104 हत्यारों को सद्भाव के तौर पर फिलीस्तीन अथारिटी को सौंपने के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के निर्णय को डैनी डानन ने मूर्खतापूर्ण कहा है।
वैसे वे अकेले पर्यवेक्षक नहीं हैं ( मेरे सहित myself) जो इस कदम से आक्रोश में हैं। परंतु 42 वर्षीय डैनी डानन की इस पूरी बहस में अपनी अलग भूमिका है। क्योंकि वे (1) इजरायल की संसद में लिकुड पार्टी के सदस्य के रूप में बैठते हैं। (2) वे लिकुड की शक्तिशाली केंद्रीय समिति के अध्यक्ष हैं। और वे (3) इजरायल के रक्षा राज्य मंत्री हैं। अमेरिकी संदर्भ में उनकी आलोचना 2010 के एक साक्षात्कार में जनरल स्टेनली मैक्रिस्टल Stanley McChrystal's 2010 interview द्वारा उपराष्ट्रपति जोय बिडेन का उपहास उडाने से मेल खाती है । परंतु मैक्रिस्टल कुछ ही दिनों में अपने पद से चले गये थे जबकि इसके विपरीत डानन का प्रभाव और कद दोनों बढ रहा है।
डानन ने जिस प्रकार अपने ही प्रधानमंत्री के निर्णय की आलोचना की है उससे यह संकेत मिलता है कि वे सामान्य राजनेता नहीं हैं। तीन गुण दिखाई देते हैं: सिद्धांत के प्रति समर्पण, रणनीतिक सूझ बूझ तथा एक दृष्टि को व्यक्त करने की क्षमता ।
डानन अपनी पार्टी और अपने देश के मूल सिद्धांतों के लिये खरे उतरे हैं। जब भी उनकी पार्टी ने भूल की है तो उनका विरोध करके जैसे कि 2009 में पश्चिमी तट में यहूदियों की बस्तियों को रोकने का निर्णय हो या फिर दो राज्य समाधान अस्वीकार करना हो उन्होंने अपने चरित्र की ढृढता का परिचय दिया है। जैसा कि वे संकेत देते हैं , " तीस लोगों के कक्ष में रहकर एकमात्र ना कहना आसान नहीं होता है"
इजरायल के नेशनल कैम्प संस्थाओं की माध्यम से उनके उत्थान में उनकी रणनीतिक क्षमता निहित है:
उज़ी लंडाउ के सहायक के तौर पर विश्व बेटार संगठन में काम करना, उसके उपरांत विश्व लिकुड संगठन के प्रमुख, पार्टी के नेता के तौर पर प्रधानमंत्री को चुनौती देने वाले और सडकों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करने वाले। इन प्रयासों के चलते वे मतदाताओं की सूची में ( पाँचवें नम्बर पर आये) आगे आये और रिकार्ड 85 प्रतिशत मत प्राप्त कर वे लिकुड की केंद्रीय समिति के प्रमुख बने। इसी कारण फारवर्ड Forward समाचार पत्र ने उन्हें " सोशल और परम्परागत मीडिया का स्वामी कह डाला" और टाइम्स आफ इजरायल Times of Israel ने उन्हें "फिलीस्तीनी राज्य के निर्माण में सबसे बडी बाधा बताया"
अंत में दृष्टि : इसकी पूर्ण अभिव्यक्ति 2012 में उनकी पुस्तक Israel: The Will to Prevail में हुई जब उन्होंने देश की विदेश नीति को लेकर एक महत्वाकाँक्षी और विपरीत विचारों को रेखाँकित किया। उन्होंने तर्क दिया, "इतिहास ने हमें दिखाया है कि इजरायल बेहतर रहा है जब इसने अपने अनुसार कार्य किया है" हालाँकि इसका अर्थ है कि अमेरिकी प्रशासन की इच्छा के विपरीत जाना" उन्होंने उपसंहार किया कि, " यहूदी राज्य तब बेहतर चलता है जब वह अपने सर्वाधिक हित के लिये निर्णय लेता है" उनका कहना है कि , " जेरूसलम को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिये और वह भी अपने सहयोगियों या सहयोगियों के बिना"। यह तर्क सामान्य तौर पर अनेक राज्यों के लिये भी सही ही है परंतु इजरायल जैसे छोटे और चारों ओर से घिरे राज्य के लिये तो अत्यंत साहसिक है।
ऐसा प्रतीत होता है कि डानन का अवसर आ गया है। अब जबकि नेतन्याहू फिलीस्तीन अथारिटी के पक्ष में अतिशय और अनैतिक छूट दे रहे हैं तो ऐसे में डानन एक अग्रणी विद्रोही के रूप में उभरे हैं जो कि अपने प्रधानमंत्री को चुनौती दे रहा है ( मूर्खतापूर्ण को याद करें) । नेतन्याहू अब अपनी ही पार्टी में स्वीकार्य नहीं हो रहे हैं और किसी नये के लिये यह अवसर छोड दें ( 2005 में एरियल शेरोन ने जो किया उसी मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं) , ऐसे समय में डानन एक सम्भावित प्रत्याशी हो सकते हैं जो कि लिकुड का नेतृत्व कर सकते हैं और साथ ही चुनाव भी जीत सकते हैं।
उनके उत्कर्ष का एक प्रतीक उनके लिये प्रयोग होने वाले शब्द हैं। न्याय मंत्री ज़िपी लिवनी ने इसे "डाननवाद" कहा है और माँग की है कि नेतन्याहू को इसे अस्वीकार कर देना चाहिये। हारेज समाचार पत्र के अतिवामपंथी स्तम्भकार ग़िडियोन लेवी ने असम्मान दर्शाते हुए परंतु भयभीत होते हुए लिखा कि , " छोटे डैनी डानन बडे हो जायेंगे , इजरायल दक्षिणपंथ की यह शक्कर काफी दूर तक जायेगी"
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में देखें, 1992 में शांत परंतु सिद्दांतवादी यित्जाक शमीर के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद से उनके छह उत्तराधिकारी राजनीतिक विश्वासघात में संलग्न रहे हैं साथ ही नैतिक भ्रष्टाचार और छलपूर्ण अहंमन्यता भी इनके व्यवहार का अंग रहा है। शेरोन ( 2001 -06) ने अपने जनादेश के साथ विश्वासघात किया और इस हद तक चले गये कि उन्हें अपनी पार्टी छोडनी पडी यहाँ तक कि उनकी आर्थिक अनियमितताओं के चलते उन्हें लगातार कानून के संकटों का सामना करना पडा। येहुद ओलमर्ट (2006 -09) को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते त्यागपत्र देना पडा। ईरान के खतरों पर ध्यान देकर नेतन्याहू ने 2009 से ठीक ठाक काम किया परंतु अभी हाल का 104 हत्यारों को लेकर उनका निर्णय उनके छह माह पूर्व के चुनावी आधार के पूरी तरह विपरीत है।
व्यक्तिगत रूप से कहूँ तो, शमीर के बाद लगातार दो दशकों से मैं लगातार किसी चरित्रवान , ऊर्जावान , क्षमतावान और दृष्टिसम्पन्न नेता की ओर देख रहा हूँ जो कि इजरायल का नेतृत्व कर सके। मैं डानन को 2009 से जानता हूँ और मैंने निष्कर्ष निकाला है कि उनमें आवश्यक गुण हैं। मैं आशा करता हूँ और अपेक्षा करता हूँ कि वे अपने सिद्दांतों पर डटे रहेंगे और उस स्तर तक जायेंगे जहाँ कि वे यहूदी राज्य की वर्तमान छलपूर्ण राजनीति को समाप्त कर इसे भी देश की अनेक उल्लेखनीय उपलब्धियों के साथ खडा कर देंगे । काफी कुछ अभी संतुलन में है।