यहूदी सब्बात की पूर्व सन्ध्या पर 28 जुलाई को सायं 4 बजे पाकिस्तानी मूल के मुस्लिम आतंकवादी नवीद अफजल हक ने 14 वर्षीया बालिका के पीछे बन्दूक रखकर उसे विवश किया कि वह वृहत्तर सिएटल के यहूदी महासंघ में उसे ले जाये. उसके बाद उसने हाल में ही खरीदी गयी दो बड़ी सक्षम अर्ध स्वचालित पिस्तौलें निकालकर हत्यात्मक भगदड़ मचा दी. हक ने 58 वर्षीया पाम बेचर नामक महासंघ की उपनिदेशक की हत्या कर दी तथा 17 सप्ताह की गर्भवती स्त्री सहित पाँच अन्य लोगों को घायल कर दिया.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हक ने घोषणा की कि, “ मैं एक अमेरिकी मुसलमान हूँ और इजरायल से क्रुद्ध हूँ” इसके बाद वह गोली चलाने लगा . उसने पुलिस को बताया कि यह एक बन्धक जैसी स्थिति है और वह चाहता है कि इजरायल से हम अपने हथियार बाहर लायें. जो कुछ भी इजरायल में हो रहा है उससे वह अत्यन्त व्यथित है. 11 सितम्बर की घटना के टिप्पणीकार से हक ने कहा, “ मैं चाहता हूँ कि ये यहूदी यहाँ से जायें, मैं अपनी विदेश नीति को लेकर परेशान हूँ. ये यहूदी हैं और मैं दर किनार होते-होते थक गया हूँ साथ ही मध्य पूर्व की स्थिति के चलते हमारे लोग किनारे कर दिये गये हैं, मैं एक अमेरिकी भी हूँ परन्तु मैं चाहता हूँ कि हमारे लोग ईराक से बाहर आयें. ”
कोई 12 मिनट के उपरान्त हक ने शान्तिपूर्वक स्वयं को पुलिस के हवाले कर दिया. प्रथम दृष्ट्या आवेश में आकर हत्या के आरोप में उसे बिना जमानत के जेल पहुँचाया गया.
इस क्रूरता से अनेक चीजें प्रकट होती हैं -
प्रथम-कानून प्रवर्तन संस्थाओं ने अपने स्वभाव के अनुरूप इस स्वयंसिद्ध कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद की अवहेलना की. एफ.बी.आई के सिएटल कार्यालय के डेविड गोमेज ने टिप्पणी की, “ हमारा विश्वास है कि यह व्यक्तिगत शत्रुभाव से किया गया एकल प्रयास है और आतंकवाद से सम्बन्धित होने का इसका कोई संकेत नहीं है. ”. जैसे अन्य मामलों में यदि पुलिस आतंकवादी को अल-कायदा या अन्य गुट से सम्बद्ध नहीं कर पाती तो उसे आतंकवादी ही नहीं माना जाता.
दूसरा-यहूदियों के प्रति मुस्लिम घृणा और हिंसा अमेरिका में यहूदियों के स्वर्ण युग के समापन की ओर संकेत करती है. इसे विडम्बना ही कह सकते हैं कि जिस भवन में हक ने यह भगदड़ मचाई उसी भवन में अपैल 2002 में यहूदी नेताओं के समक्ष मैंने यही बात कही थी जो इस सन्देश के प्रति काफी लापरवाह दिखे. वृहत्तर सिएटल के यहूदी महासंघ की अध्यक्षा रोबिन बोहेलर ने जब हक के आक्रमण पर आश्चर्य प्रकट करते हुये कहा कि उन्हें कभी नहीं लगा कि ऐसा भी हो सकता है तो स्पष्ट था कि मेरी चेतावनी का इन पर कितना कम असर हुआ था.
तीसरा-हक कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिस पर जिहाद का सन्देह होता हो. उसके माता-पिता नाहिदा और मियाम 1970 में अमेरिका आये और यहीं नवीद का जन्म हुआ. उसके पिता ने हनफोर्ड परमाणु स्थल में कार्य किया. हाईस्कूल में नवीद को यू.एस.इन्स्टीट्यूट ऑफ पीस द्वारा प्रायोजित एक निबन्ध प्रतियोगिता में 250 डालर का द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ. उसने रेन्सलेयर पालीटेक्निक से विद्युत अभियान्त्रिकी में द्वितीय स्थान प्राप्त किया. उसने पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय में भी अध्धयन किया.
हक ने अकेले बार में शराब पी और सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट से जुड़ा. उसके आचरण के सम्बन्ध में भी उस पर अभद्र यौन आचरण का आरोप है जब मार्च में उसने एक शापिंग मॉल में महिलाओं के समक्ष अपने पैन्ट की चैन खोलकर कुछ अंगों का प्रदर्शन किया था.
बेरोजगारी लाभ और यातायात नियमों के उल्लंघन में भी उसने न्यायालयों के चक्कर लगाये. सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि पिछले दिसम्बर में वर्ल्ड ऑफ फेथ में उसका बपतिस्मा हुआ परन्तु शीघ्र ही वह इस्लाम धर्म में वापस आ गया.
चौथा- हक का कृत्य “जिहाद के आकस्मिक रोग ” का उदाहरण है जहाँ सामान्य से दिखने वाले मुसलमान अचानक हिंसक हो उठते हैं. उसका आक्रमण मुसलमानों की विशेष जाँच की मेरी माँग को पुष्ट करता है. चूँकि अगले जिहादी हत्यारे के सम्बन्ध में पूर्वानुमान नहीं किया जा सकता इसलिये मुसलमानों को कड़ी परीक्षा में रखना चाहिये. मुझे यह लिखते हुये उतना ही दुख हो रहा है जितना आपको पढ़ते हुये अरूचिकर लग रहा है परन्तु आवश्यक है कि ऐसा कहा जाये और इसका पालन किया जाये.
पाँचवा- जिहाद के रोग का विस्फोट कोई अकेले में नहीं होता वरन् इस्लामवादी मस्जिदों, स्कूलों, स्वैच्छिक संगठनों और मीडिया के सेमेटिक विरोधी, यहूदी विरोधी, ईसाई विरोधी और अमेरिका विरोधी विचारों के शनै: शनै: पोषण से होता है. वामपंथियों का इजरायल का चित्रण इस समस्या में और योगदान करता है.
जो लोग हक को जानते हैं वे इस बात को पुष्ट करते हैं कि इन्हीं चीजों से प्रभावित होकर उसकी सोच ने एक स्वरूप ग्रहण किया. एक व्यक्ति के अनुसार हक राष्ट्रपति बुश को पसन्द नहीं करता . एक दूसरे व्यक्ति के अनुसार हक ने यहूदियों पर टिप्पणी के द्वारा अपनी सेमेटिक विरोधी भावना को उजागर किया. उसने शिकायत की कि मीडिय का संचालन यहूदी करते हैं और उसका विश्वास है कि यहूदी अमेरिका की अर्थव्वस्था को नियन्त्रित करते हैं.
हक की इस बुरी भगदड़ का दायित्व स्वयं कृत्य करने वाले पर तो जाता ही है परन्तु उन इस्लामवादियों और वामपंथियों पर भी जाता है जिन्होंने उसके संशयपूर्ण मस्तिष्क और भावुक चरित्र को यह दिशा दी.