प्रसिद्ध अमेरिकी शिक्षविद और राजनीतिक टिप्पणीकार डैनियल पाइप्स का मानना है कि ईरान में पैगम्बरी मानसिकता घर कर गयी है।
पिछले सप्ताह मेलबोर्न में उन्होंने कहा कि , " अहमदीनेजाद इसके बारे में खुल कर बोलते हैं" तेहरान के मेयर रहते हुए उन्होंने 1071 वर्षों से लुप्त बारहवें इमाम महदी के आने की प्रतीक्षा में मार्ग और मस्जिद का निर्माण करने में लाखों डालर खर्च किये थे।
अहमदीनेजाद की शिया शाखा का विश्वास है कि महदी उस समय वापस आयेंगे जब विश्व युद्ध से आप्लावित होगा और इससे अच्छा क्या होगा कि इस प्रक्रिया को स्वयं युद्ध की स्थिति निर्माण कर तीव्र कर दिया जाये।
पाइप्स ईरान की राष्ट्रीय "शहादत" की योजना के बारे में कहते हैं, " इस्लामिक गणतंत्र ईरान एक बडे उद्देश्य के लिये लगा है और चाहे इसका अर्थ स्वयं का विनाश ही क्यों न हो क्योंकि वह योग्य कार्य के लिये होगा"
पाइप्स का कहना है कि , " उनकी दृष्टि से यह आत्मघाती नहीं है यह किसी बडे उद्देश्य के लिये अपने जीवन का त्याग है"
उनका दृढ विश्वास है कि पश्चिम में इस्लामी शासन आ सकता है और आना ही चाहिये।