6 मई को अमेरिका की सरकार ने बीवरटन ओर निवासी 37 वर्षीय बैण्डन मेफील्ड को भूलवश गिरफ्तार कर लिया. मैड्रिड से भेजे गये अंगुली के निशान के चलते उसे 11 मार्च के मैड्रिड धमाकों से जुड़ा माना गया जिस धमाके में 191 लोगों की मृत्यु हुयी थी और 2,000 लोग घायल हुये थे. जब स्पेन की सरकार को पता चला कि अंगुलियों के ये निशान एक अल्जीरियाई मूल के व्यक्ति के हैं तो न्याय विभाग ने मेफील्ड को मुक्त करने का आग्रह किया और उसे मुक्त कर दिया गया.
तकनीकी भूल को दरकिनार करते हुये न्याय विभाग की इस बात के लिये आलोचना की गई कि उसने मेफील्ड के विरूद्ध मामला उसके इस्लामी जुड़ाव के चलते बनाया था. मुक्त होने के बाद मेफील्ड ने घोषणा की, “ मैं एक अमेरिकन मुसलमान हूँ , मुझे अनुभव होता है कि मुसलमान के नाते मेरे साथ भेदभाव हो रहा है” उसके पिता बिल ने भी यही बात दुहरायी, “वे उसे इसलिये उठाकर ले गये क्योंकि उन्हें कोई ऐसा व्यक्ति चाहिये था जो उनकी रूपरेखा के अनुरूप हो और मुसलमान होने के नाते वह इसके सर्वाधिक निकट था ”
इस्लामिक सेन्टर आफ पोर्टलैण्ड के समीर होरानी ने टिप्पणी की यदि आप मुसलमान हैं तो आप संदिग्ध हैं. अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन के डेव फिडान्क्यू ने भी सुर में सुर मिलाते हुये कहा, “ जहाँ तक न्याय विभाग का प्रश्न है तो यदि आप मुसलमान हैं और एक मस्जिद विशेष में जाते हैं तो आप संदिग्ध हैं तथा निर्दोष सिद्ध होने तक आपको अपराधी माना जायेगा ” न्यूयार्क टाइम्स ने इसके अनुरूप ही टिप्पणी करते हुये लिखा कि मेफील्ड को गिरफ्तार करने का निर्णय उसके मुस्लिम सम्पर्कों से प्रभावित था.
परन्तु क्या मेफील्ड की पहचान पर ध्यान देकर अमेरिका की कानून प्रवर्तक संस्थाओं ने कुछ गलत किया ?
नहीं यह पूरी तरह उपयुक्त था. बल्कि कट्टरपंथी इस्लाम और वैश्विक जेहाद के साथ मेफील्ड के बहुत से सम्बन्धों को नजरअंदाज करना अदूरदर्शितापूर्ण होता.
-
उसने उसी बिलाल मस्जिद में नमाज पढ़ी थी जिसमें 2003 में तालिबान की सहायता का षड़यन्त्र करने के दोषी पाये गये माहिर हवाश, अहमद इब्राहिम बिलाल और मोहम्मद इब्राहिम बिलाल ने नमाज पढ़ी थी. मस्जिद की वेबसाइट अनेक कट्टरपंथी संगठनों के साथ अपना जुड़ाव बताती है जिनमें से कुछ ऐसे धर्मादा संगठन हैं जिन्हें आतंकवादी संगठनों को आर्थिक सहायता देने के कारण अमेरिकी सरकार ने बन्द कर दिया है. सउदी मामलों के विशेषज्ञ स्टीफन स्क्वार्टज के अनुसार बिलाल वहाबियों के नियन्त्रण वाली मस्जिद है.
-
कनास में वाश्वर्न विश्वविद्यालय में कानून की शिक्षा ग्रहण करते हुये मेफील्ड ने मुस्लिम स्टूडेन्ट एसोसिएशन की शाखा को संगठित करने में सहायता की जो जोनाथन डाउड गेली के अनुसार प्रत्यक्ष राजनीतिक संगठन है जो कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा के साथ एकता प्रदर्शित करते हुये कुछ अवसरों पर हिंसात्मक गतिविधियों के साथ वहावीबाद, अमेरिका विरोध और सेमेटिक विरोध को प्रोत्साहित करता है.
-
2002 में मेफील्ड ने स्वेच्छा से जेफ्री लियोन बैटल के लिये मुकदमा लड़ा था जिसे अमेरिका के विरूद्ध रंगरूटों की भर्ती के मामले में दोषी पाया गया और अपने 6 वर्षीय पुत्र के संरक्षण विवाद में 18 वर्ष का कारावास हुआ. बैटल के मित्र क्वेनल x के अनुसार मेफील्ड बैटल की सहायता के लिये टेक्सास से अपने खर्चे पर आया.
-
मेफील्ड के परिवार का कोई सदस्य अल हरामेन इस्लामिक फाउण्डेशन के अमेरिका स्थित कार्यालय से दूरभाषिक सम्पर्क में था, जिसकी अनेक विदेशी शाखायें आतंकवादी आतंकवादी संगठन मानी गई हैं.
-
मेफील्ड ने भी अपनी कानूनी प्रैक्टिस का विज्ञापन जेरूसलम इन्टरप्राइजेज द्वारा संचालित मुस्लिम येलो पेज पर दिया जिस कम्पनी का स्वामी फरीद अदलौबनी है. अदलौबनी का सीधा व्यापारिक सम्पर्क 1990 में ओसामा बिन लादेन के व्यक्तिगत सचिव रहे और 2001 में अमेरिकी नागरिकों की हत्या के षड़यन्त्र के दोषी वदीह एल हेग से है.
इसके अतिरिक्त -
-
मेफील्ड की राजनीतिक रूपरेखा से पता चलता है कि अनेक असन्तुष्ट और अमेरिका से घृणा करने वाले आतंकवादियों की भांति उसने भी पैट्रियाट एक्ट का विरोध किया, मुस्लिम देशों के प्रति अमेरिका की विदेश नीति से असन्तुष्ट रहा और उसके भाई केन्ट के अनुसार इजरायल के साथ अमेरिका के निकट सम्बन्धों से क्रुद्ध हुआ. मेफील्ड ने अनुमान लगाया कि बुश प्रशासन 11 सितम्बर की घटना के सम्बन्ध में पहले से अवगत था परन्तु युद्ध को न्यायसंगत ठहराने के लिये यह हमला होने दिया. अपनी मुक्ति के बाद उसने अमेरिका की संघीय सरकार की तुलना नाजी जर्मनी से की.
-
अमेरिका में हिंसा में प्रवृत्त इस्लामवादियों की भाँति (माहेर हवाश, मोहम्मद अली अलायेद, जकारियस मुसायवी और लैकावाना सिक) मेफील्ड नाममात्र मुसलमान से अपने धार्मिक सिद्धान्तों के प्रति दृढ़ होता गया.
क्या भौतिक साक्ष्यों की खोज करने वाले सरकारी अभियोग पक्ष को इन तमाम सम्पर्कों और परिपाटियों की ओर से आँखें मूँद लेनी चाहिये. न्याय विभाग ने इनकी ओर इशारा करके अपना काम भर किया है.
अनेक हिंसक सम्पर्कों में लिप्त इस्लामवादी गुट काउंसिल आन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशन्स के इब्राहिम हूपर ने भी कहा है कि कोई भी मुसलमान आतंकवाद से छह डिग्री से अधिक की दूरी पर नहीं है. विश्व भर की सरकारों को इस वास्तविकता को ध्यान में रखना चाहिये.