2002 में एफ.बी.आई के प्रवक्ता राबर्ट मूलर ने स्मरण योग्य वर्णन करते हुये अमेरिकन मुस्लिम काउन्सिल को अमेरिका की मुख्य धारा का प्रमुख मुस्लिम गुट कहा. इसके एक वर्ष बाद कैथोलिक बिशपों ने इस संगठन को वाशिंगटन की मुख्य धारा का प्रधान मुस्लिम गुट बताया.
इस संगठन का संस्थापक और लम्बे समय तक प्रमुख रहने वाला अब्दुर्रहमान अलमौवदी वाशिंगटन का स्थायी निवासी था. उसने क्लिंटन के साथ व्हाइट हाउस में अनेक बैठकें की तथा 11 सितम्बर के मृतकों के लिये हुई प्रार्थना सभा में जार्ज डब्ल्यू बुश के साथ भाग भी लिया.
अलमौवदी ने कांग्रेस के सदस्यों के साथ रोजा इफ्तार का आयोजन भी किया. उसने राज्य विभाग के लिये देश से बाहर 6 भाषण भी किये तथा रक्षा विभाग के लिये धार्मिक गुरू उपलब्ध कराने के लिये एक संगठन की स्थापना भी की. उसके संगठन अमेरिकन मुस्लिम काउन्सिल के पूर्व कर्मचारी फैसल गिल ने गृहभूमि रक्षा विभाग की खुफिया शाखा में नीति निदेशक के तौर पर काम किया.
संक्षेप में जैसा कि वाशिंगटन पोस्ट ने कहा कि अलमौवदी “स्थानीय मुस्लिम समुदाय का स्तम्भ’ था.
परन्तु एक समय के इस सितारे ने पिछले दिनों अमेरिकी सरकार के समक्ष अपने अपराधों को स्वीकार करने के बदले दण्ड में कुछ कमी का समझौता किया. उसके अपराध चौंकाने वाले हैं.
अलमौवदी ने स्वीकार किया है कि उसने लीबिया सरकार से तथा अन्य विदेशी स्रोतों से अवैध तरीके से धन प्राप्त किया. उसने इस धन को जानबूझकर और अनेक तरकीबों से छुपाकर प्राप्त किया. उसने इस धन को कानून प्रवर्तन संस्थाओं और विनियामक संस्थाओं का ध्यान आकर्षित किये बिना तथा अमेरिकी सरकार की जानकारी के बिना अमेरिका से बाहर स्थानान्तरित किया. ऐसा करने के क्रम में उसने अवैध वित्तीय लेनदेन का सहारा लिया और झूठे रिटर्न भरे. उसने अपने विदेशी दौरों, स्विस बैंक खातों, आतंकवादियों के साथ जुड़ाव और आतंकवादी संगठनों की अपनी सदस्यता के बारे में भी झूठ बोला.
अलमौवदी ने जिन विशेष अपराधों को स्वीकार किया है वे इस प्रकार हैं-
लीबिया के नेता मुअम्मर अल कद्दाफी के साथ उसकी दो बैठकें हुईं और इनके परिणामस्वरूप अलमौवदी ने सउदी राजकुमार अब्दुल्ला की हत्या की योजना में सहायता की (यह षड़यन्त्र विफल रहा)
लीबिया से सउदी अरब होते हुये अमेरिका में धन लाया जहाँ इसे एक गैर लाभ वाले संगठन अमेरिकन मुस्लिम फाउण्डेशन में जमा किया गया.
अमेरिका की नागरिकता के प्रार्थना पत्र में उसने अनेक कट्टरपंथी संगठनों के साथ अपने सम्बन्धों को छुपाया. जैसे- युनाइटेड एसोसिएशन फार स्टडीज एण्ड रिसर्च, मरजूक लीगल फण्ड, मर्सी इण्टरनेशनल, अमेरिकन टास्क फोर्स फार बोस्निया, फिक काउन्सिल आफ नार्थ अमेरिका, मुस्लिम्स फार ए बेटर अमेरिका, एरीट्रियन लिबरेशन फ्रण्ट और काउन्सिल फार द नेशनल इण्ट्रेस्ट फाउण्डेशन.
इसके बाद एक तथ्य यह भी कि गिरफ्तारी के समय अलमौवदी पास उन सात आतंकवादियों के सम्बन्ध में जानकारी थी जिन्हें अमेरिका ने वैश्विक आतंकवादी माना है. इसके अतिरिक्त कानून प्रवर्तन संस्थाओं को अलमौवदी के कार्यालय से अरबी भाषा में बिना हस्ताक्षर का दस्तावेज मिला जिसमें शान्ति प्रयासों को रोकने के लिये इजरायलवासियों पर हमले के विचार थे. अलमौवदी का कम से कम परोक्ष रूप से अमेरिका के गैर लाभ वाले संगठन तालिबान इण्टरनेशनल एड एसोसिएशन के माध्यम से ओसामा बिन लादेन से सम्बन्ध है. इस संगठन में उसने ओसामा के भतीजे के साथ काम किया था.
अलमौवदी के अपराध के लिये उसे 23 वर्ष के कारावास का दण्ड, लीबिया द्वारा प्राप्त 1.25 मिलियन डालर की जब्ती, पिछले 6 वर्षों का टैक्स रिटर्न, जुर्माना और उसकी अमेरिका नागरिकता रद्द की जा सकती है. अलमौवदी को देश से बाहर निकाला जा सकता है और दुबारा प्रवेश की अनुमति से इन्कार किया जा सकता है.( हालांकि समझौते के अनुसार कारावास की अवधि तक उसे देश से बाहर नहीं भेजा जायेगा)
अलमौवदी एक ऊँची शख्सियत वाला आतंकवाद से जुड़ा अहिंसक इस्लामादी नेता है. काउंसिल आन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशन्स के स्टाफ के पांच सदस्य और बोर्ड सदस्य आतंकवाद के मामलों में या तो आरोपी हैं या सजा पा चुके हैं. इसी प्रकार इस्लामिक सेन्टर आफ ग्रेटर क्लीवलैण्ड, होली लैण्ड फाउण्डेशन, वेनवोलेन्स इण्टरनेशनल फाउण्डेशन और नेशनल कोएलिशन टू प्रोटेक्ट पोलिटिकल फ्रीडम के साथ भी यही हुआ है.
अलमौवदी के मामले से तत्काल इस बात की आवश्यकता अनुभव हो रही है कि एफ.बी.आई, व्हाइट हाउस, कांग्रेस, राज्य विभाग, पेन्टागन और गृहभूमि सुरक्षा विभाग या इसी प्रकार के अन्य व्यक्तिगत या सार्वजनिक संगठन न केवल अमेरिका में वरन् समस्त पश्चिम में अपनी सोच में परिवर्तन करें कि सौम्य ढंग से बात करने वाले इस्लामवादी अपराधियों, कट्टरपंथियों या आतंकवादियों के सम्बन्ध से अलग हैं या फिर ऐसा कि जैसा मैंने 2001 के अन्त में कहा था “ व्यक्तिगत तौर पर इस्लामवादी कानून का पालन करने वाले और तार्किक दिख सकते हैं परन्तु वे भी अधिनायकवादी आन्दोलन के अंग हैं और इसलिये सभी को सम्भावित हत्यारों के रूप में देखा जाना चाहिये ”
उग्रवादी इस्लाम शत्रु है, यहाँ तक कि इसके साथ सौम्यता से जुड़े लोगों को भी इसी श्रेणी में गिना जाना चाहिये.