२ दिसम्बर को कैलिफोर्निया में सैन बर्नार्डिनो में १४ लोगों का नरसंहार करने वाले विवाहित युगल सैयद रिजवान फारूक और तशफ़ीन मालिक के जीवन और आशय के बारे में गहरी छानबीन कर पुलिस और प्रेस ने अत्यंत प्रभावी कार्य किया |
हम उनके परिवारों, उनकी पढाई और रोजगार के इतिहास के बारे में जानते हैं , उनकी यात्रा , उनके विवाह , उनके बयानों और हमले के लिए उनकी तैयारियों के बारे में भी जानते हैं | सबसे महत्वपूर्ण है कि प्रष्ठभूमि पर किये गए इस कार्य से हम जानते हैं कि इस युगल के जिहादी आशय थे जिसका अर्थ है कि उन्होंने एक पवित्र मुस्लिम की भूमिका में इस्लाम के सन्देश, क़ानून और उसकी सार्वभौमिकता के प्रचार के लिए हमले किये|
इन तथ्यों को जानने के बाद हमारी पूरी राजनीति पर इसका गंभीर प्रभाव होने वाला है अमेरिका के लोगों को ९\११ के बाद पहली बार जिहादी हिंसा ले लिए कहीं अधिक चिंतित होने की आवश्यकता है | उदाहरण के लिए २०११ में कुल सर्वेक्षण किये लोगों में ५३ प्रतिशत लोगों ने बताया कि आतंकवाद एक गंभीर मुद्दा है और अब यह संख्या ७५ प्रतिशत हो गयी है|
लेकिन युसूफ इब्राहिम के मामले का क्या? वर्ष २०१३ के आरम्भ में जब वह २७ वर्ष का था तो इजिप्ट में जन्मा यह मुस्लिम जर्सी सिटी में रहता था जब उसने दो काप्टिक ईसाइयों हैनी ऍफ़ तावार्डोस और अमजद इ कोंड्स को कथित तौर पर गोली मारी, फिर उनके सर काटे, और फिर उनके दांत निकालकर उन्हें न्यूजर्सी के बयूय्ना विस्टा शहर में दफना दिया|
उसे दो स्तर पर हत्या की सजा हुई उनमें से प्रत्येक में हत्या, और छिनैती की हत्या , अपहरण, डकैती , मानव अवशेष को नष्ट करना और अन्य अपराध की सजा हुई | इसके अतिरिक्त उसे २२ दिसम्बर , २०११ को कार अपहरण करने और २० सितम्बर २०१२ को हथियारों की डकैती दोषी सिद्ध करने की अपील की गयी जो दोनों ही जर्सी सिटी में थे ( बाद में उसने अपने पीड़ित को पैर में गोली मार दी) और २०१५ के आरम्भ में उसे इन बाद के अपराधों के लिए १८ वर्षों की सजा दी गयी
दोनों ही सर काटने की घटनाएं अपने में अत्यंत ह्रदयविदारक और बीभत्स हैं जिहाद से पोषित हैं ( जिसे पुलिस भाषा में " आतंकवादी " कहते हैं) इतिहासकार टिमोथी फुर्निश व्याख्या करते हैं कि "धड से सर अलग करने का कर्मकाण्ड इस्लाम की धार्मिक और ऐतिहासिक परम्परा का लम्बे समय से अंग रहा है" जो कि एक अलग प्रकार की मुस्लिम ह्त्या का स्वरुप है | एक गैर मुस्लिम की मुस्लिम द्वारा हत्या इस्लामी सर्वोच्चता की अनंतकालीन परिपाटी का हिस्सा रहा है| यह संयुक्त राज्य में हाल के वर्षीं में व्यवहार की परिपाटी के दुखद पहलू को प्रकट करता है|
फिर भी पुलिस, राजनेता, प्रेस और प्रोफेसरों ( व्यवस्था ) ने इसके इस्लामी कोण की ओर तनिक भी ध्यान नहीं दिया है , और इस दोहरी सर काटने की घटना और शरीर के अंगों को क्षत विक्षत करने की घटना को सामान्य स्थानीय ह्त्या ही माना | इस लक्षण के अनुरूप पुलिस रिपोर्ट ने इब्राहिम की गिरफ्तारी में प्रेरणा का कोई उल्लेख नहीं किया और इस प्रकार प्रेरणा के उल्लेख न होने से snopes.com जिसका वामपंथी रुझान है ( जो कि स्वयं को शहरी युग पुरुषों , मिथक, पारम्परिक विश्वास , अफवाह और गलत सूचना के मामले में निश्चित रूप से इंटरनेट पर सन्दर्भ है ) उसने और आगे बढकर इस बात को सिरे से नकार दिया कि मुख्यधारा के मीडिया ने इस घटना की उपेक्षा की है| पहिया चल निकला है|
घटना के लगभग तीन वर्षों के बाद हमें इब्राहिम के बारे में कुछ भी पता नहीं है , उसका आशय, उसके अन्य संभावित लोगों से सम्बन्ध, या फिर उसका संस्थागत जुडाव | हमें पीड़ित के साथ हमलावर आरोपी के संबंधों का भी पता नहीं हैं : वह कोई अपराधी था जो अपनी उपलब्धियों से कुंठित था, कोई मित्र था जिसने अधिक शराब पी रखी थी , कोई प्रेमी था जो कि किसी महिला के लिए प्रतिस्पर्धा में था , उत्तराधिकार के लिए परिवार के लोगों के संभावित लोगों को समाप्त कर रहा था या फिर कोई पागल था जो आने जाने वाले लोगों को ऐसे ही गोली मार रहा था | या फिर वह एक जिहादी था जो कि इस्लाम की सार्वभौमिकता , सन्देश और क़ानून को फैला रहा था ?
मैं इन प्रश्नों का उत्तर नहीं दे सकता क्योंकि मामला पूरी तरह अस्पष्ट है और कुछ तकनीकी विषयों पर सामने आता है ( जैस कि इब्राहिम की जमानत या फिर अपराध स्वीकार करने जैसे मामले ) और इनमें से किसी में भी तथाकथित अपराध के ऊपर कोई प्रकाश नहीं पड़ता |
इब्राहिम का मामला कोई अस्वाभाविक नहीं है| मैंने जिहादी हिंसा के संभावित मामलों की सूची बनाई है (यहाँ, यहाँ और यहाँ) जहाँ कि व्यवस्था ने इस्लामिक आयाम को छुपाने के लिए रास्ता साफ़ किया जहां कि अपराधियों को सामान्य अपराधी माना गया जबकि उनकी जीवनी , आशय, और सम्बन्ध जाँच में किसी काम के नहीं रहे और इसलिए उनपर कोई काम नहीं हुआ|
संभावित जिहाद को लेकर अमेरिका के लोगों को चुप रखना ( या अन्य कहीं भी पश्चिम के सहयोगियों को) और यह सोचना कि यह अत्यंत दूर है उसके व्यापक परिणाम होने वाले हैं | यदि अमेरिका की राजनीति अपने पूरे स्वरुप में जिहाद की सम्पूर्णता को समझे तो चेतावनी कहीं गंभीर होगी ; और जो लोग आतंकवाद को गंभीर मुद्दा कह रहे हैं उसकी संख्या ७५ प्रतिशत से कहीं अधिक होगी| इससे अंत में व्यवस्था को जिहाद की गंभीरता को समझ कर उसका मुकाबला करने के लिए तैयार होना होगा|