किसने सोचा होगा कि टेनेसे नाशविले का बेलमाण्ट विश्वविद्यालय अपने स्टाफ पर इस्लामी कानून लागू करेगा. परन्तु इस महीने के आरम्भ में ऐसा ही हुआ. टेनेसे के सबसे बड़े विश्वविद्यालय बेलमाण्ट का समाचार लेखक, ब्लाग लिखने वाला और रिपब्लिकन राजनीतिक सलाहकार बिल हाब्स फरवरी 2006 में अमेरिकी मीडिया द्वारा डेनमार्क के कार्टून प्रकाशित न करने पर उनकी कायरता को लेकर काफी असहज अनुभव कर रहा था. अत: उसने अपनी ओर से ही एक आदिम कार्टून बनाकर उसे अपनी व्यक्तिगत साइट पर छाप दिया. यह साइट 5अप्रैल तक अंधेरे में रही जब डेम्रोक्रेट राजनीतिक कार्यकर्ता मारक काप ने इस पर लिखते हुये इसे Draw Mohammed शीर्षक वाला पैगम्बर मोहम्मद का बम लिये हुये रेखाचित्र वाला आश्चर्यजनक पेज बताया. कार्टून का शीर्षक ‘ विस्फोट करता मोहम्मद’ था. कार्टून में हाब्स ने लोगों को आमन्त्रित किया कि इस्लामी पैगम्बर मोहम्मद के चित्र बनाकर अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के अधिकार का प्रयोग करें . उसने पूरे प्रकाशन को इस मुहावरे के साथ समाप्त किया कि यह मेरा पहला प्रयास है. यह 24 फरवरी 2006, शुक्रवार अपरान्ह 12.40 बजे प्रकाशित किया गया.
हाब्स ने काफ के कुछ घण्टों के अन्दर ही उत्तर दिया और लिखा,मैं अमेरिका में रहता हूँ और प्रथम संशोधन का आशीर्वाद मुझे प्राप्त है तथा इस बात से नाराज हूँ कि अमेरिकी मीडिया इतना कायर है कि इस्लामी फासिस्टों के कारण कार्टून प्रकाशित नहीं कर रहा है. मैंने वह कार्टून प्रकाशित किया है तथा अन्य लोगों को भी आमन्त्रित किया है कि वे अमेरिकी मीडिया की कायरता तथा बम,गोली,आगजनी और सिर कलम करने का भय दिखाकर अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता को दबाने का प्रयास करने वाले इस्लामवादियों के प्रयास का विरोध करें. परन्तु मैंने साइट को उस समय चर्चित नहीं किया और आज तक यह भूला रहा.
मैं उस धर्म के प्रति संवेदनशील नहीं हूँ जिसके सहयोगी दूसरों को उड़ाते चलते हैं और कार्टून छापने पर काफिरों को मारने की धमकी देते हैं. मैं असंवेदनशीलता की वकालत करता हूँ . मैं नहीं चाहूँगा कि मेरे बच्चे ऐसे विश्व में पलें जिसका शासन इस्लामी फासिस्टों के हाथ में हो.
13 अपैल को Nashville Scene में जान स्प्राजेन्स ने इस विषय को एक लेख का विषय बनाया जिसका शीर्षक था,एक स्थानीय ब्लागर का देशी कार्टून जिसमें मसखरेपन से अधिक सिद्धान्त है. उन्होंने विषय को स्पष्ट करने के लिये पेज के एक संक्षिप्त संस्करण को लिया . जैसा कि शीर्षक में अन्तर्निहित है कि स्प्राजेन्स ने हाब्स की कड़ी आलोचना की –
हाब्स ने जानबूझकर इस्लाम के प्रमुख व्यक्तित्व के लिये जोर देकर कुछ शब्द उद्धृत किये हैं और इस्लाम की शिक्षाओं का दुरूपयोग करने वाले कुछ लोंगों के बजाय पूरे धर्म को निशाना बनाया है. उसने मोहम्मद को एक दाढ़ी वाले रेखाचित्र से चित्रित किया है जिसके हाथ में बम है और वह कहता है उड़ाओ . ऐसा लगता है कि दाढ़ी वाले मुसलमान आतंकवादी नये धनलोलुप बड़ी नाक वाले यहूदी है.
दूसरी ओर 14 अपैल को Nashville Scene में स्प्राजेन्स के पूर्ववर्ती रोजर अब्रामसन ने हाब्स का बचाव किया .कुछ भी हो क्षति तो हो गयी. हाब्स ने देर सुबह NashvilleFiles.com पर घोषणा की, मैं पारस्परिक सौहार्द और शान्तिपूर्ण स्थिति में त्यागपत्र दे रहा हूँ जो सोमवार 17 अप्रैल से प्रभावी होगा.
एक सप्ताह पश्चात इसके सम्बन्ध में प्रेस द्वारा और पूछताछ करने पर विश्वविद्यालय की ओर से कोई वक्तव्य नहीं आया. इस चुप्पी ने ब्लाग दुनिया ने भी कई प्रश्न उठाये परन्तु एक भी शब्द उत्तर में नहीं कहा गया.
यद्यपि Nashville Scene के एक लेख ने त्यागपत्र के लिये विवश किया था परन्तु प्रकाशन के सम्पादक लिज गैरीगान ने बेलमाण्ट की खिंचाई की. उन्होंने लिखा
बेलमाण्ट की कार्रवाई से लगता है कि यह जबरन त्यागपत्र का मामला है और मेरी दृष्टि में सबका विश्वास है कि यह कायरता है. मेरा तात्पर्य है कि हाब्स के राजनीतिक दृष्टिकोण से कोई अपरिचित नहीं था. आखिर एक व्यक्ति के व्यक्तिगत कार्य पर पूरा विद्यालय अपनी जिम्मेदारी क्यों मानता है. विद्यालय को कोई त्याग केवल इसलिये नहीं करना चाहिये कि हम सोचते हैं कि जो कुछ उसने किया वह मसखरापन था.
महज मसखरापन शब्द का प्रयोग तो काफी उदार है, बेलमाण्ट पर कार्रवाई के कुछ निहितार्थ हैं. जिस प्रकार डेनमार्क के Arla Foods ने कार्टून की निन्दा की और स्वीडन के विदेशमन्त्री ने कार्टूनों को वेबसाइट से हटवा दिया उसी प्रकार टेनेसे में नौकरी से निकालने की यह घटना इस्लामी कानून के प्रति समर्पण है. प्रत्येक समर्पण का अर्थ है शरीयत कानून को आगे बढ़ाना.