आगामी सितम्बर में ब्रुकलिन में पब्लिक सेकेण्ड्री स्कूल (1से 12) अरबी भाषा के लिए अपने द्वार खोल रहा है। न्यूयार्क शहर के शिक्षा विभाग ने बताया है कि खलील जिब्रान अन्तर्राष्ट्रीय एकेडमी बहुलवादी पाठ्यक्रम और सघन अरबी भाषा उपलब्ध करायेगा ।
यह विचार अत्यन्त उत्तम है, क्योंकि न्यूयार्क और देश को स्वदेशी अरबी भाषियों की आवश्यकता है। सेना कूटनीति, खुफिया विभाग, न्यायालय, मीडिया, अकादमियों सहित अनेक संस्थाओं में उनकी आश्यकता है और इस बहुलभाषावाद का सबसे अच्छा विचार युवकों को भाषा सिखाना है। अरबी भाषा सीखने में कुछ समय व्यतीत करने के कारण अमेरिका में अपने तरह के इस पहले विद्यालय के विचार से सिद्धान्तत: में सहमत हूँ।
परन्तु व्यवहार में मै खलील जिब्रान एकेडमी का विरोध करता हुँ और मेरी भविष्यवाणी है कि इसकी स्थापना से अनेक समस्यायें उत्पन्न होंगी। मै ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि अरबी भाषा का अध्ययन अरब राष्ट्रवाद और इस्लामवाद के बोझ तले दबा है इस सम्बन्ध में कुछ उदाहरण प्रस्तुत हैं --
अमेरिका के सर्वाधिक प्रतिष्ठित भाषाभाषी विद्यालय वरमाण्ड स्थित मिडिलबरी कालेज में अरबी भाषा का अध्यापन करने वाले फ्रैन्क सालामेह को ज्ञात हुआ कि बेहतर अरबी पढकर मिडिलबरी उत्तीर्ण करने वाले छात्र मध्य-पूर्व के इतिहास को अरबराष्ट्रवाद के दृष्टिकोण से पढने की प्रवृत्ति में पगे थे। विस्तृत व्याख्यानों और चतुराई पूर्ण व्याकरण के द्वारा मिडिलबरी के अध्यापकों ने इस विचार को आगे बढाया कि अरब पहचान स्थानीय पहचानों से श्रेष्ठ है इस कारण अल्पसंख्यकों, नस्ली और साम्प्रदायिक समुदायों को सम्मान देना अरबवाद के साथ विश्वासघात है। व्याकरणीय कसरत के उदाहरण के लिए अरबी अध्यापन पर शीघ्र प्रकाशित शुफरी बी. आबिद की पुस्तक – Focus on Contemporary Arabic: Conversations with Native Speakers देखी जा सकती है जहाँ एक अध्याय का शीर्षक “The Question of Palestineहै।
इस प्रकार सघन राजनीतिक अध्ययन फ्रेन्च या स्पेनिश भाषा में कल्पना से परे है।
इस्लामवादी आयाम भी मेरी चिन्ता का कारण है अरबी अध्ययन के लिए लाबिंग करने वाले कैलीफोर्निया आधारित संगठन Language Institute Foundation का दावा है और जैसा कि दूसरे नेता अख्तर एच इमोन मानते हैं कि इस्लाम की पवित्र भाषा के अध्ययन से पश्चिम नैतिक पतन से बाहर आ सकेगा। दूसरे शब्दों में मुसलमानों की मान्यता है कि किसी गैर मुसलमान द्वारा अरबी भाषा का अध्ययन इस्लाम में उसके शाश्वत मतान्तरण की दिशा में एक कदम है। हालांकि 1970 में कैरो में अरबी का अध्ययन करते हुए मैने इस अपेक्षा का प्रतिवाद किया था ।
इसके अतिरिक्त अरबी का अध्ययन करने से इस्लाम रूपरेखा बनती है और जैसा कि जेम्स काफमैन ने अल्जीरिया के मामले में इसका उदाहरण दिया गया था फ्रेन्च और अरबी में अध्ययन करने वाले छात्रों की तुलना करते हुए उन्होंने पाया कि अरबी के छात्रों में इस्लामवादी आन्दोलन के लिए सहयोग और पश्चिम के लिए अविश्वास कहीं अधिक मात्रा में था। काफमैन ने पाया कि अरबी के छात्र एड्स के संक्रमण से ग्रस्त इजरायली महिलाओं के अल्जीरिया में घुसपैठ तथा लाखों अमेरिकियों द्वारा इस्लाम में सामूहिक मतान्तरण जैसी अनेक इस्लामवादी बकवासों में अधिक विश्वास करते हैं।
खलील जिब्रान से सम्बन्धित कुछ विशेष मामले इस आशंका को पुस्ट करते हैं जिसमें इसके प्रायोजक और उत्साहियों का स्थान भी है। इस विद्यालय की प्रमुख व्यक्तित्व और नामित प्रधानाचार्य दाबाह अलमोन्स्तर का अनेक अतिवादी विचारों का रिकार्ड रहा है जैसा कि विलियम ए.मेयर और बेलारो बिनोविज ने pipelinenews.org में दिखाया है ।
अलमोन्स्तर की दृष्टि में 11 सितम्बर 2001 के अत्याचार के लिए अरब के लोग या मुसलमान दोषी नहीं हैं। “मेरी दृष्टि में यह घटना अन्जाम देने वालों की पहचान अरबी या मुसलमान के रूप में नहीं है।” इसके बजाय इस घटना के लिए उन्होंने वाशिंगटन की विदेश नीति को उत्तरदायी ठहराया है। उनके अनुसार इस घटना को प्रश्रय इस कारण मिला कि अमेरिका ने विश्व में अनेक देशों के साथ अपनी शर्तें तोड़ीं और विशेषकर विश्व में अनेक देशों मध्य पूर्व में ,और सच तो यह है कि निष्पक्ष मध्यस्थ नहीं है। न्यूयार्क पुलिस विभाग आयुक्त के साथ सामुदायिक बैठक में पुलिस विभाग को एफ.बी आई के दांव पेंच अपनाने पर उसे फटकार लगाई जब मुखविरों को एक पारपथ स्थानक पर बंमबारी का पता लगाने के लिए प्रयोग कर उस घटना को रोक दिया गया। अलमोन्स्तर के लिए आतंकवाद का प्रतिरोध कम महत्वपूर्ण है बनिस्वत मुसलमानों को आराम देने के ।
उन्होंने जार्ज डब्लू बुश को एक विपदा बताया जो संयुक्त राष्ट्र अमेरिका को नष्ट करना चाहते हैं। एक विदेशी आर्थिक सहायता प्राप्त संगठन काउन्सिल आन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशन्स ने 2005 में अलमोंन्स्टर को नागरिक अधिकारों के रक्षा के लिए सम्मानित किया ।
खलील जिब्रान एकेडमी के सम्बन्ध में उसके विचार चौकन्ना करने वाले हैं एसोसिएटेड प्रेस रिपोर्ट ने उन्हें कहते हुए उद्धृत किया कि “यह विद्यालय उपनिशवेवाद और इजरायल-फिलीस्तीन जैसे विषयों से मुँह नहीं चुरायेगा और विद्यालय अरबी भाषा तथा इस्लामी संस्कृति को भी लागू करेगा।” इस्लामी संस्कृति वह नही है जो विद्यालय के लिये विज्ञापित हुआ। परन्तु अरब राष्ट्रवाद तआ इजरायल विरोध और इस्लाम में मतान्तरण के साथ इस्लामवादी इस विद्यालय का वास्तविक पाठ्यक्रम होगा ।