जैसा कि मैं अकसर कहता हूं कि उग्रवादी इस्लाम समस्या है और नरमपंथी इस्लाम उसका समाधान, परंतु इस्लाम के इन दो स्वरुपों के मध्य विभाजन कैसे हो ?
यह एक कठिन प्रश्न है और विशेषकर उन मुसलमानों को लेकर जो पश्चिम में रहते हैं । यह जानने के लिए कि यह कितना कठिन प्रश्न है अब्दुर्ररहमान अलमौदी का मामला देखा जा सकता है जो कि 16 मुस्लिम संगठनों से जुड़ा प्रमुख अमेरिकी है ।
उन संगठनों में से एक अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल को एफ.बी.आई के प्रवक्ता बिल कार्टर ने “ अमेरिका की मुख्यधारा का प्रमुख मुस्लिम वर्ग कहा था “ उनमें से दो (इस्लामिक सोसाइटी आफ नार्थ अमेरिका और अमेरिकन मुस्लिम आर्मड फोर्सेज एंड वेटरन्स काउंसिल ) को सुरक्षा विभाग ने सैन्य बल में इस्लामी चैंपलिन के रुप में संस्तुति दी । राज्य विभाग ने अलमौदी पर काफी विश्वास जताया और 6 बार उसे सरकारी खर्चे पर मुस्लिम बहुल देशों में धार्मिक सहिष्णुता का संदेश देने के लिए भेजा ।अलमौदी को सार्वजनिक रुप से नरम और उदारवादी मुसलमान की संज्ञा दी गई और उसकी पहचान महिलाओं की तरक्की व नि: शुल्क चिकित्सा सुविधा देने वाले के रुप में है ।
परंतु हाल में नरमपंथ की यह छवि ध्वस्त हो गई जब अलमौदी द्वारा संतुष्ट एक चैपलिन वर्गीकृत सामग्री के साथ छेड़छाड़ के मामले में गिरफ्तार हुआ । लीबिया के साथ अवैध व्यापार के सिलसिले में अलमौदी स्वयं गिरफ्तार हुआ और अलमौदी का नाम पायलट अमेरिका की सरकार द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित सात लोगों के संबंध में सूचनाएं रखता हुआ पाया गया ।
वास्तविक और काल्पनिक नरमपंथ के बीच विभाजन करना अमेरिका सरकार के अधिकारियों के बस की बात नहीं है ।
किसी के बारे में नरमपंथी होने का प्रमाण एकत्र करने का तरीका उसके सार्वजनिक , व्यक्तिगत , इंटरनेट और प्रिन्ट , घरेलू तथा विदेशी व व्यक्तिगत् या संस्थागत रिकार्डों में प्रवेश करना है । ऐसा शोध बुद्धिजीवियों , कार्यकर्ताओं और इमामों के विषय में प्रभावी है जिनका कागजी आधार पर ही पीछा किया जा सकता है । जिन लोगों का सार्वजनिक रिकार्ड नहीं है उनसे प्रश्न पूछे जाने चाहिए । उनके साथ विशेष मुद्दों पर जांच की जानी चाहिए ।( इस्लाम शांति का धर्म है या नहीं , क्या आप आतंकवाद की निंदा करते हैं )
जैसे व्यापक प्रश्न किसी काम के नहीं हैं क्योंकि यह परिभाषा पर आधारित प्रश्न हैं ।
कुछ उपयोगी प्रश्न हो सकते हैं ।
हिंसा – फिलीस्तीन में , चेचन्या में और कश्मीर में शत्रु नागरिकों को मारने के लिए अपनी जान देने वालों की आप प्रशंसा करते हैं या निंदा करते हैं ?
क्या आप नाम लेकर आतंकवादी गुटों जैसे , अबू सयाफ , अल गामा अल इस्लामिया , ग्रुप इस्लामिक आर्मी , हमास , हरकत उल मुजाहिद्दीन , हिजबुल्लाह , इस्लामिक जिहाद , जैश –ए –मोहम्मद , लश्कर –ए-तोएबा और अल-कायदा की निंदा करते हैं ।
आधुनिकता – क्या मुस्लिम महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार प्राप्त हैं ( उदाहरण के लिए उत्तराधिकार या गवाही ) क्या युद्ध के रुप में मान्य जिहाद क्या वर्तमान विश्व में स्वीकार्य है ।क्या आप अन्य धर्मों को स्वीकार करते हैं ? क्या मुसलमान पश्चिम से कुछ सीख सकते हैं ? क्या मुसलमान अन्य धर्म में धर्मान्तरित हो सकता है ? क्या मुस्लिम महिला का विवाह गैर-मुस्लिम से हो सकता है ? क्या आप बहुसंख्यक गैर – मुसलमान सरकार को स्वीकार को स्वीकार कर उसके प्रति अपना लगाव व्यक्त करते हैं ? क्या राज्य को धार्मिक मान्यताओं को थोंपना चाहिए जैसे रमजान के दौरान भोजन सेवा को बंद करना । यदि मुस्लिम कानूनों का सेक्युलर कानूनों से संघर्ष हो तो किसे प्राथमिकता मिलनी चाहिए ?
इस्लामी बहुलवाद – क्या सूफी और शिक्षा पूरी तरह मान्य मुसलमान हैं । क्या आप मानते हैं कि जो मुसलमान आपसे मतभिन्नता रखता है वह काफिर हो गया ? क्या आप तकफीर ( जिस मुसलमान को अविश्वासी मानकर निंदा की जाये ) को स्वीकार्य चलन मानते हैं ?
आत्म –आलोचना – क्या आप इस्लाम के मूल की विद्वत जांच को मान्य करते हैं ? आपकी दृष्टि में 11 सितंबर 2001 के आत्मघाती अपहरण का उत्तरदायी कौन है ?
उग्रवादी इस्लाम के विरुद्ध सुरक्षा – क्या आप उग्रवादी इस्लाम से लड़ने के लिए सुरक्षा बढाने को स्वीकार करते हैं , भले ही इसके लिए अपनी सुरक्षा अधिक करनी पड़े ( उदाहरण के लिए हवाई सुरक्षा ) । क्या आप इस बात से सहमत हैं कि आतंकवाद को आर्थिक सहायता देने वाले संस्थानों को बंद किया जाना चाहिए या आप इसे पूर्वाग्रह मानते हैं ?
पश्चिम में लक्ष्य – क्या आप मानते हैं कि पश्चिमी देश बहुसंख्यक ईसाई और सेकुलर हैं या फिर आप उन्हें इस्लामी कानून द्वारा शासित मुस्लिम बहुल देश में परिवर्तित करना चाहते हैं ?
इन प्रश्नों को सार्वजनिक रुप से रखना आदर्श स्थिति होगी । इसे मीडिया श्रोताओं के समक्ष रखा जाना चाहिए जिससे इन्हें छिपाने की संभावनाएं कम हो जाएंगी ।
एक भी उत्तर उग्रवादी इस्लाम के चरित्र के अनुकूल नहीं है । वैसे बहाना सदैव एक संभावना हो सकती है लेकिन इन सवालों से शत्रु को मित्र से अलग रखने की शुरुआत हो सकती है ।