2 मई, 2017 को नाटो संसदीय सभा (जिसे नाटो पी ए के नाम से भी जानते हैं) की राजनीतिक समिति के निदेशक की ओर से एक विनम्र पत्र आया और पूछा गया कि क्या मेरा संगठन मिडिल ईस्ट फोरम सभा के सदस्यों के लिए, "बहस और बैठकें आयोजित करने में सक्षम है"
मेरी तरह जो लोग नाटो पीए के बारे में अधिक नहीं जानते हैं उनके लिए, " समस्त एटलान्टिक गठबंधन के संसद सदस्यों का एक अद्भुत और विशेष मंच है जहां कि गठबंधन की सुरक्षा से जुड़े विषयों पर बहस होती है और उन्हें प्रभावित भी किया जाता है | इसकी राजनीतिक समिति , " नाटो और इसके सदस्यों तथा सहयोगी देशों की सुरक्षा से जुड़े सभी राजनीतिक प्रश्नों पर ध्यान देती है"
मिडिल ईस्ट फोरम ने तत्काल बैठक आयोजित करने पर सहमति दे दी और 19 सितम्बर को फिलाडेल्फिया के इन्डेपेंडेंस माल में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए तैयारी करते हुए 12 देशो के 26 संसद सदस्यों के समक्ष इस विषय पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए विशेषज्ञों को निमंत्रण देना भी आरम्भ कर दिया | इनमें नार्वे से तुर्की और पोलैंड से पुतर्गाल तक के लोग शामिल थे | सीरिया के संघर्ष से लेकर नाटो के मिशन के अधिक गंभीर विषय ( क्या यह इस्लामवाद से उसी प्रकार लडेगा जैसा कि इसने कम्युनिज्म से लड़ाई की थी?) में तुर्की की केन्द्रीय भूमिका को देखते हुए हमने तुर्की के दो गुटों को बुलाया दोनों ही इस्लामवादी हैं : रिसेप तईप एरडोगन की सराकर और फेतुल्लाह गुलेन आन्दोलन |
( अभी हाल के कुछ वर्षों तक दोनों सहयोगी थे ; अब सरकार ने आरोप लगाया है कि गुलेन ने जुलाई 2016 में उनका तख्ता पलटने का प्रयास किया था और इसके बाद गुलेन आन्दोलन को " आतंकवादी" घोषित कर दिया गया और जिन्हें जेल में ठूस सके जेल भेल दिया और जिन्हें जेल नहीं भेज पाए उनसे नफ़रत करने लगे)
गुलेनवादी बौद्धिक ग्रुप के रूमी फोरम के अध्यक्ष एमर सेलिक ने तत्काल वक्ता के रूप में कार्यक्रम के लिए सहमति दे दी, परन्तु वाशिंगटन में तुर्की के दूतावास को दिए गए निमंत्रण की ओर से किसी उत्तर की प्रतीक्षा करते रहे| अंत में कार्यक्रम से एक सप्ताह पहले राजनीतिक समिति के सदस्य ने हमें सूचित किया कि अंकारा में राष्ट्रपति के कार्यालय से सन्देश आया है कि श्रीमान सेलिक को कार्यक्रम से हटा दिया जाए | यदि हमने ऐसा करने से मना किया तो सम्मेलन रद्द हो जाएगा |
मेरी आरंभिक प्रतिक्रिया तो यही थी, " रद्द होने दो" | परन्तु सम्मेलन के आयोजन के लिए जिस मात्रा में धन, समय और प्रतिष्ठा झोंकी गयी थी उसे देखते हुए फोरम के लिए इसे रद्द करना दुखद था | परन्तु इसके साथ ही हम नाटो पीए जैसे पश्चिम के तुष्टीकरण के उस मार्ग पर भी नहीं चलना चाहते थे जो किसी भी कदम के लिए तुर्की के तानाशाह एरडोगन की ओर देखते हैं|
हमने एक असामान्य क्रियाकलाप का सहारा लिया | सेलिक का नाम कार्यक्रम से हटा दिया गया और दूतावास के कूटनयिकों को यह दिखा दिया गया | पर सेलिक की सहमति से हमने पीछे के दरवाजे से बैठक में उनके शामिल होने का इंतजाम कर लिया और उनसे कहा कि वे बाहर तब तक प्रतीक्षा करें जब तक कि अंतिम सत्र में मैं एरडोगन के सामने झुक जाने से नाटो की प्रतिष्ठा को हुई क्षति पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सेलिक को मंच पर बोलने के लिए न बुलाऊँ |
जैसे ही मैंने सेलिक की उपस्थिति की घोषणा की समस्त तुर्की प्रतिनिधि खड़े हो गए और तेज आवाज में विरोध करने लगे उनकी आवाज का शोर इतना तेज था कि हमारे सुरक्षा कर्मियों ने सेलिक को बचाया| नाटो पीए के सह अध्यक्ष मेरे कार्य से चौंक गए और इसे " बम गिराने" की संज्ञा दी और सेलिक को एक ओर धकेल कर मंच को अपने कब्जे में ले लिया | वीडियो के लिए यहाँ क्लिक करें|
अपने समापन भाषण में सह अध्यक्ष ने सभा सामप्त करने का प्रयास किया पर मैंने हस्तक्षेप किया और इस बात पर जोर दिया कि यह हमारा कार्यक्रम है और फिर से सेलिक को बोलने के लिए बुलाया | जैसे ही उन्होंने बोलना आरम्भ किया पहले तुर्की के लोग और फिर समस्त नाटो पीए प्रतिनिधि मंडल सभा कक्ष छोड़कर चले गये और पीछे रह गए तो हमारे अतिथि जिन्होंने सभा को जारी रखते हुए सेलिक का जोरदार तालियों से स्वागत किया |
यह तिकड़म अपनाने के लिए मैं नाटो पीए से क्षमा चाहता हूँ | परन्तु इस छल के साथ खड़ा हूँ | हमारे लिए यह असंभव था कि हम अपने लोगों की " स्वतंत्रता की रक्षा करने" के नाटो के आधारभूत सिद्धांत की अवहेलना कर दें | इसके साथ ही हमारे लिए यह भी असंभव था कि इन्डेपेंडेंस हाल और लिबर्टी बेल के सामने हम फोरम के लोगों से यह कहें कि विदेशी तानाशाह की इच्छा के सामने समर्पण कर दें|
मुझे निश्चय ही आशा है कि नाटो की संसद सभा के प्रतिनिधियों ने सभा से बाहर चले जाने के बाद भी मन ही मन में एक तानाशाह के सामने डट कर खड़े होने के हमारे प्रयास की सराहना की होगी और इस छोटे से विरोध से प्रेरणा ली होगी | शायद वे एरडोगन की गुंडागर्दी के आगे खड़े होना सीख जाएँ जो कि इस मामले में उन्होंने नहीं किया |