पूर्व राजदूतों , विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों , विशेषज्ञ विचारकों की श्रेणी के सामाजिक चेहरे नियमित तौर पर सउदी अरब राज्य के लिए विचार करने के लिए चुप-चाप एकत्र होते हैं और इसके लिए वे गोपनीय तरीके से सउदी आर्थिक सहायता भी लेते हैं.वे टेलीविजन , रेडियो , सार्वजनिक व्याख्यानों और विश्वविद्यालयों की कक्षाओं में अरब के विषय पर चर्चाएं करते हैं. सउदी धन के साथ कोई प्रत्यक्ष संपर्क नहीं दिखाते हुए वे बिना किसी स्वार्थ के अमेरिका के विशेषज्ञ के रुप में प्रदर्शित होते हैं जिससे उनकी प्रामाणिकता राजघराने के किसी अरबपति राजकुमार से अधिक रहती है .
जनमत निर्माण करने वालों के लिए सउदी आर्थिक सहायता की बात पता तो है लेकिन इसका सटीक ब्योरा कहीं नहीं था . मैं पहली बार इस बात का खुलासा कर सका हूं कि किस प्रकार सउदी अमेरिका में अपना गोपनीय संपर्क अभियान चलाते हैं और ऐसा तब संभव हुआ जब सउदी धन से चलने वाली सामाजिक संपर्क की फर्म ने लापरवाही से एक बड़े शोध संस्थान के प्रोफेसर को संपर्क कर लिया .यद्यपि प्रोफेसर ने व्याख्यान के प्रस्ताव को तो स्वीकार नहीं किया लेकिन लेन-देन संबंधी जानकारी एकत्र करने में रुचि दिखाई और उसे मुझे उपलब्ध करा दिया.
वाशिंगटन की एक अग्रणी सामाजिक संपर्क फर्म में काम करने वाले व्यक्ति ने प्रोफेसर को सउदी धन से संचालित व्याख्याताओं के साथ बोलने के लिए आमंत्रित किया .यह ब्याख्यान एक कार्यक्रम के अंतर्गत था जिसके द्वारा समस्त देश के समुदायों को अमेरिका और सउदी के मध्य सशक्त संबंधों के महत्व के संबंध में बताया जाना था . फर्म ने बताया कि उनके अभियान का प्रमुख अंश वह है जिसके अंतर्गत राजघराने की ओर से व्याख्यान ब्यूरो कार्यक्रम चलाना है जिसे समस्त देश में निर्धारित किए गए लोगों तक पहुंचाना है .
उसने कहा कि मुझे लगता है कि यह अद्भुत अवसर है .उसने व्याख्याताओं को प्रलोभन दिया और पत्र में कहा गया कि वह ( महिला) संभव हुआ तो प्रत्यक्ष मिलकर भी बात कर सकती है . उसके बाद उस पत्र में उन पांच व्याख्याताओं के नाम थे जो सउदी के साथ स्वयं को जोड़ने को तैयार थे . ये लोग काफी रोचक हैं -
वाल्टर .एल कटलर और रिचर्ड डब्ल्यू मर्फी - सउदी अरब में अमेरिका के राजदूत रहे,रियाद में सेवा करने वाले अन्य लोगों की भांति कटलर और मर्फी ने अपनी सरकारी सेवा में सउदी लोगों से माफी मांगी . उनका कृत्य अमेरिका वासियों के लिए काफी पेचीदा है जो उच्च स्तरीय आधिकारिक क्षमता में रियाद के साथ कार्य व्यापार करते हैं और फिर सउदी हितों को बढ़ाने के लिए सउदी धन लेते हैं.
सान्ड्रा मैके - एक स्वतंत्र लेखक जो मीडिया में इस प्रकार के वक्तव्य देते हैं. “सउदी अरब को यदि किसी एक चीज ने एक जुट रखा है तो वह है सउद घराना और वह भी अपनी ताकत और कमियों के साथ.अमेरिकायदि सबसे बुरा कुछ कर सकता है तो वह इस घराने के पीछे पड़ना.”
मैरी ई मौरिस - लॉस एंजेल्स के वर्ल्ड अफेयर्स काउंसिल के स्टाफ का सदस्य जो राज्य की प्रशंसा मध्यपूर्व में अमेरिका के प्राचीनतम् मित्र और कट्टर सहयोगी के रुप में करता है और सउदी अरब में अमेरिका विरोधी जनधारणा के लिए अमेरिका के क्रिया कलापों को ही श्रेय देता है . अंतरराष्ट्रीय मान्यता के बिना अमेरिका द्वारा इराक पर आक्रमण तथा इजरायल फिलीस्तीन विवाद के निष्पक्ष समाधान में अमेरिका द्वारा सहयोग न देना उनकी दृष्टि में इसका कारण हैं.
सामेर शेहाता - जार्जटाउन विश्वविद्यालय में राजनीति के सहायक प्रोफेसर जो मीडिया में निसंकोच रियाद की प्रशंसा करते हैं सउदी कट्टर सहयोगी रहे हैं और उन्हें किसी और रुप में चित्रित करना कोरी बकवास है ..उन्होंने अप्रैल 2002 को एम.एस.एन बी.सी में कहा कि उन्हें नहीं लगता कि सउदी कुछ छुपाने का प्रयास कर रहे हैं.जुलाई 2003 में उन्होंने फिर कहा कि सउदी अरब हमारे सहयोगी हैं और मेरा मानना है कि सउदी शासन और निश्चित रुप से राज परिवार अमेरिका का सहयोगी काफी समय से है. 11 सितंबर के बाद सउदियों ने काफी कुछ किया है , सहायता प्रदान करने में , धन का प्रवाह और लोगों को गिरफ्तार करने में .
क्योंकि प्रोफेसर तो बहुत कम मानदेय दे सकते थे इसलिए उन्होंने इन वक्ताओं के मानदेय के बारे में पूछा तब उन्हें आश्वस्त किया गया कि मानदेय या अन्य व्यय विश्वविद्यालय को वहन नहीं करने हैं. सामाजिक संपर्क फर्म के द्वारा सउदी इस मामले को देखेंगे.
सउदी एक गोपनीय संपर्क अभियान में संलग्न हैं जो अरब से संबंधित अमेरिकी बहस को बाधित करती है.यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि ऐसे भ्रष्टाचार को रोका जाए और वह भी इस्लामवादी आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध में अमेरिका के मित्र होने के रियाद के स्वयंभू दावे जैसे मुद्दे पर .ऐसा करने के लिए संपादकों , पत्रकारों , रेडियो टीवी प्रस्तुतकर्ताओं , विचारक निदेशकों और व्याख्यानमाला आयोजित करने वालों को सुनिश्चित करना होगा कि सउदी मामले पर विचार रखने वाला उस देश की ओर से तो नहीं बोल रहा . एक सामान्य प्रश्न कि क्या आप सउदी अरब से आर्थिक सहायता प्राप्त करते हैं, काफी कुछ कर सकता है.