सही मात्रा में सीरिया का भाग्य 21 जनवरी 1994 को उस समय निर्धारित हुआ जब वायुमार्ग से विदेश यात्रा के लिए जाते समय दमिश्क हवाई अड्डे पर वाशिल अल –असद की मर्सिडीज कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिसमें उनके सहित एक अन्य यात्री की मृत्यु हो गई .इस दुर्घटना के कुछ बड़े परिणाम हुए हैं क्योंकि 31 वर्षीय वाशिल सीरिया के तानाशाह के रुप में अपने पिता हाफ़िज अल असद का स्थान लेने की ओर विकासमान थे ऐसे संकेत मिल रहे थे कि घुड़सवार,योद्धा वाशिल एक करिश्माई उत्तराधिकारी सिद्ध होते . इस कार दुर्घटना के बाद वाशिल के छोटे भाई बशर लंदन से अपनी आंखों के विषय की पढ़ाई को छोड़ कर वापस लौटे तथा सीरिया के अगले शक्तिशाली व्यक्ति बनने की प्रक्रिया में सम्मिलित हो गए. सेना के विभिन्न सोपानों का काम बिना दायित्व के संभाला फिर जून 2000 में अपने पिता की मृत्यु के बाद राष्ट्रपति की गद्दी पर बैठे.
(1994 में उत्तर कोरिया के किम जॉंग द्वितीय के पश्चात् वे दूसरे वंशानुगत तानाशाह बने . तीसरे टोंगो के फॉरनसिंगवे इसी महीने उभरे हैं.इसके अलावा कुछ लोग प्रतीक्षा में हैं ..वे हैं मिस्र के गमल मुबारक , लीबिया सैफुद्दीन गद्दाफी तथा यमन के अहमद सलीह हैं.)
इस बात की संभावना व्यक्त की जा रही थी कि पश्चिम के साथ अपने क्षणिक संपर्क और वैज्ञानिक रुझान के कारण बशर अपने पिता के अधिनायकवादी तंत्र को तोड़ सकेंगे , उनके शुरुआती कदमों से ऐसा लगा भी लेकिन वे जल्द ही अपने पिता के अधिनायकवादी तरीकों की ओर मुड़ गए . ऐसा चाहे उनके स्वयं के झुकाव के कारण रहा हो या फिर वे अपने पिता की भव्यता के दायरे से बाहर नहीं निकल पाये हों. उन्होंने अपने पिता के तरीके तो अपनाए लेकिन उनकी कुशलता नहीं . वरिष्ठ असद ने बुद्धिमत्ता और कौशल का प्रदर्शन किया था यद्यपि अंत में उनका शासन असफल रहा ( उन्होंने गोलन पहाड़ियों पर दुबारा कब्ज़ा नहीं किया , इजरायल को नष्ट करने का प्रयास नहीं किया तथा सीरिया की अर्थव्यवस्था और संस्कृति को धराशायी कर दिया.) कनिष्ठ अशद ने अपरिपक्व बुद्धि कौशल और रणनीतिक अदूरदर्शिता का परिचय दिया . बशर द्वारा सत्ता संभालने के कुछ ही दिनों बाद लेबनान पर शासन करने की उनकी योग्यता पर प्रश्न उठने लगे और कुछ ही समय बाद सीरिया की सत्ता पर उनकी पकड़ को शंका की नज़र से देखा जाने लगा.सद्दाम हुसैन के सत्ता से हटते ही सीरिया द्वारा उनके पाले में चला जाना सबके लिए आश्चर्य का विषय रहा . बशर द्वारा अमेरिका के गृह मंत्री कॉलिन पॉवेल से कुछ कहना और फिर उससे मुकर जाना उनकी अस्थिरता को प्रदर्शित करता रहा . इन्हीं भूलों के चलते शासन के विरुद्ध दो निर्णय हुए . दिसंबर 2003 में अमेरिकी सरकार ने सीरिया उत्तरदायित्व अधिनियम पारित कर दमिश्क को उसके गलत आचरण के लिए दंडित किया . सितंबर 2004 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने प्रस्ताव क्रमांक 1559 पारित कर सभी विदेशी शक्तियों से लेबनान से अपनी सेनायें हटा लेने को कहा . संकेत स्पष्ट रुप से सीरिया की सेनाओं की ओर था जो 1979 में लेबनान में आयी थीं.
इन कदमों से लेबनान के राजनीतिक दलों को सीरिया के सेनाओं की वापसी की मांग करने का प्रोत्साहन मिला . सबसे महत्वपूर्ण यह है कि द्रूज नेता वालिद जंब्लाट और सुन्नी नेता रफीक हरीरी ने दमिश्क को धमकी दी कि उसे राज्य क्षेत्र की उपलब्धि की भावना और लेबनान के आर्थिक सहयोग से वंचित कर दिया जायेगा.
इस बात में शायद ही कोई संदेह हो कि हरीरी सहित 16 अन्य लोगों की जान लेने वाला 14 फरवरी का विस्फोट अशद ने करवाया था . अशद ने अपनी अपरिपक्वता के चलते निर्णय कर लिया कि पूर्व प्रधानमंत्री को विश्वासघात का दंड मिलना चाहिए लेकिन अशद की कल्पना के ठीक विपरीत सीरिया द्वारा लेबनान को खाली करने की मांग कम होने के बजाए और तेज़ हो गई . इस पर अशद की प्रतिक्रिया ने उन्हें और भी मुसीबत में डाल दिया . हत्या पर बहाना बनाते हुए खुफिया एजेन्सी पर आरोप , रुस से एस.ए.18 मिसाईल खरीदने का निर्णय और तेहरान के साथ सुरक्षा समझौता उनके गलत निर्णय रहे .
तीन दशक में पहली बार लेबनान अपनी स्वतंत्रता की ओर बढ़ रहा है . लेबनान के विदेश मंत्री अमीन गेमायेल के अनुसार अब सीरिया ठहर नहीं पायेगा. लेबनान द्वारा स्वतंत्रता का यह आग्रह उनके निरंतर प्रयास का पुरस्कार है. लेबनान की संप्रभुता की समाप्ति का दौर 1976 में सीरिया के आक्रमण से शुरु हुआ जो 1990 में सीरिया द्वारा लेबनान पर कब्जे से खत्म हुआ. लेकिन विदेशी नियंत्रण में भी उन्होंने बहादुरी और शालीनता का प्रदर्शन किया . अनेक कठिनाईयों के बीच उन्होंने एक सभ्य समाज का आग्रह रखा , स्वतंत्रता की आशा को जीवित रखते हुए देशभक्ति की भावना को बनाए रखा.
लेबनान की स्वतंत्रता क्रूर , असफल और अलोकप्रिय अशद राजवंश के लिए ताबूत में बड़ी कील साबित होगी. यदि चीजें सही दिशा में चलती रहीं तो लेबनान की तर्ज पर सीरिया भी स्वतंत्र हो जाएगा . किस प्रकार मात्र एक सड़क दुर्घटना इतिहास को प्रभावित कर सकती है.