कार्ययोजना जारी रहे पर उसे बदल दिया जाये । पिछले सप्ताह वाशिंगटन की इराक नीति में अचानक तीव्र और अव्यक्त रुप में आये परिवर्तन का यही अर्थ था ।
इराक में अमेरिका के नागरिक प्रशासक एल-पाल –ब्रेमर तृतीय द्वारा जल्दबाजी में व्हाइट हाउस की यात्रा के पश्चात् राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू बुश ने कहा कि “ वे चाहते हैं कि इराकी अपने देश के शासन में अधिक भाग लें । दो दिन उपरांत इराक की शासन परिषद् ने घोषणा की कि इराक का आधिकारिक कब्जा 2004 के अंत तक खत्म हो जाएगा और उसके बाद देश में सैन्य उपस्थिति ही रहेगी ।.”
शीघ्र संविधान की महत्वकांक्षी योजना को परे रखकर एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार उसके स्थान पर “ ब्रेमर परिषद् के साथ शासन करने के लिए एक अंतरिम इराकी शासक को नामित करेंगे और वह तब तक शासन करेगा जब तक चुनाव नहीं होते और संविधान निर्मित नहीं होगा ।”
सेना का “ इराकीकरण ”होगा । नया जोर जेफरसन पद्धति के लोकतंत्र की स्थापना पर न होकर इराक की ओर दायित्व और अधिकार मोड़ देने पर होगा ।
स्वागत योग्य यह परिवर्तन रक्षा विभाग की वास्तविकता की विजय और राज्य विभाग की उस स्वप्निल योजना की पराजय है कि ( जैसा कि वाल स्ट्रीट जर्नल ने कहा ) बगदाद में 1707 का फिलाडेल्फिया निर्मित किया जाएगा । निश्चित् रुप से यह श्रेष्ठ होगा यदि ब्रिटेन और अमेरिका अहस्तक्षेप नीति से इराकी लोगों को शासन की ललित कला का शिक्षण दें। परंतु इराकी कोई बच्चे नहीं हैं कि वे पश्चिमी अध्यापकों से सीखें । उन्हे अपने इतिहास पर गर्व है , बाहरी विश्व की अवहेलना करने वाले हैं , आंग्ल अमेरिकी लोगों पर संदेह करते हैं तथा देश स्वयं संचालित करने को प्रतिबद्ध हैं । उन्हें शिक्षित करने की कोई भी योजना निश्चय ही असफल होगी ।
1945 कालोत्तर जर्मनी और जापान से आज के इराक की स्थिति पूर्णतया भिन्न है , मूलरुप में इसलिए क्योंकि एक अलग स्थिति विद्यमान है –
जर्मन और जापानी लोग एक जनता के रुप में पराजित हो गए थे और अनेक वर्षों के युद्ध के बाद परास्त किये गए थे , इस कारण अपने समाज और अपनी संस्कृति के पुनर्निमाण को उन्होंने स्वीकार किया था ।
इसके विपरीत इराकी तीन सप्ताह के युद्ध से बिना खरोंच के बाहर आए और उन्हें कोई क्षति नहीं हुई । इराकी इस भाव भूमि में बिल्कुल नहीं है कि उन्हें बताया जाए कि क्या करना है ? उनके लिए कब्जे से जो लाभदायक है उसी को ग्रहण कर रहे हैं और जो उनके लिए लाभदायक नहीं है उसका वे हिंसा या अन्य प्रकारों से विरोध कर रहे हैं ।
इसके विपरीत इराकियों के साथ लंबे और क्रूर युद्ध में लंबे समय तक लिप्त न रहने के कारण अमेरिका के लोग भी इराक में भविष्य की कार्ययोजना के लिए अत्यंत सीमित चिंता दिखा रहे हैं ।
संक्षेप में इराकी दृढ़संकल्प कब्जाधारियों से कहीं अधिक है और इसे कब्जाधारियों की सीमायें हैं ।
वाशिंगटन का नया बुद्धिमता पूर्ण आह्वान अप्रैल 2003 में राजनीतिक रुप से नरम परंतु कार्यन्वयन में सख्त लोकतांत्रिक मस्तिष्क के सशक्त इराकी संबंधी मेरे आह्वान के अनुसार ही है और इसी के साथ मेरी सिफारिश कि इराकियों का संचालन इराकियों द्वारा करने दिया जाए के अनुरुप है ।
यह कहने का अर्थ कदापी यह नहीं है कि अमेरिका ,ब्रिटेन, पौलैंड और इटली की सेनायें देश छोड़ दें परंतु उन्हें स्वयं को सीमित कार्यों में लगाना चाहिए ।
उपस्थिति – इराक के शहरों में इराकी बूत होने चाहिए न कि विदेशी । गठबंधन सेना को रिहायशी क्षेत्रों से हटाकर रेगीस्तान में स्थानांतरित कर देना चाहिए जो इराक में पर्याप्त मात्रा में है ।
शक्ति – बगदाद में सरकार , सीमा , तेल और गैस लाइनों की सुरक्षा गारंटी सेना ले । सद्दाम हुसैन और उसके लोगों की धर-पकड़ हो । इसके अतिरिक्त व्यव्स्था चलाने का दायित्व इराकियों पर हो ।
निर्णय- आंतरिक निर्णय ( सुरक्षा , वित्त , न्याय , शिक्षा , धर्म ) इराकियों के होने चाहिए केवल विदेश और सुरक्षा नीतिया हीं गठबंधन के हाथ में होनी चाहिए ।
इराकियों को गठबंधन से दूर नजर की देखरेख में अपने अनुसार चलने का अवसर दिया जाना चाहिए । जब किसी सरकार ने एक लंबे स्वयं को सिद्ध कर दिया है तो उसे सम्प्रभुता मिलनी ही चाहिए ।यदि कुछ भी गलत होता है तो रेगिस्तान में तैनात सेनायें सदैव हस्तक्षेप कर सकती हैं ।
और इस बारे में कोई भूल नहीं करनी चाहिए कि इस इराकीकरण से इस बात की काफी संभावनायें हैं कि चीजें गलत दिशा में जायें ।इराकियों का पिछले 70 वर्षों का स्वशासन विनाशकारी रहा है , सच्चाई तो यह है कि भविष्य के नेतृत्व से हम अपेक्षा करें कि वह उनका कम से कमं अनुसरण करे लेकिन जहां तक ये बाहरी विश्व के लिए कोई खतरा उत्पन्न नहीं करता या अपनी जनसंख्या के प्रति क्रूर नहीं है तो यह स्वीकार्य है । अमेरिका और ब्रिटेन को इराक को सुनिश्चित करने के युद्ध में अपनी जान देने के स्थान पर अपने देश की रक्षा करनी चाहिए । इराक निकट भविष्य में किसी प्रकार मुस्लिम विश्व के लिए लोकतंत्र का आदर्श सिद्ध नहीं होने जा रहा है । लेकिन यदि बुश प्रशासन अपनी नई विलक्षण नीति के द्वारा कार्ययोजना से रुकता है तो इस बात की संभावना है कि इराकी सरकार वर्षों में या एक दशक में खुली राजनीतिक प्रक्रिया , सफल अर्थव्यवस्था और फलते –फूलते संस्कृति के साथ विकसित हो ।