Zionist and Patriot: The Odyssey of an American Jewish Leader
By Irwin Hochberg
Newton, Mass.: Montefiore Press, 2008
मुझे स्मरण आता है कि 1997 में मैनहट्टन में मिडिल ईस्ट फोरम के लिये आर्थिक सहायता के निमित्त जब इरविन होचबर्ग से मिला तो उन्होंने अत्यंत व्यवस्थित ढंग से टाइप किया हुआ दिन भर का कार्यक्रम दिखाया । मुझे लगा कि एक बडी फर्म के मुखिया होने के चलते दिन भर वे ग्राहकों, अपने सहयोगियों या अन्य अपने कार्य से सम्बंधित गतिविधियों में व्यस्त रहेंगे । परंतु ऐसा नहीं था वरन उनके दिन की सभी गतिविधियों में लोगों को सेवा के लिये आर्थिक सहायता देने या अन्य सेवा कार्य का कार्यक्रम अधिक था , जिसमें कि मुझे आर्थिक सहायता प्रदान करना, अन्य लोगों की सहायता करना , एक कक्षा में अध्यापन कार्य करना , कोई निवेश करना , प्रशासन करना तथा इजरायल के कल्याण और सुरक्षा को आगे बढाना शामिल था ।
इसी प्रकार एक बार इरविन के सम्मान में एक भोज का आयोजन किया गया जहाँ कि मेजबान जो कि इजरायल के लिये आर्थिक सहायता एकत्र करने वाले गैर लाभ अर्जित करने वाली संस्था ने उनके जीवन पर एक अति गुणवत्ता सम्पन्न और विस्तृत चित्रावली प्रस्तुत की जिससे यह स्पष्ट होता था कि उनका कार्य क्या था?
मैंने इन घटनाओं का उल्लेख इसलिये किया कि इनसे मुझे ज्ञात हुआ कि किस असाधारण स्तर तक इरविन ने इजरायल के प्रति अपना समय और अपनी भावना लगायी है। जैसा कि चित्रावली और फिल्म से प्रतीत हुआ कि उनके व्यवसाय के लाभ से उन्हें अर्थ और उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा प्राप्त हुआ जो कि उनके जीवन को परिभाषित करता है।
इस संस्मरण से ज्ञात होता है कि किस प्रकार यह कार्य किया गया। यह रोचक है कि अपने अधिकार में इरविन अमेरिका और इजरायल के सम्बंधों में एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्यक्तित्व हैं लेकिन उनकी कहानी का अधिक महत्व इस बात में निहित है कि न केवल उन्होंने वरन हजारों अन्य सफल पेशेवर लोगों ने अमेरिका में स्वयं को इजरायल के लिये खपाया है।
1930 के दशक में जब इजरायलवाद एक साम्प्रदायिक मुद्दा बन गया तो इरविन जैसे लोगों ने इस लहर को रोका , बैठकें की , कार्यक्रम आयोजित किये, इजरायल के लोगों की यात्रा का समन्वय किया , इजरायल की यात्रा की , मध्य पूर्व के सम्बंध में गहराई से अध्ययन किया , राजनीतिक तर्क विकसित किये और वाशिंगटन में लाबिंग की। 1948 में इजरायल की स्वतन्त्रता से पूर्व जैसा कि लिवोनार्ड स्लेटर ने अपनी 1970 की पुस्तक The Pledge में अभिलेखित किया है कि उन्होंने इशुवा की सेना हगाना के लिये सैन्य अवसंरचना की तस्करी भी की। उनकी उदारता धन के साथ आरम्भ होती है परंतु इससे कहीं आगे जाती है: जैसा कि इरविन ने आने वाले पृष्ठों में विस्तार से बताया है कि इजरायल के समर्थन में कार्य एक लघु पूर्णकालिक कार्य है जिसमें कि प्रातः काल के अध्ययन से सायंकाल के सामाजिक कार्यक्रम तक यही शामिल रहता है।
इरविन तथा अन्य कार्यकर्ता दोनों ही इजरायलवादी प्रवासियों के समृद्ध सम्बंध को बनाकर रखते हैं और इसे राजनीतिक शक्ति प्रदान करते हैं। एक उदाहरण देखें गोर्डी जैक्स के मामले में । ओहियो में आर जी बैरी कारपोरेशन के अध्यक्ष रहते हुए तथा जार्ज डब्ल्यू बुश से सतत सम्बंध रहते हुए और यह सम्बंध जिसका कि मायने था और उनकी जीवनी के अनुसार," रीगन और बुश प्रशासन में राजदूत बनने से इंकार कर दिया और बुश कायले प्रशासन में कैबिनेट में कोई पद लेने से इंकार कर दिया ताकि तत्कालीन उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति बुश के अनधिकारिक सलाहकार और विश्वसनीय रह सकें। माह में एक बार वे व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति जार्ज एच डब्ल्यू बुश से मिलकर इजरायल अमेरिकी सम्बंधों पर चर्चा करते थे , साथ ही मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया , सोवियत यहूदियत तथा अमेरिका के यहूदी समुदाय की राजनीतिक स्थिति" पर
यह कहना सुरक्षित है कि इस प्रकार की भागीदारी अपने आप में कहीं भी और किसी भी समय अद्वितीय है।
अमेरिका और इजरायल के सम्बंधों को अपनी ऐतिहासिक शक्ति बनाये रखने के लिये यद्यपि कार्यकर्ताओं की नयी पीढी को आगे आना होगा ताकि वे अपने अग्रजों का स्थान ले सकें। हाल के वर्षों में अमेरिकी यहूदियों की युवा पीढी में इजरायल के प्रति उतना लगाव नहीं रहा है। वर्ष 2007 में स्टीवन एम कोहेन तथा एरी वाई केलमान के अध्ययन Beyond Distancing: Young Adult American Jews and Their Alienation from Israel में इसे इंगित किया गया था। परंतु अभी हाल के शोध American Jewish Attachment to Israel: An Assessment of the "Distancing" Hypothesis में थियोडोर सासोन , चार्ल्स कादूसिन तथा लियोनार्ड साक्स ने इस रुझान का खंडन किया है। इसके बजाय उनका तर्क है कि , " इजरायल के प्रति झुकाव को लेकर आयु सम्बंधी भिन्नता जीवन चक्र से अधिक सम्बन्धित है न कि पिछली पीढी के विविध अनुभव से सम्बंधित है। जैसे जैसे अमेरिकी यहूदी अधिक अवस्था के होते जाते हैं वे इजरायल के साथ अधिक भावनात्मक रूप से जुडते जाते है"
यह कोई संयोग नहीं है कि इरविन पूरी तरह से 50 वर्ष की अपनी अवस्था में लिप्त हुए थे । मेरा विश्वास है कि अत्यंत शक्तिशाली ढंग से प्रस्तुत उनका उदाहरण अन्य लोगों को जानकारी देगा और प्रेरित भी करेगा।