फिलीस्तीनी अथारिटी के राष्ट्रपति महमूद अब्बास की फतह पार्टी ने शनिवार को घोषणा की , " जेरूसलम के लिए अभियान का आरम्भ प्रभावशाली ढंग से हो चुका है, और यह तब तक नहीं थमेगा जब तक फिलीस्तीनी विजय प्राप्त नहीं होती और इजरायल के कब्जे से पवित्र स्थल मुक्त नहीं हो जाते|" फतह ने मांग की कि टेम्पल माउन्ट पर अल अक्सा मस्जिद के प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर और अन्य सुरक्षा यंत्र हटा लिए जाएँ| एक सप्ताह पूर्व इजरायल के दो पुलिस कर्मी आतंकवादियों के हाथों मार गिराए गए थे जिन्होंने मस्जिद के भीतर हथियार छुपा रखे थे |
फतह का बयान अतार्किक और आडम्बरपूर्ण था | मुस्लिम बहुल देशों में बहुत सी मस्जिदों में श्रद्धालुओं, पर्यटकों और पुलिस की रक्षा के लिए यही सुरक्षा तकनीक प्रयोग में आती है| इसके बाद भी श्रीमान अब्बास ने इजरायल की सरकार को इस बात के लिए विवश किया कि वे इसे हटा लें| ऐसा करते हुए उन्होंने पुलिसकर्मियों की हत्या से ध्यान भटकाकर अतिशय धार्मिक प्रतिक्रिया का भय लोगों के मन में व्याप्त कर दिया|
टेम्पल माउंट संकट पूरी तरह यह स्पष्ट करता है वे तीन कौन से कारण हैं जो इस तथ्य की व्याख्या करता है कि स्थिर रूप से 80 प्रतिशत फिलीस्तीनी इस बात में विश्वास करते हैं कि वे यहूदी राज्य को नष्ट कर सकते हैं ये कारण हैं : इस्लामी सिद्धांत , अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और इजरायल की कायरता |
इस्लाम को इस बात की अपेक्षा रहती है कि कोई भी भूमि जो कभी मुस्लिम नियंत्रण में रही है वह धर्मादा है और उसका मुस्लिम शासन में आना अवश्यम्भावी है| इस विचार के साथ लगाव की शक्ति है: जरा सोचिये ओसामा बिन लादेन ने अन्दालुसिया को पुनर्जीवित करने का स्वप्न देखा और तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तईप एरडोगन बाल्कन पर अपना प्रभाव स्थापित करने का स्वप्न देखते हैं| फिलीस्तीनी लगातार अपने विश्वास को प्रकट करते रहते हैं कि इजरायल राज्य कुछ ही दशकों में ध्वस्त हो जाएगा|
टेम्पल माउंट पर संघर्ष अद्वितीय रूप से इस आशा को प्रोत्साहित करता है क्योंकि यह विषय स्थानीय मुस्लिम समुदाय से परे समस्त विश्व के 1.6 बिलियन मुसलमानों में से बहुतों की भावनाओं को भडकाने की क्षमता रखता है| अधिकतर प्रमुख मुस्लिम नेताओं और संस्थाओं ने टेम्पल माउंट की सुरक्षा प्रक्रिया पर फतह की स्थिति का जोरदार समर्थन किया | फिलीस्तीन समर्थक विषय पर सर्वानुमति से परे किसी अन्य विषय पर इस्लामी एक स्वर अत्यंत दुर्लभ है| फिलीस्तीनी इस बात पर अत्यंत उत्साहित हैं कि उन्होंने इतने बड़े अभियान में अग्रणी भूमिका निभाई |
फिलीस्तीन की इस भावना को पर्याप्त अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिलता है| युनेस्को इजरायल को लक्ष्य करते हुए लगातार आलोचना के प्रस्ताव पारित करता है| कोलम्बिया विश्वविद्यालय में फिलीस्तीन अध्ययन केंद्र स्थापित हैं| प्रमुख व्यावसायिक संस्थान जैसे गूगल और समाचार संगठन जैसे बी बी सी इस बात का दिखावा करते हैं कि फिलीस्तीन जैसा कोई देश है | विदेशी आर्थिक सहायता ने फिलीस्तीन की छद्म अर्थव्यवस्था स्थापित कर दी है जिसने 2016 में 4.1 प्रतिशत की विकास दर प्राप्त की
टेम्पल माउंट संकट में अमेरिकी सरकार, यूरोप और व्यावहारिक रूप से देखें तो सभी ने कतार में लगकर मेटल डिक्टेक्टर और उच्च श्रेणी के कैमरे या कोई अन्य उपकरण लगाने का विरोध किया जिससे कि जिहादी हमलों को रोका जा सके| मध्य पूर्व पर रूस महासंघ, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपियन संघ और संयुक्त राष्ट्र संघ के संगठन ने इस बात का स्वागत किया, " इजरायल के प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया है कि जेरूसलम में पवित्र स्थल पर यथास्थिति बनाए रखी जायेगी और उसका सम्मान किया जाएगा|" इस प्रकार के लगभग एक स्वर से प्राप्त समर्थन से फिलीस्तीन के लोग सरलता से कल्पना कर सकते हैं कि वे यहूदी राज्य से अधिक शक्तिशाली हैं|
इजरायल की सुरक्षा सेवा की ओर से कायरतापूर्ण ढंग से ऐसे कदम उठाये जाने से परहेज किया जाता है जिससे कि फिलीस्तीनी परेशान हो जाएँ| इस नरम स्वभाव के पीछे कोई आदर्श नहीं है बल्कि फिलीस्तीनी लोगों के बारे में यह धारणा है कि उनमें सुधार संभव नहीं है और वे समस्याएं खड़ी करते हैं| इसी आधार पर पुलिस, खुफिया एजेंसी और सेना इस बात पर राजी हैं कि शान्ति बनाए रखने के लिए ऐसा कोई भी कदम न उठाया जाए जिससे कि फिलीस्तीनी अपनी आर्थिक सहायता से वंचित हों या फिर उन्हें कठोरता से दण्डित किया जाए कि वे अपने विशेषाधिकार से वंचित हो जाएँ|
इजरायल की सुरक्षा व्यवस्था के लोग जानते हैं कि फिलीस्तीन अथारिटी हत्या को उकसाने और उसे सहायता देना जारी रखेगा क्योंकि यह इजरायल की वैधानिकता को समाप्त करना चाहता है और इसे अलग थलग करना चाहता है| परन्तु यही सुरक्षा व्यवस्था इन चुनौतियों के साथ जीना पसंद करती है न कि श्रीमान अब्बास को दण्डित कर उनकी स्थिति कमजोर कर एक और इंतिफादा की संभावना को रोके| फिलीस्तीन अथारिटी का ध्वस्त होना और प्रत्यक्ष रूप से इजरायल का शासन वापस आना सुरक्षा व्यवस्था को एक बुरे स्वप्न जैसा लगता है| श्रीमान अब्बास को यह पता है और इस सप्ताह की शर्मनाक स्थिति ने प्रदर्शित कर दिया है कि वे इजरायल के भय का दोहन कर इसके आधार को खिसकाना चाहते हैं और इजरायल को नष्ट करना चाहते हैं|