इरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद को धन्यवाद देना चाहिए कि उन्होंने राजनीतिक शब्दकोष में एक नये शब्द “महदावियात ” का प्रवेश कराया है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि यह एक धार्मिक शब्दावली है। महदावियात अरबी के महदी शब्द से निकला है जो इस्लाम में अन्तिम फैसले के लिये उपयुक्त व्यक्ति होता है। Encyclopedia of Islam में इसकी व्याख्या करते हुए कहा गया है कि विश्व के समाप्त होने से पूर्व वह धर्म और न्याय की स्थापना करेगा। यह धारणा इस्लाम के आरम्भिक वर्षों में
आरम्भ हुई थी जो आगे चलकर विशेष ऱूप से शिया शाखा के साथ पहचानी जाने लगी। जैसे भी हो यह सुन्नी धार्मिक सिद्धान्त का प्रमुख अंग नहीं बन सका और पैगम्बर के परिवार से महदी के आने की सम्भावना की धारणा कट्टर शियाओं की आस्था का प्रमुख अंग बन गया।
Christian Science Monitor के स्काट पीटरसन ने अपनी दर्शनीय रिपोर्टिंग में अहमदीनेजाद के व्यक्तित्व के केन्द्र में महदावियात की भूमिका और नीतियों पर इसके प्रभाव का विश्लेषण किया है. उदाहरण के लिए तेहरान का मेयर रहते हुए 2004 में अहमदीनेजाद ने नगर परिषद को महदी की तैयारी के लिए भव्य स्थान बनाने को कहा . एक वर्ष बाद राष्ट्रपति के रुप में उन्होंने राजधानी के दक्षिण जमाकरान में महदावियात से जुडी जगह पर नीले रंग की टाईल्स की मस्जिद बनाने के लिए 17 मिलियन डॉलर दिए . उन्होंने तेहरान और जमकारान के बीच एक सीधा रेल मार्ग बनवाने के लिए भी जोर डाला . कहा जाता है कि अपने संभावित मंत्रिमंडल के उन सदस्यों की सूची उनके पास है जिन्हें जमकारान मस्जिद से सटे स्थान पर रहने को कहा जाएगा ताकि एक काल्पनिक आध्यात्मिक संबंध से लाभ उठाया जा सके . उन्होंने यह विषय केवल मुसलमानों के बीच में ही नहीं उठाया है . सितंबर में संयुक्त राष्ट्रसंघ को संबोधित करते हुए अहमदीनेजाद ने अपने भाषण के अंत में विश्व के नेताओं के समक्ष महदी के प्रकट होने की प्रार्थना कर सबको बोझिल कर दिया था . “ हे सर्वशक्तिमान स्वामी मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि अपने वादे के अनुसार अंतिम बार प्रकट हों और इस मानव मात्र को पूर्ण और पवित्र करें . तुम्ही हो जो कि इस विश्व को शांति और न्याय से भर सकते हो .” न्यूयार्क से इरान लौटने के बाद अहमदीनेजाद ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में दिए गए अपने भाषण के प्रभाव का वर्णन किया . मेरे एक समूह ने मुझे बताया कि जब मैंने सर्वशक्तिमान दयावान ईश्वर कहना शुरु किया तो उसने मेरे चारों ओर एक प्रकाश देखा और मैं उस प्रकाश की परिधि में आ गया . मैंने स्वयं भी इसे अनुभव किया . मैंने अनुभव किया कि वातावरण अचानक परिवर्तित हो गया और उन 27 -28 मिनटों में दुनिया के नेता पलक भी नहीं झपक सके और पूरी तरह खो गए .ऐसा लगा मानों किसी हाथ ने उन्हें जकड़ रखा हो और उनकी आंखें खोल रखी हों ताकि वे इस्लामी गणतंत्र के संदेश को सुन सकें.
पीटरसन् के अनुसार राष्ट्रपति का महदावियात के साथ यही मोह उन्हें एक निश्चित अवस्था में पहुंचा देता है जहां समझौते की बहुत कम संभावना बचती है . ईरान में अमीर गरीब के बीच की खाई कम करना हो , अमेरिका इजरायल को चुनौती देना हो या फिर ईरान के आणविक कार्यक्रम को बढाना हो ये सभी विषय महदी की वापसी का मार्ग प्रश्स्त करते हैं .
महदी के प्रकट होने के विषय पर अध्ययन करने वाले एक संस्थान के प्रमुख का मानना है कि महदावियात ईरान की इस्लामी क्रांति का कूट वाक्य है और क्रांति की भावना है . रसालत समाचार पत्र के राजनैतिक संपादक अमीर मोहेबियान मानते हैं कि इससे आप सशक्त होते हैं यदि मुझे लगता है कि महदी दो –तीन या चार वर्षों में आने वाले हैं तो नरम होने की क्या आवश्यकता . यह समय डट कर खडें होने का है . पीबीएस के अनुसार कुछ ईरानी मानते हैं कि उनके राष्ट्रपति को अंतरराष्ट्रीय विपल्व का कोई भय नहीं है और उनकी दृष्टि में यह ईश्वर का संकेत है.ईरान की कट्टरपंथी इस्लामिक कोयलिशन सोसाईटी से जुड़े और अहमदीनेजाद के कट्टर समर्थक हमीद रेजा तरागी का मानना है कि अमेरिका और ईरान के विवाद पर महदावियात का सीधा प्रभाव है . इसमें यह अंतर्निहित है कि वाशिंगटन तेहरान का प्रतिद्वंदी है और झूठा महदी है . अहमदीनेजाद के लिए सर्वोच्च वरीयता अमेरिका को चुनौती देते हुए इस्लामी लोकतंत्र पर आधारित एक मॉडल राज्य बनाने की है . तरागी के अनुसार यदि अमेरिका अपने अंदर मूल-भूत परिवर्तन नहीं करता तो आने वाले दिनों में समस्यायें और बढेंगीं.
मेरी धारणा इसके उलट है . आधुनिक इतिहास में सबसे खतरनाक नेता वे हैं जो अधिनायकवादी विचारधारा पर किसी रहस्यमयी धारणा के साथ आगे बढ़ते हैं. जैसे हिटलर . अहमदीनेजाद ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में अपने वक्तव्य से सिद्ध कर दिया है कि वे दोनों श्रेणियों में आते हैं. संभावित आणविक अस्त्र के साथ वे एक ऐसे प्रतिद्वंदी बन गए हैं जिन्हें तत्काल रोका जाना चाहिए.