काउंसिल आन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशन्स सदैव की भाँति इस्लाम पर किसी भी बहस पर फिर से प्रहार करने को तैयार है।
फिलाडेल्फिया की इसकी शाखा 17 मार्च को एक प्रेस वार्ता करने जा रही है जिसमें इसने योजना बनायी है कि यह, " एक राष्ट्रव्यापी अभियान आरम्भ करने की घोषणा करने जा रही है जिसमें कि वाशिंगटन आधारित यह मुस्लिम नागरिक अधिकार संगठन बच्चों के विद्यालय की पुस्तकों में इस्लाम विरोधी पूर्वाग्रह को चुनौती देगा जो कि इस संग़ठन के अनुसार " इस्लाम के प्रति शत्रुता और मुसलमानों के प्रति संदेह उत्पन्न करता है"
इसका सन्दर्भ मिडिल स्कूल और हाई स्कूल के बच्चों के लिये "World of Islam" शीर्षक की एक दस खण्डों की एक श्रृंखला है जिसे फारेन पालिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने प्रकाशित किया है और इसे मैसोन क्रेस्ट पब्लिसर्स ने प्रकाशित किया है। ( आँकडों के लिये मैंने फारेन पालिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट में 1986 से 1993 तक कार्य किया लेकिन world of Islam प्रकाशित करने में मेरी कोई भूमिका नहीं है)
प्रेस वार्ता से पूर्व इस पूरी श्रृंखला को लेकर सी ए आई आर स्टाफ के साथ आरोपों को लेकर ईमेल का जो परस्पर आदान प्रदान हुआ उसे समझ लेना अत्यंत लाभदायक होगा। यह सब कुछ 9 दिसम्बर 2009 को हुआ जब सी ए आई आर के फिलाडेल्फिया स्थित कार्यालय के " नागरिक अधिकार निदेशक" मोइन एम ख्वाजा ने सी ए आई आर स्टाफ को एक पत्र भेजा । ख्वाजा ने बताया कि वे मैसोन क्रेस्ट के कुछ संस्करण को देख चुके हैं और उन विषयों को ध्वजीकृत ( flagging) किया जिन्हें वे अस्वीकार कर रहे थे ( जैसे कि " बुर्का समाज में आत्मसातीकरण का यूरोपीय मुसलमानों का प्रतिरोध का प्रतीक है")
मैसोन क्रेस्ट की सूचना को आधार बनाते हुए ख्वाजा ने आगे लिखा,
मुझे इस पूरी श्रृंखला की माँग सूची प्राप्त हो चुकी है ( पूरी माँग जो कि अभी कल तक ही आ पायी है) इस सूची से पता चलता है कि इन पुस्तकों और इस पूरी श्रृंखला को किन जिलों के विद्यालय और पुस्तकालयों ने खरीदा है यह एक राष्ट्रव्यापी अभियान है। यह अत्यंत मह्त्वपूर्ण सूचना है क्योंकि हम सीधे उनसे सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं और उन्हें समझा सकते हैं कि वास्तव में उन्हें प्रचार सामग्री मिली है। मुझे यह पता नहीं है कि कौन से कानूनी विषय यहाँ उठते हैं लेकिन स्कूल और पुस्तकालयों में इन छुपी प्रचार सामग्री के लिये कुछ किया जाना चाहिये।
सी ए आई आर के सिनसिनाटी विभाग के सदस्य ने इसका उत्तर दिया और माना कि वह ख्वाजा की चिंता से सहमत हैं।
इन सभी लेखकों में अधिकाँश यहूदी जैसे सुनाई पड्ते हैं और कोई भी मुस्लिम नाम नहीं है। जहाँ तक मुझे लगता है कि किसी पुस्तक के आवरण के आधार पर उस पुस्तक की सूचना के संतुलन को नहीं जाँचा जा सकता। मैंने एक और पुस्तक इस्लामिक कट्टरपंथ पर है जिसे देखा है और उन्होंने बताया कि इसकी समीक्षा एसोसियेशन आफ जेविश लाइब्रेरी ने की गयी है ऐसा उन्होंने कहा।
इसके बाद भी 9 दिसम्बर को सी ए आई आर के कोलम्बस कार्यालय के बाबक डार्विश ने उत्तर दिया,
सही बात कही है ये नाम ऐसे ही सुनने में लगते हैं और उनमें से एक तो लगभग सर्बियन और रोमानियन सा लगता है। यह तो ऐसा दिखता है मानों इस्लाम से घृणा करने वाले लोग नयी पीढी के युवकों के मस्तिष्क को बदलने के लिये ये पुस्तकें प्रकाशित कर रहे हैं। यह निश्चित तौर पर घृणा से भरी है और नव नाजीवाद की भाँति पब्लिक स्कूल में यहूदियत को पढाने का प्रयास है।
अनुमानतः "लगभग सभी सर्बियन और रोमानियन" नाम स्वर्गीय माइकल राडू के हैं जो कि एक समय सहायक लेखक और अभी हाल में प्रकाशित पुस्तक Europe's Ghost: Tolerance, Jihadism, and the Crisis of the West के लेखक हैं।
टिप्पणियाँ : (1) इस पूरे मामले से कुछ गम्भीर प्रश्न खडे होते हैं: आखिर सी ए आई आर मैसोन क्रेस्ट पब्लिसर्स के बीच के स्रोत के आधार पर कर क्या रहा है? आखिर और कितने प्रकाशन केंद्रों में इसने अपनी घुसपैठ की है। इसके अतिरिक्त और कितने ऐसे सांस्कृतिक संस्थान हैं जिसके कार्य करने वाले अपने से अधिक सी ए आई आर के प्रति स्वामिभक्त हैं।
(2) लेखक के नाम पर टिप्पणी " यह बहुत कुछ यहूदी जैसा लगता है या सुनायी पड्ता है और उनमें से एक तो सर्बियन और रोमानियन जैसा सुनायी पडता है इस बात का संकेत देता है कि किस स्तर की सोच सी ए आई आर के स्टाफ की है और जब वे लिखते हैं तो उन्हें लगता है कि उन्हें कोई देख नहीं रहा है और अपने सार्वजनिक चेहरे के एकदम विपरीत किस प्रकार यहूदी और बाल्कन लोगों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रस्त और नस्लवादी भावना से भरे हैं। कभी कभी तो यह सार्वजनिक चेहरा भी अनावृत हो जाता है।
(3) इससे भी अधिक खतरे की घंटी बजाने वाला तो यह निष्कर्ष है कि लेखक के नाम से यह समाधान निकाला गया कि मैसोन क्रेस्ट श्रृंखला " वास्तव में घृणा" फैलाने वाली है और इसकी तुलना नव नाजियों से किया जाना कि ये लोग यहूदियत को पब्लिक स्कूल में पढाने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें यह अंतर्निहित है कि जो कि पूरी तरह गलत पूर्वानुमान है कि यहूदी और बाल्कन लोग इस्लाम के बारे में नहीं लिख सकते।
(4) मैं मैसोन क्रेस्ट पब्लिसर्स को चुनौती देता हूँ कि वे इस बात की जाँच करे कि किस कर्मचारी ने यह जानकारी बाहर पहुँचायी और फिर उसकी पहचान सार्वजनिक करें।
(5) मैं सी ए आई आर को भी चुनौती देता हूँ कि वे अपने स्टाफ के सेमेटिक विरोधी और नस्लवादी टिप्पणी से अपने को अलग करें।