वाशिंगटन डीसी के लेखक बिलियम ब्लम ने पिछले गुरूवार को बङी उत्साहजनक प्रतिक्रिया की जब उन्हें पता चला कि ओसामा बिन लादेन ने अपने आडियो टेप में उनकी पुस्तक का उल्लेख किया है.ब्लम ने इंगित की गई पुस्तक Rogue State: A Guide to the World's Only Superpower को ओपेरा पुस्तक के समकक्ष अच्छा बताया.वे अमेरिका के टेलीविजन कार्यक्रम के एक प्रस्तोता का संदर्भ दे रहे थे जिसके कहने से पुस्तकों की बिक्री बहुत बढ. जाती है.
यह पूछे जाने पर कि क्या बिन लादेन द्वारा श्रोताओं से उनकी पुस्तक पढने का आग्रह किये जाने पर वे बुरा महसूस कर रहे हैं ब्लम ने कहा इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पङता और इस पर मुझे कोई पछतावा नहीं है. मैं प्रसन्न हूं कि मेरी पुस्तक के लिये यह अच्छी प्रसिद्धि है. वास्तव में ऐसा है भी. बिन लादेन द्वारा इस पुस्तक की चर्चा के बाद Amazon.com की रैकिंग में काफी सुधार हुआ है. सूची में इसका स्थान 205,763 से बढकर 26 पहुंच गया है.
ब्लम ने अपनी प्रतिक्रिया की ब्याख्या करते हुये कहा कि उनकी नजर में बिन लादेन अमेरिका की सरकार से अधिक बुरा नहीं है.
“ मैं नहीं कहूंगा कि बिन लादेन की नैतिकता कहीं से भी वाशिंगटन से कम है.” यहां तक कि उन्होंने बिन लादेन के नजरिये से स्वयं को अलग भी नहीं किया.यदि अमेरिका की विदेश नीति के कुछ पहलुओं को लेकर मेरी असहमति से वह सहमत हैं तो उनके द्वारा अपनी पुस्तक की प्रशंसा से मैं विचलित नहीं हूं. मेरे विचार से यह अच्छा है कि वे उन विचारों से सहमत हैं.
ब्लम अपने जीवन के मिशन का वर्णन करते हुये कहते हैं कि वे अमेरिका के साम्राज्य को घटाकर उसकी आक्रामकता को घायल करना चाहते हैं. इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि नोम चोमस्की, ओलीवर स्टोन,गोर विडाल जैसे उनकी नस्ल के लोगों ने इस पुस्तक की भरपूर प्रशंसा की है.
किस चीज ने बिन लादेन को ब्लम की ओर आकर्षित किया. ब्लम की एक और पुस्तक Freeing the World to Death: Essays on the American Empire के कुछ अंश “ यदि मैं अमेरिका का राष्ट्रपति होता तो अमेरिका के विरुद्ध आतंकवादी हमले कुछ ही दिनों में रुकवा सकता था और वह भी सदैव के लिये. सबसे पहले मैं अमेरिका के साम्राज्यवाद से पीङित गरीबों,विधवाओं और अनाथों से सार्वजनिक रुप से माफी मांगता. ”
अचानक लोगों की नजर में आने से पूर्व 72 वर्षीय ब्लम अमेरिका विरोधियों की दूसरी श्रेणी के रुप में गुमनाम जिन्दगी जी रहे थे. पोलैन्ड के यहूदी आप्रवासी माता-पिता की सन्तान ब्लम ब्रुकलिन में पले-बढे. .उन्होंने कालेज में कामर्स की पढाई की. कम्युनिस्ट विरोधी होने के कारण विदेश सेवा में अधिकारी बनने की आकांक्षा से वे 1960 के दशक में अमेरिका के राज्य विभाग में कम्प्यूटर सम्बन्धी कार्यों में लग गये. वियतनाम युद्ध ने उन्हें कट्टरपंथी बना दिया. 1967 में नौकरी से त्यागपत्र देकर उन्होंने वामपंथी प्रचार का जिम्मा लिया और तोङफोङ के कार्यों में लिप्त हो गये. (उन्होंने दावा किया है उन्होंने सी.आई.ए के करीब 200 कार्यकर्ताओं के नाम और पते लोगों को दिये हैं.) करीब चालीस वर्षों तक वे लेखों और पुस्तकों के माध्यम से अमेरिका प्रशासन के अधिकारियों की बुराइयों को प्रकाशित करते रहे.
उन्होंने इससे भी आगे बढकर 1945 से अमेरिका प्रायोजित नरसंहार का अस्तित्व सिद्ध किया जिसमें लाखों लोगों की जान गई और लाखों लोगों को उत्पीङन और दु:ख का जीवन जीना पङा.
वामपंथी विश्लेषक डेविड होरोविज ने अपनी पुस्तक Unholy Alliance : Radical Islam and the American Left में ब्लम के विचारों के बारे में लिखा है,अमेरिका नाजी जर्मनी से भी बुरा है. होरोविज यह भी कहते हैं कि शीतयुद्ध में अमेरिका की भूमिका के सम्बन्ध में क्रेमलिन की बात और ब्लम के विचारों में कोई अन्तर नहीं है.
यद्यपि ब्लम अपनी अचानक बढी ख्याति और सम्रद्धि से बालसुलभ प्रसन्न दिख रहे हैं परन्तु बिन लादेन द्वारा की गई पुष्टि से उनके खांटी वामपंथी मित्र भी चिन्तित हैं. क्लिफ किनकेड ने इस चिन्ता को जताते हुये कहा है कि बिन लादेन वामपंथियों को अमेरिका के पांचवे स्तम्भ के रुप में चिन्हित कर रहा है और आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध को कमजोर कर रहा है जिससे युद्धभूमि में उसे सफलता मिलती है.
इस खुलासे से वामपंथी इतने चिन्तित हो गये हैं कि उन्होंने बिन लादेन के आडियो टेप को फर्जी बताते हुये अमेरिका के प्रशासन में स्थित नव परम्परावादियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने इसे गढा है. परन्तु षडयन्त्र सिद्धान्तों से यह तथ्य झुठलाया नहीं जा सकता कि इस्लामवादी-वामपंथी गठबन्धन पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुआ है और इस स्थिति में पहुंच चुका है कि वामपंथी अल कायदा के नये मुजाहिदीन बन चुके हैं.
पिछले चार वर्षों में बिन लादेन अमेरिका पर कोई बडा हमला करने में असफल रहा है और अब वामपंथियों के प्रति उसका सार्वजनिक प्रेम प्रकट करता कि वह उन्हें अपना गम्भीर सहयोगी मानता है और वह ऐसा करके ठीक भी कर रहा है.