को और अपने संस्थानों को पश्चिम के अन्य देशों में भी ले जायें।