जान मियारशेमर और स्टीफन एम. वाल्ट ने अपने कुख्यात पत्रक The Israel Lobby and U.S. Foreign Policy में 2002 में स्थापित कैम्पस वॉच के सम्बन्ध में ये बातें कहीं -
लॉबी इस बात की देखरेख करती है कि प्रोफेसर क्या लिख रहे हैं और पढ़ा रहे हैं. सितम्बर 2002 में दो इजरायल समर्थक नव परम्परावादियों मार्टिन क्रेमर और डैनियल पाइप्स ने कैम्पस वॉच नामक वेबसाइट की स्थापना की जिसने संदिग्ध अकादमिकों के सम्बन्ध में दस्तावेज बनाये और छात्रों को इस बात के लिये प्रेरित किया कि ऐसे व्यवहार या टिप्पणी के सम्बन्ध में बतायें जिसे इजरायल विरोधी समझा जाये.
मियारशेमर और वॉल्ट के अध्ययन का संक्षिप्त संस्करण London Review of Books में प्रकाशित हुआ. 16 मार्च 2006 को इसी प्रकाशन को सम्पादक के नाम पत्र में उपर्युक्त उद्धरण के आधार पर मैंने उत्तर दिया -
अनेक तरीके से यह कथन सत्य नहीं है (कैम्पस वॉच की स्थापना में मार्टिन क्रेमर की कोई भूमिका नहीं है) परन्तु विशेष रूप से मैं यह स्पष्ट करने के लिये लिख रहा हूँ कि कैम्पस वॉच आरम्भ करने के लिये मुझसे किसी लॉबी ने नहीं कहा था. न तो मैं और न ही मिडिल ईस्ट फोरम ने कभी भी किसी मिथकीय लॉबी से आदेश लिया और कैम्पस वॉच स्थापित करने का निर्णय मैंने स्वयं बिना किसी बाहरी आदेश के किया. मैं मियारशेमर और वॉल्ट को चुनौती देता हूँ कि उस सूचना को सार्वजनिक करें जो कैम्पस वॉच को कथित लॉबी से जोड़ती है.
डैनियल पाइप्स
फिलाडेल्फिया
मेरा पत्र अप्रैल 2006 के अंक में प्रकाशित हुआ. मियारशेमर और वॉल्ट ने मई 11 के London Review of Books में मेरे पत्र का उत्तर दिया –
इजरायल लॉबी कोई रहस्य नहीं है और न ही कोई गोपनीय राजनीतिक संगठन है . इसके विपरीत यह खुले रूप में स्वार्थी गुटीय राजनीति में संलग्न है और इसके व्यवहार के सम्बन्ध में कुछ भी षड़यन्त्रकारी या गैर कानूनी नहीं है. इसलिये हम सहजता से विश्वास कर सकते हैं कि डैनियल पाइप्स ने उस लॉबी से कभी आदेश नहीं लिये होंगे क्योंकि उस पत्र में लेनिनवादी कार्टून का जो चित्रण है उसे हम अस्वीकार करते हैं.
पाठक इस बात को भी देखें कि पाइप्स ने इस बात का खण्डन नहीं किया है कि उनका संगठन कैम्पस वॉच अकादमिकों के लेखन और अध्यापन की देखरेख करता है ताकि उन्हें मध्य पूर्व के सम्बन्ध में खुली बहस से रोका जा सके.
इसका उत्तर मैंने London Review of Books में दिया -
जे. मियारशेमर और स्टीफन एम. वाल्ट के साथ बातचीत आगे बढ़ाने में मुझे हिचकिचाहट हो रही है परन्तु उनके 11 मई 2006 के पत्र मे एक असत्य बात है जिसने मुझे टिप्पणी करने पर विवश किया है-
तीन प्रतिक्रियायें- पहला मियारशेमर और वॉल्ट ने बिना शर्त स्वीकार किया है कि तथाकथित लॉबी द्वारा कैम्पस वॉच के लिये आदेश प्राप्त करने के सम्बन्ध में उनके पास कोई सूचना नहीं है. इससे उनके आरम्भिक दावों के झूठ होने की पुष्टि होती है.
दूसरा- वे जिस लॉबी के लेनिनवादी कार्टून को वे अस्वीकार करते हैं वास्तव में रणनीति बनाने वाली और आदेश देने वाली वही एकमात्र लॉबी है . यदि किसी ने मुझे कैम्पस वॉच आरम्भ करने का आदेश नहीं दिया तो कैम्पस वॉच एक संगठित अभियान के रूप में अस्तित्व में कैसे आया.
तीसरा , अपने पहले पत्र में मैंने काफी संक्षिप्त उत्तर दिया था, इसलिये कैम्पस वॉच के उद्देश्य के सम्बन्ध में मियारशेमर और वॉल्ट के असत्य का मैंने प्रतिरोध नहीं किया. अब मैं ऐसा करूँगा, मैं उनकी इस बात से इन्कार करता हूँ कि कैम्पस वॉच का आशय मध्य पूर्व के सम्बन्ध में खुली बहस को हतोत्साहित करना है. जैसा कि www.campus-watch.org ने अपने मिशन सम्बन्धी बयान में स्पष्ट किया है यह प्रकल्प उत्तरी अमेरिका में मध्य पूर्व के अध्ययन का पुनरीक्षण और समालोचना इसे और अधिक सुधारने की दृष्टि से करता है.
मध्य पूर्व अध्ययन के लिये कैम्पस वॉच उसी प्रकार है जैसे राजनीति के लिये राजनीति विश्लेषक , फिल्मों के लिये फिल्म समीक्षक और निर्माणकर्ताओं के लिये उपभोक्ता रिपोर्ट. हम जनता के लिये नजरिया उपलब्ध कराते हैं.
राजनेताओं, अभिनेताओं और व्यवसायी प्रशासकों के विपरीत जो अपनी आलोचना अच्छी प्रकार ग्रहण करते हैं , अकादमिक अपनी समीक्षा होने पर आग बबूला हो जाते हैं.
डैनियल पाइप्स
मिडिल ईस्ट फोरम
टिप्पणी- मियारशेमर और वॉल्ट की विशाल योजना में मेरी छोटी सी भूमिका इस बात का प्रतीक है कि उनकी योजना कितनी घटिया है और अमेरिका-इजरायल सम्बन्धों के षड़यन्त्रकारी सिद्धान्त की दृष्टि को भी अप्रामाणिक करती है.