पिछले शनिवार को पाकिस्तान में कराची विश्वविद्यालय में एक युवक ने एक युवती को वैलेन्टाइन ने दिवस की शुभकामनायें दी।
विश्व के अनेक क्षेत्रों में इस शुभकामना से कोई क्षति नहीं होती परन्तु कराची में यह शब्द झगड़ा करने वाला है। अन्य छात्रों द्वारा इस शुभ कामना पर आपत्ति करने से इनमें आपस में मारपीट हुई जिसमें दो छात्र घायल भी हो गये । इस घटना से परिलक्षित होता है कि कुछ संस्कृतियों में वैलन्टाइन दिवस के कारण विवाद उत्पन्न होता है ।
सउदी धर्माधिकरियों ने एक निर्देश जारी कर एक संकेत दिया है कि इस्लाम में केवल एक अवकाश है ईद उल फितर और ईद अल अधा और इसके अतिरिक्त कोई भी अवकाश सृजित होता है तो वह मुसलमानों के लिए प्रतिबन्धित है। इसी के साथ सउदी प्रजा को इस वर्ष वैलेन्टाइन दिवस से भी अलग रहने का निर्देश दिया गया। इस प्रतिबन्ध को ध्यान में रखते हुए सउदी धार्मिक पुलिस ने अवकाश से सम्बन्धित भेटों के लिए गुलाब या अन्य भेटों को बिक्रीत करने वाले दुकानों पर कड़ी निगाह रखी । यहाँ तक कि उन्होंने वैलेन्टाइन दिवश पर लाल रंग पहनने पर एक महिला को गिरफ्तार भी कर लिया ।
चौदहवीं शताब्दी के प्रेम का संरक्षण करने वाले इस संत की याद में मनाये जाने वाले अवकाश को लेकर भय और वितृण्णामें सउदी अधिकारी शायद अकेले हों। पिछले वर्ष ईरान में पुलिस ने दिल और गुलाब सहित आर्लिगनबद्ध प्रेमियों के चित्रों से सजी दुकानों को हटाने के आदेश दिये ।
पाकिस्तान में जमायते इस्लामी नामक इस्लामवादी संगठन में वैलेन्टाइन पर प्रतिबन्ध का आह्वान किया इसके एक नेता ने इसे शर्मनाक दिन की संज्ञा दी जब पश्चिम के लोग अपनी काम पिपासा शान्त करते हैं । मलेशिया में एक मुफ्क्ती ने गर्जना की , हम मुसलमानों को ऐसी किसी किसी भी संस्कृति या चलन की आवश्यकता नहीं है जो प्रामाणिक, परिपूर्ण हमारे धर्म की शिक्षाओं के प्रतिकूल हैं।
अमेरिका में ब्रिजव्यू मस्जिद के इमाम ने शिकागो में वैलेन्टाइन दिक्स की निन्दा करते हुए इसे एक गैर – इस्लामी अवकाश दिवस बताया ।
केवल मुसलमान ही वैलेन्टाइन दिवस का विरोध करने वाले नहीं हैं। भारत में एक कट्टर हिन्दू संगठन शिव सेना के नेता ने इस अवकाश की निन्दा करते हुये इसे अपनी बाजारी आवश्यकता की पूर्ति के लिए भारत युवाओं को आकर्षित करने के लिए भारतीय संस्कृति पर पश्चिमी आक्रमण बताया है । शिव सेना के सदस्यों ने मध्य मुम्बई की एक दुकान से वैलेन्टाइन दिवस के कार्ड चुरा लिए और कर्मकाण्ड के कौर पर उन्हें अग्नि के भेंट चढा दिया। उन्होंने आलिंगन बद्ध युगलों को परेशान किया और वैलेन्टाइन दिवस का कार्ड या भेंट परस्पर आदान प्रदान करने वालों का सर गंजा करने की धमकी दी ।
इस तोड़ फोड़ साथ ही मुस्लिम बहुल देशों सहित भारत में इस अवकाश की लोकप्रियता बढती जा रही है। रेस्टोरेन्ट वैलेन्टाइन दिवस पर इसे प्रोत्साहन दे रहे हैं तो वहीं स्टोर भेंट, चाकलेट द्वारा इसे लोकप्रियता प्रदान कर रहे हैं। फूलवाले इस दिन गुलाबों को आकर्षक रुप में प्रस्तुत करते हैं तो नाई लोंगों के सर के बाल उसी प्रकार काटते हैं। टेलीविजन कार्यक्रमों में प्रेम पत्र लिखने वाले की प्रतियोगिता की जा रही है समाचार पत्र प्रेम सन्देश प्रकाशित करते हैं और कैफे, छत, पार्क, रिक्शा और टैक्सी में प्रेम की कला सिखाते हैं। डेरिंग के लिए इन्टरनेट का प्रयोग करने वालों की बाढ आ जाती है तथा फोन कम्पनियों में लम्बी दूरी की बात करने वालों की कतार लग जाती है।
यद्यपि मधय – पूर्व और दक्षिण एशिया में यह अवकाश नया है परन्तु अत्यन्त तेजी से इसने परम्परा का रुप ले लिया है। 23 वर्षीय बांग्लादेशी महिला के अनुसार’’ हम प्रतिवर्ष वैलेन्टाइन दिवस मनाते हैं। आधीरात को को हम एक दूसरेको वैलेन्टाइन दिवस का अभिवादन करते हैं और इसके बाद परस्पर भेंट का आदान – प्रदान करते हैं ।
अधिकारी भले ही इसे रोमांस दिवस कहकर इसकी निन्दा करें परन्तु या युवाओं और अधिक आयुवालों को आकर्षित करता है तो इसकी नवनिर्मित परम्परा के संवाहक हैं ।
कुछ मामलों में जैसे ईरान जहाँ सरकार की कठोरता ने जनसंख्या को अलग – थलग किया है। एक 19 वर्षीय बालिका ने कहा कि मैं अनेक सप्ताहों से अपने पुरूष मित्र को वैलेन्टाइन दिवस पर भेंट देने की प्रतीक्षा में हूँ । इस कठोरता से कठोर मौलवी शासन को निरस्त करने का मेरा भाव दृढ. हुआ है’’ । अन्य ईरानियों के लिए प्रतिबन्ध सिद्ध करता है कि यह शासन जनभावना को कितना कम समझता है। अपने दामाद के लिए लाल दिल और गुलाब का कार्ड खरीदने वाले एक दुकानदार ने इस प्रतिबन्ध को जिद और सांस्कृतिक पिछड़ापन की संज्ञा दी। उसके अनुसार कठोर कार्रवाई से वे लोगों की और घृणा और शत्रुता ही बदले में पायेगें ।
वैलेन्टाइन दिवस अपने में हल्का विषय है परन्तु इसका दमन करने वालों की प्रवृत्ति संकेत देती है कि इसमें आधुनिकता के विरूद्ध युद्ध अन्तर्निहित है। इस प्रकार दिल बने कार्डों को लेकर पीढ़ीगत और संस्कृतिगत संघर्ष संकेत करता है कि इस्लाम की आत्मा के लिए संघर्ष चल रहा है। क्या धर्माधिकारी प्रेम के दिवस के रूप में माने जाने वाले दिन का दमन कर पायेंगे।