टोरेन्टो में हाल में ही संपन्न Reviving the Islamic Spirit नामक बड़े इस्लामवादी सम्मेलन में ( टोरन्टो स्टार के अनुसार 7,000 लोगों ने इसमें भाग लिया ) इस्लामवादियों की ओर से तारिक रामदान और सिराजवहाज जैसे सितारे शामिल हुए .इस सम्मेलन में एक नव नाजी विलियम डब्ल्यू बेकर की मेजबानी भी की गई .
फरवरी 2002 में औरेन्ज काउंटी साप्ताहिक में स्टान ब्रिन के एक खोजपूर्ण शीर्षक Hour of White Power: Reverend Robert H. Schuller relies on a man with ties to Neo-Nazis to build religious understanding “ के द्वारा बेकर को अनावृत किया गया .ब्रिन ने बेकर का संबंध अमेरिका की नवनाजी राजनीति के प्रमुख विलिस कार्टो के साथ स्थापित किया तथा रहस्योदघाटन किया कि बेकर 1984 में नवनाजी संगठन पापुलिस्स पीर्टी का अध्यक्ष रहने के साथ अनेक अस्वस्थ गतिविधियों में लिप्त रहा है . इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के तत्काल पश्चात् क्रिस्टल कैथ्रेडल के स्कूलर ने बेकर के साथ अपने सभी संबंध समाप्त कर लिए .
परंतु इससे मामला समाप्त नहीं हुआ . इसके बाद भी बेकर विलियम को अनेक ख्यातिप्राप्त संस्थाओं द्वारा निमंत्रण प्राप्त होता रहा और उसे पारिश्रमिक भी दिया जाता रहा . अक्टूबर 2003 में कैम्पस वाच ने उदघाटित किया कि 2005 में पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय में मुस्लिम स्टूडेन्ट्स एसोशियेसन द्वारा प्रायोजित एक कार्यक्रम में बेकर उपस्थित रहा . जैसा कि जोनाथन कॉल्ट हैरिस ने पाया कि “ बेकर का वक्ता के रुप में चयन अत्यंत बुरा है परंतु उसके पारिश्रमिक के लिए विश्वविद्यालय के कोष का प्रयोग तो घोटाला है .”
विश्विवद्यालय और चैपलिन विभाग ने एक सप्ताह के कार्यक्रम के लिए लगभग 5000 डालर खर्च किए , इसमें से कुछ धन बेकर को पारिश्रमिक के रुप में दिया गया . हमारे इस रहस्योदघाटन् को प्रेस में व्यापक स्थान मिला और अनेक चेहरे बेनकाब हुए तथा खंडनों का दौर चलता रहा परंतु बेकर का व्याख्यान पहले की ही भांति चलता रहा .
3 जनवरी 2004 को बेकर टोरन्टो सम्मेलन में दिखाई पड़ा और उसने More in common than you think शीर्षक से व्याख्यान भी दिया . टोरन्टो स्टार ने उसके प्रस्तुतिकरण को कुछ इस तरह प्रस्तुत किया “ अपने पैनल में जो कि ईसाई और इस्लामियत के मध्य कुछ समान भूमि तलाशने पर आधारित था ,उसने फिलीस्तीनियों के साथ इजरायल के व्यवहार की आलोचना की और श्रोताओं से पूछा कि क्या वे लोग फिलीस्तीनी लोगों के लिए उठ खड़े होकर संघर्ष करना चाहेंगे . “
बेकर के व्याख्यान की सामग्री के विषय में कुछ अनुमान हमें भी है . क्योंकि उसके व्याख्यान के शीर्षक More in Common Than You Think: The Bridge Between Islam & Christianity पर ही आधारित बेकर की 1998 की पुस्तक भी है जिसे स्टीफन स्कावर्ज ने कट्टरपंथी मुसलमानों और अलग थलग पड़े ईसाइयों को एक साथ लाने के प्रयास की संज्ञा दी है .
कनाडा यहूदी कांग्रेस ने विलियम बेकर की उपस्थिति का विरोध किया लेकिन टोरंटो स्टार ने इसे सौम्य ढंग से इस प्रकार कहा है कि कनाडा यहूदी कांग्रेस ने बेकर पर आरोप लगाया कि वह अमेरिका के कुछ नस्लवादी गुटों से संबंध रखता है .
इसके बाद स्टार ने इस आयोजन के मीडिया संपर्क निदेशक जीवन चानिका का एक दूसरे चरित्र वाला उद्धरण प्रस्तुत किया “ किसी घृणा या नस्लवादी एजेन्डे पर चलने वाले किसी भी व्यक्ति को बुलाने के किसी कार्य में शामिल नहीं है क्योंकि यह इस्लाम की भावनाओं या मुसलमानों की धारणा के अनुकूल नहीं जो कि इस सम्मेलन की भावना के विपरीत है जो कनाडा के समाज में बहुलवादी विचारों का विस्तार करने के लिए है . “
यह भी ध्यान देने योग्य है कि टोरंटो के मेयर डेविड मिलर , टोरंटो पुलिस प्रमुथ जुलियन फान्टिनो और शाही कनाडा पुलिस आयुक्त गिडलियानो जकारडेली ने इस्लामी भावना का पुनर्उत्थान , विषयक सम्मेलन में भाग लेकर विलियम बेकर को अपना आशीर्वाद प्रदान किया ।
इसकी तुलना हाल के एक मामले से की जा सकती है जिसपर मैंने लिखा था कि किस प्रकार एक कट्टरपंथी मस्जिद का पक्ष राजनेताओं ने लिया .
यह उसी प्रकार की एक कहानी है जिसको दुहराने के पीछे का उद्देश्य समझना कठिन नहीं है . राजनेताओं, अफसरशाहों , पत्रकारों , धार्मिक गुरुओं और अकादमिकों को किसी भी इस्लामिक संस्था को मान्यता प्रदान करने से पूर्व देखना चाहिए कि उसका संबंध इस्लामवादी उद्देश्य या सहयोग से है या नहीं . अच्छी इच्छा और विश्व एकता का उद्देश्य शोध का स्थान नहीं ले सकता .