एविगडोर लिबरमैन कल ही इजरायल के विदेश मंत्री बने हैं। अपने पद का आरम्भ उन्होंने अपने पहले भाषण से किया जिसके बारे में समाचार पत्रों का मानना है कि उसे सुनकर श्रोता स्तब्ध और सन्न रह गये। उदाहरण के लिये बीबीसी ने हमें बताया कि उनके शब्दों ने , " उनकी पूर्ववर्ती ज़िपी लिवनी को व्याख्यान बीच में बाधित करने को बाध्य किया जबकि कूटनयिक बगलें झाँकते दिखे" ।
उनके लिये और भी बुरा है कि इस भाषण ने मुझे अत्यंत प्रसन्न और गर्वान्वित किया है। यहाँ उन कुछ बिंदुओं को दिया जा रहा है जिन्हें कि लिबरमैन ने अपने 1,100 शब्दों में समेटा।
विश्व व्यवस्था: वेस्टफेलिया की राज्य व्यवस्था मर चुकी है और उसका स्थान नयी व्यवस्था ने ले लिया है जिसमें कि राज्य, अर्ध राज्य तथा अतार्किक अंतरराष्ट्रीय खिलाडी ( अल कायदा सम्भवतः ईरान भी) शामिल हैं।
विश्व की प्राथमिकतायें:इन्हें परिवर्तित होना चाहिये। मुक्त विश्व को अपना ध्यान उन देशों , शक्तियों और कट्टरपंथी ईकाइयों को पराजित करने में लगाना चाहिये , " जो कि इनका उल्लंघन करने का प्रयास करते हैं" । वास्तविक समस्या " पाकिस्तान, अफगानिस्तान , ईरान और इराक"की दिशा से आ रही है न कि इजरायल और फिलीस्तीन के संघर्ष से।
मिस्र: लिबरमैन ने काइरो की प्रशंसा की और "क्षेत्रीय व्यवस्था में उसे एकमात्र स्थिर तत्व बताया और सम्भवतः इससे परे भी " लेकिन मुबारक सरकार को सतर्क किया कि वे वहाँ केवल तभी जायेंगे जब उनके साथी जेरूसलम आयेंगे"
शब्द शांति को दुहराना: लिबरमैन ने पूर्ववर्ती इजरायल सरकारों की खिंचाई करते हुए कहा, " यह तथ्य है कि दिन में 20 बार शांति शब्द का उच्चारण करने से शांति किसी भी प्रकार हमारे निकट नहीं आ जायेगी"
शांति का बोझ: " मैंने एहुद ओल्मर्ट द्वारा अत्यंत उदारता से बनाये गये सभी प्रस्तावों को देखा है परंतु मैंने कोई परिणाम नहीं देखा है" । अब स्थितियाँ बदल गयी हैं , " अगले पक्ष को भी शांति के लिये दायित्व लेना होगा" और कीमत चुकानी होगी।
रोड मैप : उनके भाषण का सबसे आश्चर्यजनक समाचार यह है कि लिबरमैन ने वर्ष 2003 के उस रोडमैप का समर्थन किया जिस कूटनीतिक पहल का उन्होंने उस समय विरोध किया था परन्तु अब उसके सम्बंध में उनका कहना है, " एकमात्र अभिलेख जिसे कि कैबिनेट और सुरक्षा परिषद ने स्वीकृति दी है" । वे इसे ऐसा अभिलेख मानते हैं जिसे स्वीकार करना आवश्यक है और इसे नयी सरकार को लागू करना चाहिये। इसके विपरीत वे विशेष रूप से कहते हैं कि सरकार वर्ष 2007 के अनपोलिस समझौते से बाध्य नहीं है (न तो कैबिनेट ने और न ही केंसेट ने इसे स्वीकृति दी है)
रोडमैप को लागू करना: लिबरमैन इस बात की मंशा रखते हैं कि रोडमैप के शब्दों के अनुरूप ही कार्य करें जिसमें कि इसका सहयोगी अभिलेख भी है। इसके उपरांत उनके भाषण के दो प्रमुख बयान आते हैं:
मैं सभी धाराओं को परे रखने पर कभी सहमत नहीं होऊँगा मेरा विश्वास है कि उनमें 48 हैं और सीधे अंतिम धारा पर आता हूँ , स्थाई बस्ती पर बातचीत । नहीं, इन रियायतों से कुछ भी प्राप्त नहीं होने वाला। हम इसके शब्दों के साथ जुडाव रखेंगे । धारा एक , दो तीन , चार , आतंकवादी संगठनों को नष्ट करना , एक प्रभावी सरकार की स्थापना,फिलीस्तीन अथारिटी में व्यापक संवैधानिक परिवर्तन लाना। हम धारा के अनुसार ही चलेंगे । प्रत्येक धारा में जो कहा गया है उसे लागू करने का हमारा दायित्व है परंतु इसके साथ ही दूसरे पक्ष का भी । उन्हें पूरे अभिलेख को अपनी सम्पूर्णता में लागू करना चाहिये।
रियायत देने की भूल: उन्होंने शेरोन और ओल्मर्ट सरकार के नाटकीय कदमों और काफी आगे जाकर दूसरे पक्ष तक पहुँचने के प्रयास का उल्लेख किया और फिर समापन किया, " परंतु मुझे नहीं लगता कि वे शांति प्राप्त कर सके।इसके विपरीत जब हमने सभी रियायतें दीं तो इजरायल अधिक अलग थलग पड गया जैसे कि 2001 में डरबन सम्मेलन। इसके बाद उनके कुछ अन्य प्रमुख बयान:
हम जनमत में प्रत्येक दिन अपना आधार खो रहे हैं। क्या किसी ने सोचा कि रियायत देने और लगातार यह कहने से कि ; " हम झुकने को तैयार हैं" तथा शब्द " शांति" का प्रयोग करने से कुछ प्राप्त होगा? नहीं, इससे हमारे ऊपर दबाव बढेगा तथा और भी अधिक युद्ध... यदि आपको शांति चाहिये तो आप युद्ध के लिये तैयार रहिये और सशक्त बनिये।
इजरायल की मजबूती: लिबरमैन ने समापन किया और आह्वान किया कि संकल्प शक्ति को बढाना होगा: " विश्व के जनमत में इजरायल सबसे शक्तिशाली कब था ? छह दिन के युद्ध में विजय के पश्चात न कि ओस्लो के I, II, III तथा IV समझौते की रियायत के पश्चात।
टिप्पणियाँ:
(1) लिबरमैन को लेकर मेरे कुछ विचार हैं और वे अब भी हैं परंतु उनके भाषण से उन्होंने शानदार आरम्भ किया है। अत्यंत संक्षेप में यदि कहें तो उन्होंने घोषणा की है कि ; " इजरायल वापस आ गया है"
(2) कुछ समाचार पत्र गलत बात कह रहे हैं कि लिबरमैन ने द्विराज्य समाधान से मना कर दिया।
(3) यह जरूर विडम्बना है कि जिस रोडमैप को लेकर लिबरमैन उत्साह दिखा रहे हैं उसका उस समय उन्होंने और उनके सहयोगियों ने विरोध किया था। विस्तार से इसके बारे में जानने के लिये Four-Part Disharmony: The Quartet Maps Peace. देखें।