बिना किसी संशय के 1994 में मिडिल ईस्ट फोरम की स्थापना के बाद से अभी तक का सबसे कठिन निर्णय स्टीवेन जे रोसेन की सेवायें लेकर उन्हें अपना भाग बनाने का था।
एक ओर तो अमेरिकन इजरायल पब्लिक अफेयर्स कमेटी में कार्य करने का 23 वर्ष का अनुभव जहाँ कि इन्होंने विदेश नीति के मुद्दों के निदेशक के रूप में कार्य किया जिससे कि फोरम को वाशिंगटन की नीति नियंता घेरे में उपस्थिति का अभूतपूर्व अवसर मिलता था जहाँ कि हमारी उपस्थिति नहीं है। अमेरिकन इजरायल पब्लिक अफेयर्स कमेटी में उनका दायित्व राज्य विभाग, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद तथा अन्य कार्यपालिका के विभागों के साथ सम्पर्क का था । उनका प्रदर्शन अत्यंत संतोषजनक रहा है।
वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा, " रोसेन ने कार्यपालिका शाखा में लाबिंग" में अत्यंत सहायता पहुँचायी वे ऐसी वकालत करते थे जो कि 1980 के दशक में अधिक प्रचलन में नहीं थी हालाँकि अब यह परम्परागत रूप से कांग्रेस की लाबिंग के चलते आम हो गयी है" । द न्यूयार्क टाइम्स ने उन्हें " मेधावी, ऊर्जावान और अमेरिकन इजरायल पब्लिक अफेयर्स कमेटी के सबसे प्रभावशाली लोगों में बताया जिनके बुश प्रशासन और विदेशों में व्यापक सम्पर्क हैं" । नेशनल पब्लिक रेडियो के गुप्तचर संवाददाता ने पाया, " उन्होंने अमेरिकन इजरायल पब्लिक अफेयर्स कमेटी को देश के सबसे शक्तिशाली लाबी गुट के रूप में आकार देने में सहायता की" । इजरायल के समाचार पत्र हारेज ने रोसेन द्वारा अमेरिकन इजरायल पब्लिक अफेयर्स कमेटी छोडने के तत्काल बाद लिखा , "बहुत से लोगों की दृष्टि में वे केवल एआईपीएसी के सदस्य नहीं वरन संगठन ही हैं"
इसके अतिरिक्त रोसेन की अकादमिक पृष्ठभूमि भी है, अनेक विश्वविद्यालयों में पढाने के उपरांत ( पिट्सबर्ग, ब्रांडिस, आस्ट्रेलियन नेशनल) उन्होने रैंड कारपोरेशन में मध्य पूर्व के विषयों के मुखिया भी रहे हैं, तथा एक बहुचर्चित पाठ्य पुस्तक The Logic of International Relations के सहायक लेखक भी हैं। इन सभी कारणों से वे हमारे थिंक टैंक के लिये सर्वथा उपयुक्त हैं।
इसके दूसरी ओर वे ( एआईपीएसी के एक अन्य सहयोगी कीथ विस्मैन के साथ) बुश प्रशासन द्वारा 1917 के डरावने Espionage Act के अंतर्गत इसके उल्लंघन के भी आरोपी हैं और आपराधिक आरोप का सामना कर रहे हैं जिसके सिद्ध होने पर उन्हें अनेक वर्षों का कारावास हो सकता है। यद्यपि वे जासूसी के आरोपी नहीं लेकिन उनके और हमारे विरोधी उन्हें " एक दोषी जासूस बताते हैं" निश्चित रूप से वे इस बात के लिये चिंतित थे कि उनके दोषसिद्ध होने पर इसका हमारे ऊपर प्रभाव होगा।
मिडिल ईस्ट फोरम के बोर्ड सदस्यों से गहन विचार विमर्श करने के बाद मैंने पाया कि इस बात पर आम सहमति थी कि उन्हें बोर्ड में लाया जाये क्योंकि उनके जैसा विश्लेषक इस समय की आवश्यकता है भले ही आपराधिक मामले की आशंका हो।
सितम्बर 2008 में दो घटनाक्रम ने हमारी दुविधा का समाधान कर दिया। सरकार के मामले का अध्ययन करने के उपरांत हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि यह अन्यायपूर्ण, खाली , निरर्थक और मनगढंत है। श्रीमान रोसेन के निर्दोष होने को लेकर निश्चिन्त होकर हमने निर्णय किया कि उनका मुकद्दमा हमें उन्हें अपने साथ जोडने से नहीं रोकेगा।
दूसरा, विश्व की घटनायें आरम्भ हो गयीं। इस बात को देखते हुए कि ईरान द्वारा बम प्राप्त करने का अभियान मध्य पूर्व और अमेरिका दोनों के लिये एकमात्र सबसे बडा खतरा है ( अमेरिका के लिये इलेक्ट्रो मैग़्नेटिक पल्स के द्वारा) , हमने यह अनुभव किया कि जाने वाला बुश प्रशासन ईरान द्वारा परमाणु हथियार प्राप्त करने के प्रयास को रोकने के लिये कदम नहीं उठायेगा और बराक ओबामा ईरान के प्रति अपनी नरम नीतियों के साथ सम्भव है कि चुनाव जीत जायेंगे ।
इसी आधार पर फोरम ने अक्टूबर 2008 में रोसेन को उन रास्तों पर कार्य करने के लिये आर्थिक सहायता देना आरम्भ कर दिया कि ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने की दौड से रोका जा सके। वे इस कार्य के लिये उपयुक्त हैं, उन्होंने पन्द्रह वर्ष पूर्व ईरान की परमाणु महत्वाकाँक्षा को रोकने का प्रयास आरम्भ किया था काफी पहले जब यह सामान्य चिंता का विषय नहीं था। उदहारण के लिये नेपथ्य से कार्य करते हुए उन्होंने तेहरान पर दबाव निर्मित करने का मार्ग ढूँढा तथा दो राष्ट्रपति आदेश के द्वारा 1995 में और 1996 में ईरान लीबिया प्रतिबन्ध के माध्यम से उसकी नींव रखी जिसके बाद अनेक प्रयासों से ईरान की सरकर के विरुद्ध आर्थिक दबाव डाला जा सका। वे तब से ही इस क्षेत्र में सक्रिय हैं।
फोररम ने इस आरम्भ के साथ साथ श्रीमान रोसेन को बोर्ड में विजिटिंग फेलो के रूप में भी शामिल कर लिया। इस क्षमता में अल्पकाल में उन्होंने वाशिंगटन प्रकल्प अपने प्रभावशाली वेबलाग Obama Mideast Monitor से आरम्भ किया तथा The Policy Forumनामक नया प्रकाशन भी आरम्भ किया। यह उल्लेखनीय है कि श्रीमान रोसेन के ब्लाग के उपरांत ऐसे घटनाक्रम बने कि चार्ल्स फ्रीमैन को राष्ट्रीय गुप्तचर परिषद के सभापति के लिये अपने नाम को वापस लेना पडा।
इसके बाद 1 मई को स्वागतयोग्य समाचार आया कि अमेरिका के न्याय विभाग ने श्रीमान रोसेन और विसमैन के विरुद्ध अपने मामले हटा लिये हैं। वाशिंगटन पोस्ट के शब्दों में यह निर्णय उन्हें पुष्ट करता है। इसके अतिरिक्त यह सरकार की पूर्वाग्रही कार्रवाई की सीमाओं को भी निश्चित करता है।
मैं रोसेन और विसमैन को बधाई देता हूँ कि अब वे विधिक झँझट से मुक्त हैं और इस बात की आशा करता हूँ की स्टीव ईरान के अपने विभाग को पूरी तन्मयता और कुशलता से आगे ले जायेंगे।