पिछले वर्ष से अमेरिकी सरकार की ओर से लगातार प्रयास हुए हैं कि इस्लामवादी शत्रु के स्वभाव के सम्बंध में स्पष्ट बात रखने से रोका जाये। इसका आरम्भ गृहभूमि सुरक्षा विभाग से हुआ और फिर यह राष्ट्रीय आतंकवाद प्रतिरोध केंद्र तथा राज्य विभाग सुरक्षा तक पहुँचा। पहले ही मई, 2008 में मैं रक्षा सचिव के उपसहायक से शत्रु की शानदार व्याख्या सुन चुका हूँ । इसमें थामस मानकेन ने आश्चर्यजनक रूप से कहीं भी इस्लाम या जिहाद का उल्लेख नहीं किया।
मैं इस बात पर आश्चर्यचकित था कि शब्दकोष में यह परिवर्तन क्यों आया : क्या यह स्वाभाविक व्यवहारगत परिवर्तन है , एक समूह का निर्णय है या फिर उच्च स्तर से कोई निर्देश है?
इसका उत्तर अभी आया है और वह भी वायस आफ अमेरिका की उर्दू सेवा की प्रमुख जेनिफर जानिन के 2 मार्च के लीक हुए घोषणापत्र के रूप में। इस पूरे निर्देश को Urdu Language Style & Guidelines #3. यहाँ देखा जा सकता है। वायस आफ अमेरिका के दक्षिण एशिया प्रभाग के उर्दू रेडियो, टेलीविजन तथा वेब टीम को जारी तथा साथ ही निर्देशक और कार्यक्रम प्रबंधक के लिये जारी इस निर्देश में जोर दिया गया है कि इस्लाम और राजनीति के मध्य कोई सम्बंध नहीं जोडा जाना चाहिये। संक्षेप में :
- इस्लामी आतंकवादी: इसका प्रयोग न करें इसके अतिरिक्त सामान्य रूप से आतंकवादी प्रयोग करें।
- इस्लामी कट्टरपंथ या मुस्लिम कट्टरपंथ से परहेज करें।
- इस्लामवाद: कोई आवश्यक नहीं।
- मुस्लिम अतिवादी: कोई आवश्यकता नहीं, अतिवाद से भी काम चल जाता है।
उर्दू एक ऐसी भाषा है जिसे कि हिंदुस्तानी में अरबी लिपि में लिखा जाता है और विशेष रूप से पाकिस्तान और भारत में पाई जाती है और विशेष रूप से मुस्लिमों द्वारा बोली जाती है; यह 7 करोड लोगों की मातृभाषा है। कोई भी समझ सकता है कि आखिर इस संकेत का महत्व क्यों है जहाँ तक वायस आफ अमेरिका बाजार के हिस्से के लिये अन्य समाचार संगठनों से प्रतिस्पर्धा कर रहा है तो वह मुसलमानों को अपमानित या अलग नहीं करना चाहता। परंतु वायस आफ अमेरिका अंशधारियों या निचली पंक्ति के साथ व्यावसायिक स्टेशन नहीं है।
1942 में युद्ध सूचना विभाग के एक भाग के रूप में इसकी स्थापना की गयी जिसकी आर्थिक सहायता अमेरिका के करदाताओं के धन से की जाती है और यह अमेरिका की सरकार की ओर से बोलता है। इसे अपनी योग्यता के आधार पर अपनी रेटिंग बढाने का प्रयास नहीं करना चाहिये। उर्दू के श्रोताओं को इस्लाम के बारे में वास्तविक अमेरिकी प्रवचन जानना चाहिये न कि जानिन के सम्पादित संस्करण को।
अपनी सुरक्षा में जानिन सम्भवतः तर्क दें कि वे तो केवल ओबामा द्वारा " मुसलमानों को सम्मान देने" की बात को ही आगे ले जा रही थीं, परंतु इस बात का सार्वजनिक रूप से कोई संकेत नहीं मिलता कि सम्मान का अर्थ है कि इस बात से मुख मोडा जाये कि अमेरिका के लोगों द्वारा जिस सार्वजनिक मुद्दे का सामना किया जा रहा है उसमें इस्लाम है ही नहीं। ओबामा तो अत्यंत स्पष्ट हैं कि यह विषय नहीं है। एक उदाहरण तो एक वर्ष पूर्व सामने आया था जब 18 मार्च , 2008 को एक प्रमुख व्याख्यान में ओबामा ने लगभग तथ्य को तोडमरोड कर ऐसा कहा कि मानों, 'मध्य पूर्व के संघर्ष की जड शक्तिशाली सहयोगी इजरायल के कार्य के चलते है न कि कट्टरपंथी इस्लाम की घृणित और बुरी विचारधारा में"।
कट्टरपंथी इस्लाम की घृणित और बुरी विचारधारा"? इससे शक्तिशाली और कुछ नहीं हो सकता। ऐसा लगता है कि जानिन के लोग इसे सम्भवतः " कट्टर अतिवाद की घृणित और बुरी विचारधारा" के रूप में अनूदित करते हैं। दोनों ही एक विश्वसनीय समाचार सेवा के लिये गलत और सही नहीं है।
टिप्पणियाँ :
(1) जानिन अकेली नहीं हैं जो कि कट्टरपंथी इस्लाम के साथ सहानुभूति रखती हैं। और मामलों के लिये, और किसी की ओर नहीं स्पोजमै मैवांडी जिन्हें कि जानिन के घोषणापत्र की प्रतिलिपि भेजी गयी। कन्दाहर रोज के उपनाम वाली मैवांडी वायस आफ अमेरिका के दक्षिण एशिया प्रभाग की निदेशक हैं तथा तालिबान समर्थक रिपोर्ट बनाने के लिये कुख्यात हैं तथा 11 सितम्बर की घटना से दस दिन पूर्व मुल्ला उमर के निकट का साक्षात्कार किया था।
(2) वायस आफ अमेरिका का यह नया निर्देश उस परिपाटी में उपयुक्त बैठता है कि अमेरिका सरकार द्वारा आर्थिक सहायता कार्यक्रम मध्य पूर्व के लिये समस्या खडी करते हैं। दो पहले के मामले ध्यान में आते हैं: 1991 में वायस आफ अमेरिका की बगदाद से रिपोर्ट में सद्दाम के समर्थन की ओर झुकाव 2007 में लैरी रेजिस्टर का अल हरा टेलीविजन से अमेरिका विरोध और इजरायल विरोध के कारण त्यागपत्र। क्या कोई वायस आफ अमेरिका के स्टाफ को सदैव के लिये यह बतायेगा कि उनका कार्य अपने श्रोताओं को प्रसन्न करना या अपनी रेटिंग को अपनी ओर से निर्धारित करने का प्रयास करना नहीं है वरन बाहरी जगत को अमेरिका की मुख्य धारा के विचारों से ईमानदारी पूर्वक अवगत कराना है।
(3) हमें वायस आफ अमेरिका के कर्मचारियों को अवगत कराना चाहिये कि अमेरिका में कट्टरपंथी इस्लाम को लेकर अत्यंत जीवंत बहस चल रही है जबकि वायस आफ अमेरिका इसे इस्लामवादी तरीके से आगे बढा रहा है। 2006में वायस आफ अमेरिका के मरेदित बुएल ने काउंसिल आन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस की प्रेस रिलीज को लेकर मशीनी अंदाज में वायस आफ अमेरिका के समाचार के रूप में प्रस्तुत कर दिया।