उत्तरी अमेरिका के सबसे बड़े , मुखर और खतरनाक इस्लामवादी संगठन काउंसिल ऑन अमेरिकन इस्लामिक रिलेश्न्स ने ए.सी.ए.आई.आर(Anti C.A.I.R) के एन्ड्रयू व्हाईट हेड के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा दायर किया . ए.सी.ए.आई.आर(Anti-C.A.I.R) अपने नाम से ही अपने उद्देश्य की पुष्टि करता है .
मार्च 2004 में सी.ए.आई.आर द्वारा दायर किया गया मुकदमा अपने विरोधियों की आवाज को बन्द करने का और उन्हें ठंडा करने की नीति का हिस्सा माना जा रहा है . .सी .ए. आई .आर ने दावा किया है कि वे ए.सीए.आई.आर (Anti-C.A.I.R) की वेब साईट के उन छह वक्तव्यों से क्षतिग्रस्त हुए हैं जिसमें कहा गया है कि सी.ए.आई.आर की स्थापना हमास के समर्थकों ने की है , इसे आर्थिक सहायता आतंकवादियों से प्राप्त होती है तथा इसकी मंशा अमेरिका में इस्लामिक कानून लागू करने की है .
इसके बाद 20 जून 2005 को सी.ए.आई.आर ने संशोधित प्रारुप दायर कर छह के बजाए दो वक्तव्यों को मानहानि परक बताया . ये दो वक्तव्य इस प्रकार हैं-
1. इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि सी.ए.आई .आर आतंकवाद समर्थक संगठन है .
2. सी.ए.आई.आर अमेरिका की संवैधानिक सरकार को अपदस्थ करना चाहता है .
सी.ए.आई.आर ने आखिर व्हाइटहेड के विरुद्ध अपना दावा इतना कम क्यों कर दिया .
ऐसा इस लिए हो सकता है कि रोड रुबिन्सटीन सी.ए.आई.आर विरुद्ध व्हाईटहेड के मुकदमे की पैरवी कर रहे थे जिन्होंने काफी खोजबीन के आधार पर अपने दस्तावेज़ तैयार कर रखे थे . इन दस्तावेजों से सी.ए.आई.आर को स्पष्ट हो गया कि व्हाइटहेड ने उनके बारे में काफी जानकारी प्राप्त कर रखी है. सी.ए.आई.आर को लगा कि व्हाइटहेड के विरुद्ध अदालत में उनका मामला औंधे मुंह गिर जाएगा.
सी.ए.आई.आर द्वारा संशोधित प्रारुप प्रस्तुत किये जाने के दो परिणाम परिलक्षित होते हैं . सी.ए.आई.आर ने लगभग स्वीकार कर लिया है कि व्हाइटहेड के वक्तव्यों से हटाये गये अंश में सच्चाई है और अब बिना किसी कानूनी भय के इसे बार –बार दुहराया जा सकेगा.
हम यहां उन वक्तव्यों को उद्धृत कर रहे हैं जिन्हें सी.ए.आई.आर ने कानूनी दृष्टि से अनुचित नहीं माना जबकि सन्देह बरकरार है कि आखिर इनके विरुद्ध वे अदालत में मुकदमा क्यों नहीं लड़ रहे हैं.
- सी.ए.आई.आर हमास समर्थकों द्वारा स्थापित संगठन है.
- सी.ए.आई.आर हमास के सदस्यों द्वारा आरंभ किया गया.
- सी.ए.आई.आर इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा स्थापित किया गया .
सी.ए.आई.आर नेतृत्व को 1994 की बात याद करनी चाहिए जब आतंकवाद प्रतिरोध के विशेषज्ञ मैथ्यू एपस्टिन ने बताया था कि इस्लामिक एशोसियेशन ऑफ पेलीस्टीन के पूर्व सदस्य अहमद और निहाद अवद ने सी.ए.आई.आर की स्थापना की थी जबकि स्टीव इमरसन के अनुसार इस्लामिक एशोसियेशन ऑफ पेलेस्टीन के अध्यक्ष रफीक जबार सी.ए.आई.आर के संस्थापक निदेशकों में थे. एफ.बी.आई के आतंकवाद प्रतिरोध प्रमुख ओविवर बक रेवल ने इस्लामिक एशोसियेशन ऑफ पेलेस्टीन को हमास का सहयोगी संगठन बताया था . वैसे आई.ए.पी और हमास के बीच रिश्तों की पुष्टि 2004 में हुई थी जब शिकागो के संघीय जज ने 17 वर्षीय अमेरिकी नागरिक डेबिड बोयम की हत्या के मामले में हमास को सहायता देने और उकसाने के आरोप में इस संगठन पर 156 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया था.साथ ही सी.ए.आई.आर को अवश्य याद होगा कि 9- 11 के हमले के बाद जॉय कॉफमान ने हमास से जुड़े दो संगठनों होलीलैंड फाउंडेशन और ग्लोबल रिलीफ फाउंडेशन के लिए चंदा उगाहने के आरोप में इसे पकड़ा था .
सी.ए.आई.आर को आतंकवादियों से आर्थिक सहायता प्राप्त होती है . शाब्दिक अर्थों में आतंकवादी इस संगठन को आर्थिक सहायता नहीं देते हैं लेकिन वे संगठन जो आतंकवादियों को पैसा देते हैं सी.ए.आई.आर को भी पैसा देते हैं. अगस्त 1999 में सउदी आधारित इस्लामिक डेवलपमेंट बैंक ने सी.ए.आई.आर को पच्चीस हज़ार डॉलर दिए यही बैंक अलकद्स और अल अक्सा जैसे संगठनों को भी पैसा देता है जो फिलीस्तीनी आत्मघातियों के परिजनों को आर्थिक सहायता देकर इजरायली लोगों पर आत्मघाती हमले करवाते हैं. टैक्स रिटर्न के अनुसार 2003 में मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े संगठन इंटरनेश्नल इंस्टीट्यूट ऑफ इस्लामिक थॉट ने सी.ए.आई.आर के वाशिंगटन कार्यालय को 14000 डॉलर दिए .डेविड केन ने अनेक कंपनियों और संगठनों के आर्थिक स्रोतों की जांच करते समय शपथ पत्र के द्वारा उन तरीकों का वर्णन किया था जिससे संदिग्ध आतंकवादी संगठनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है.
अमेरिकी सीनेट की वित्तीय समिति के जांच के दायरे में आया सउदी आधारित संगठन इंटरनेश्नल रिलीफ ऑरगनाइजेशन ने सी.ए.आई.आर को बारह हजार डॉलर दान किए .
सी.ए.आई.आर इस्लामी आतंकवाद समर्थक देशों से प्रत्यक्ष आर्थिक सहायता प्राप्त करता है . सी.ए.आई.आर को सउदी स्थित इस्लामिक डेवलपमेंट बैंक से 250 हजार डॉलर आर्थिक सहायता मिली .वर्ल्ड असेम्बली ऑफ मुस्लिम यूथ नामक सउदी स्थित प्रदाय संगठन जो आतंक समर्थक हो सकता है , ने दिसंबर 1999 में घोषणा की कि वह सी.ए.आई.आर को वाशिंगटन डी सी में मुख्यालय बनाने के लिए 3.5 मिलियन डॉलर की सहायता प्रदान करेगा .
ओसामा बिन लादेन का निवास स्थान औेर 11 सितंबर की घटना से जुड़े 19 अपहरणकर्ताओं में से 15 का निवास स्थान सउदी अरब आतंकवाद का प्रमुख केन्द्र है .11 सितंबर के कमीशन स्टाफ ने भी पाया कि सउदी अरब में ऐसा वातावरण व्याप्त है जिससे सउदी अरब सहित खाड़ी के सभी देशों में अल- कायदा के लिए चंदा एकत्र किया जाता है .
जुलाई 2005 में अमेरिकी कोषागार के उपसचिव स्टुवर्ट लेर्वी ने बताया कि “आज भी सउदी के चंदा देने वाले लोग इराक में आतंकवाद सहित आतंकवाद के आर्थिक सहायता करने वाले सबसे स्रोत हैं.” सी.ए.आई.आर के इस्लामिक आतंकवादियों के साथ रिश्ते सिद्ध होते हैं-
यह आसानी से समझा जा सकता है कि क्यों सी.ए.आई.आर ने इस विषय को छोड़ दिया. सी.ए.आई.आर से जुड़े पांच पूर्व या वर्तमान सदस्यों को आतंकवाद से जुड़े आरोपों में या तो गिरफ्तार किया गया या देश से बाहर भेज दिया गया.
सी.ए.आई.आर के संप्रेषण विशेषज्ञ और नागरिक अधिकारों के समन्वयक रुडाल रोयर को अफगानिस्तान में अमेरिका सेना के विरुद्ध लड़ने में अल-कायदा व तालिबान को सहायता देने के मामले में आरोपी बनाया गया.बाद में वह विस्फोटों के मामले में आरोपी सिद्ध हुए और उन्हें बीस वर्ष के कारावास की सजा मिली.
सी.ए.आई.आर के टक्सास प्रांत के संस्थापक गसान एलासी को उनके चार भाइयों सहित जुलाई 2004 में अपने डलास क्षेत्र के व्यवसाय से आतंकवाद समर्थक लीबिया और सीरिया में जहाज के रास्ते कम्प्यूटर ले जाने का आरोपी बनाया गया था. अप्रैल 2005 में एलासी और उसके दो भाईयों को हमास के वरिष्ठ नेता और स्थापित आतंकवादी मूसा अबू मरजूक के साथ व्यवसाय करने के आरोप में आरोपी सिद्ध किया गया था. उसके उपर यह आरोप भी लगा कि अमेरिका की सबसे बड़ी प्रदाय संस्था होलीलैंड फाउंडेशन फॉर रिलीफ एंड डेवलपमेंट को चलाते हुए उसने हमास को 12.4 मिलियन डॉलर उपलब्ध कराए. सी.ए.आई.आर के संप्रेषण संबंधी निदेशक बासेन खफाकी को सितंबर 2003 को अपने वीज़ा प्रार्थना पत्र में गलत सूचनायें देने का आरोप में तथा 2001 में गलत चेक देने का आरोपी पाते हुए देश से बाहर कर दिया गया था. खफाकी इस्लामिक एसेंबली ऑफ नार्थ अमेरिका के अध्यक्ष तथा संस्थापक सदस्य रहे हैं जिसे अमेरिका का न्याय विभाग उसकी आतंकवाद समर्थक गतिविधियों के कारण जांच कर रहा है. सी.ए.आई.आर के लिए चंदा एकत्र करने वाले रबीब हदाद को आतंकवाद समर्थक घटनाओं के संबंध में आरोपी सिद्ध करते हुए देश से बाहर निकाल दिया गया. अक्टूबर 2002 में इसने ग्लोबल रिलीफ फाउंडेशन नामक संगठने के साथ संयुक्त निदेशक के रुप में काम किया जिसे अमेरिकी अधिकारियों ने अल –कायदा सहित अनेक आतंकवादी संगठनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने वाला पाया. सी.ए.आई.आर की सलाहकार समिति के सदस्य सिराज वहाज को 1995 में अंधे शेख उमर अब्दुल रहमान के साथ न्यूयार्क शहर को उड़ाने की साजिश रचने का आरोपी पाया गया.
- सी.ए.आई.आर एक कट्टरपंथी संगठन है जो अमेरिका को अपदस्थ कर इस्लामिक राज्य स्थापित करने के प्रति समर्पित है .
- सी.ए.आई.आर अमेरिका में शरीयत कानून लागू करने से कम कुछ नहीं चाहता
- सी.ए.आई.आर अमेरिका के संविधान का उपयोग करके ही अमेरिका को अपदस्थ करना चाहता है.
- सी.ए.आई.आर ईरान की भांति अमेरिका को कट्टरपंथी इस्लाम के रुप में परिवर्तित करना चाहता है
सी.ए.आई.आर के नेताओं द्वारा अनेक अवसरों पर व्यक्त की गई उनकी भावनाओं के आधार पर उनका लक्ष्य स्पष्ट है.
सी.ए.आई.आर के भविष्य के सदस्य एहसान बागवी ने 1980 के अंत में कहा कि मुसलमान इस देश के पूर्ण नागरिक कभी नहीं हो सकते क्योंकि अमेरिका की विचारधारा और संस्था के प्रति हमारी पूरी निष्ठा नहीं हो सकती .
सी.ए.आई.आर के भविष्य के प्रवक्ता इब्राहिम हूपर ने 4 अप्रैल 1993 को मीनियापोलिस के स्टार ट्रिब्यून से कहा कि मैं यह छाप नहीं छोड़ना चाहता कि भविष्य में भी अमेरिका इस्लामिक सरकार नहीं चाहता .
सी.ए.आई.आर के अध्यक्ष ओमर अहमद ने जुलाई 1998 में घोषणा की कि अमेरिका में इस्लाम अन्य धर्मों के समान नहीं हो सकता उसे तो प्रमुख धर्म होना चाहिए. अमेरिका में कुरान को सर्वोच्च स्थान मिलना चाहिए तथा पृथ्वी पर इस्लाम एकमात्र स्वीकृत धर्म होना चाहिए.
इन तथ्यों के आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है कि सी.ए.आई.आर ने एन्ड्रयू व्हाईट हेड के विरुद्ध अपना अधिकांश मानहानि क्यों वापस ले लिया. यह देखना रोचक होगा कि व्हाईट हेड के शेष दो विचार की सी.ए.आई.आर आतंकवादियों को सहायता पहुंचाने वाला संगठन है और अमेरिका की संवैधानिक सरकार को अपदस्थ करना चाहता है कैसे संचालित होते हैं.