कैस्टेलोरिजो का नाम स्मरण करिये ; यह नाम आप पहली बार सुन रहे हैं।
यह साइप्रस से 170 मील दूर, रोडेश से 80 मील दूर तथा ग्रीस प्रायद्वीप से सुदूर उत्तर में है लेकिन तुर्की के तट से मात्र एक मील की दूरी पर स्थित है। कैस्टेलोरिजो अत्यंत छोटा है जो कि मात्र 5 वर्ग मील में विस्तृत है और उससे भी लघुतम स्वरूप यह कि यहाँ लोगों की बस्ती नहीं है। उन्नीसवीं शताब्दी में इसके 10,000 निवासी अब 430 तक सीमित रह गये हैं। इसके अकेलेपन के कारण यह ग्रीक प्रायद्वीप के सबसे अच्छे चार द्वीपों में है जो कि मौजमस्ती के लिये सर्वाधिक उपयुक्त है। अनातोलिया के निकट से यहाँ के लिये कोई सार्वजनिक वाहन नहीं है केवल सुदूर रोडेश से विमान या नाव मिल सकते हैं।
इसके अधिकाँश क्षेत्र पर एथेंस का नियंत्रण है जिसके चलते भूमध्यसागर के विशेष आर्थिक क्षेत्र पर इसका दावा बनता है जिसे इसने अभी व्यक्त नहीं किया है और इसके चलते भूमध्यसागर में अंकारा को उस विशेष आर्थिक क्षेत्र से वंचित रखा गया है जो उसे प्राप्त होता यदि इस द्वीप पर उसका नियंत्रण होता। साइप्रस के एक समाचार पत्र Simerini के मानचित्र के वर्णन से ही प्रतीत होता है । मानचित्र का ऊपरी भाग संकेत करता है कि ग्रीस इसके 200 नाटिकल मील के विशेष आर्थिक क्षेत्र पर दावा करता है और ( लाल तीर के द्वारा) कैस्टेलोरिजो पर भी इसका नियन्त्रण है, मानचित्र का निचला भाग संकेत देता है कि ग्रीक के पास विशेष आर्थिक क्षेत्र है जिसमें कि कैस्टेलोरिजो शामिल नहीं है ( श्वेत तीर के द्वारा यह प्रदर्शित किया गया है) ।
यदि एथेंस इसके सम्पूर्ण विशेष आर्थिक क्षेत्र पर अपना दावा करता है तो इसका कैस्टोलोरिजो की उपस्थिति के चलते यह विशेष आर्थिक क्षेत्र साइप्रस के निकट आ जायेगा जो कि साइप्रस में गैस और तेज की हाल की खोज के चलते अत्यंत मह्त्व का हो जाता है। एक विशेष आर्थिक क्षेत्र के साथ कैस्टोलोरिजो उदीयमान ग्रीस साइप्रस और इजरायल गठबंधन के लिये लाभदायक है ताकि साइप्रस या इजरायल को प्राकृतिक गैस ( पाइपलाइन) या विद्युत ( केबल) से पश्चिमी यूरोप को तुर्की की अनुमति के बिना भेजी जा सके। यह विषय अत्यंत तात्कालिक महत्व का हो गया जब कि 4 नवम्बर को तुर्की के ऊर्जा मंत्री ने घोषणा कर दी कि कि उनकी सरकार इजरायल के लिये प्राकृतिक गैस तुर्की के रास्ते नहीं जाने देगी और इस बात की सम्भावना है कि अंकारा साइप्रस के आयात को भी प्रतिबंधित कर दे।
तुर्की के प्रधानमंत्री रिसेप तईप एरडोगन और उनकी सत्तारूढ पार्टी एकेपी के सहयोगी कैस्टोलोरिजो पर ग्रीक के नियंत्रण को स्वीकार करते हैं और इसके 6 नाटिकल मील के जलक्षेत्र को भी लेकिन इससे अधिक नहीं और विशेष आर्थिक क्षेत्र पर नियंत्रण तो बिलकुल भी नहीं। निश्चित रूप से उनके अनुसार विशेष आर्थिक क्षेत्र पर ग्रीक का आगे बढना एक विवाद को जन्म देता है कैस्टेलोरिजो को निष्पक्ष बनाकर अंकारा भूमध्यसागर के अधिकाँश आर्थिक क्षेत्र पर दावा करते हुए इसके विरोधियों के साथ सहयोग को रोक सकता है। यही कारण है कि यह प्रायद्वीप एक संघर्ष का बिंदु बन सकता है।
अनेक ऐसे घटनाक्रम है जो एकेपी द्वारा कैस्टेलोरिजो पर ग्रीस को बाधित करते नजर आते हैं। पहला, सितम्बर में उसने नार्वे के एक जहाज को समुद्री साज के साथ सुसज्जित कर कैस्टेलोरिजो के दक्षिण में तेल और गैस की सम्भावनायें देखने के लिये अनुमति दी जिसमें की महाद्वीप का कुछ क्षेत्र भी था।
दूसरा, तुर्की के लडाकू जहाजों ने रोडेश और कैस्टेलोरिजो के मध्य प्रशिक्षण किया। अंत में वर्ष 2010 में तुर्की की सेना के विमान कैस्टेलोरिजो से चार बार बिना अनुमति के उडे और कुछ अवसरों पर तो अत्यंत नीचे सर्वेक्षण करने वाले विमानों के साथ।
कटुता का भाव एक बडी परिपाटी के अनुसार उपयुक्त है। एकेपी सरकार ने जब से जुलाई के अंत में सेना का नियंत्रण अपने हाथ में लिया है तभी से इसने साइप्रस, इजरायल, सीरिया और इराक के विरुद्ध अपनी शत्रुता प्रदर्शित की है। इसके अतिरिक्त अंकारा ने साइप्रस के विशेष आर्थिक क्षेत्र से इसे वंचित किया है और अब कैस्टेलोरिजो के साथ यही कुछ नीतिगत रूप से इसे स्थापित करता है। 1974 में साइप्रस के 36 प्रतिशत क्षेत्र को निर्दयतापूर्वक अपने अधीन कर लेने का उदाहरण दर्शित करता है वह इस प्रायद्वीप पर पूरा नियंत्रण स्थापित कर सकता है। कैस्टेलोरिजो को हथियाने में निश्चय ही यह लेख पढ्ने से अधिक समय लगेगा।
अभी तक भूमध्यसागर में तुर्की की बढती आक्रामकता को लेकर केवल साइप्रस के विशेष आर्थिक क्षेत्र से उसे तेल और गैस निकालने से रोकने तक सीमित रखा गया है और अनेक नौसिखिये लोग या फिर अमेरिका और रूस साइप्रस के आर्थिक संसाधनों को प्राप्त करने के अधिकारों का समर्थन करते दिखे हैं। साइप्रस के राष्ट्रापति देमेत्रिस क्रिस्टोफियास ने चेतावनी दी है कि "यदि अंकारा अपनी बदूकआधारित नौका की नीति को जारी रखता है तो इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे" । इजरायल के उप विदेश मंत्री डैनी अयालोन ने ग्रीक से कहा है, "यदि कोई भी इन उत्खननन को चुनौती देता है तो हम उन चुनौतियों का सामना करेंगे" और उनकी सरकार ने न केवल अपने सामुद्रिक क्षेत्र में वरन साइप्रस के उत्खनन जलक्षेत्र में भी सुरक्षा बढा दी है। एक अवसर पर तो इजरायल के लडाकू विमान तुर्की के जहाज से भिड भी गये थे।
समस्या के समाधान के ऐसे स्पष्ट संकेत स्वागततोग्य हैं। जैसे कि यूरोपियन यूनियन ने ग्रीस को इस बात के लिये प्रेरित किया है कि वह अपनी आय बढाने के लिये हाइड्रोकार्बन का उत्खनन करे वैसे ही इसे एथेंस का इस बात के लिये समर्थन करना चाहिये कि वह विशेष आर्थिक क्षेत्र घोषित करे और एकेपी द्वारा समस्या खडी करने के प्रयास को निरस्त करे और इस बात का संकेत दे कि इस मौज मस्ती वाले द्वीप के लिये कोई समस्या खडा करने के गम्भीर परिणाम होंगे।