पिछले सप्ताह दो मुस्लिम सैन्य अधिकारियों जेम्स यी और अहमद अल हलाबी को ग्वान्टेनामो बे के अल कायदा कैदियों को सहायता करने के संदेह के आरोप में गिरफ्तार किया गया( तथा तीन अन्य कर्मचारियों पर निगाह रखी जा रही है)। यह समाचार अत्यन्त आश्चर्यजनक प्रतीत होता है परन्तु ऐसा होना नहीं चाहिये।
यह महीनों से स्वाभाविक बात है कि अमेरिका से घृणा करने वालों ने अमेरिका की जेलों, कानून प्रवर्तन संस्थाओं और सैन्य बलों में प्रवेश कर लिया है। फरवरी में माइलस्टोन वाल स्ट्रीट जर्नल ने स्थापित किया था कि जो इमाम ओसामा बिन लादेन को अल्लाह का नायक मानते हैं वे ही न्यूयार्क राज्य की जेल व्यवस्था में बहुतायत संख्या में इस्लामी चैपलिन हैं।
मार्च माह में मैंने एफ.बी.आई के विशेष एजेन्ट अब्दुल हफीज का मामला अभिलेखित किया था जब उसके वरिष्ठों ने न केवल अप्रवासियों के इस्लाम समर्थक व्यवहार की अवहेलना की वरन् उसकी प्रोन्नति भी की। कम से कम 6 इस्लामवादी कर्मचारियों के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। -
अली मोहम्मद- एक मिस्र का अप्रवासी जिसने अमेरिका की सेना से अवकाश प्राप्त करने के उपरान्त कार्य के लिये ओसामा बिन लादेन की ओर प्रस्थान किया। मोहम्मद को 1998 में नैरोबी में अमेरिकी दूतावास के खुफिया ठिकानों पर हमले की योजना में सहायता के लिये गिरफ्तार किया गया। इस समय वह जेल में अपनी सजा काट रहा है।
सेमी उस्मान- लेबनानी नस्ल का अप्रवासी जो अमेरिकी नागरिक नहीं था और उसने सेना और नैवल रिजर्व में सेवा की और उस्मान को 2002 में आतंकवादियों को सामग्री से सहयोग के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उसे हथियारों सम्बन्धी कानून तोड़ने का दोषी पाया गया और उसने सजा काटी।
अब्दुल रहीम अल अरशद अली- एक अफ्रीकी अमेरिकी जो पूर्व नौसैनिक था और इस्लाम में मतान्तरित हुआ था। सेमी उस्मान को एक छोटी स्वचालित हाथ बन्दूक की आपूर्ति के मामले में वह जेल में परीक्षण की प्रतीक्षा कर रहा है।
जेफ्री लिओन बातल- एक अफ्रीकी अमेरिकी इस्लाम मतान्तरित सेना में आरक्षितों में था। वह सेना में आरक्षित श्रेणी के लोगों की सूची बनाने का आरोपी था ताकि बाद में उन्हें अमेरिका के विरूद्ध प्रयोग किया जा सके।
जान एलेन मोहम्मद- एक अफ्रीकी अमेरिकी वरिष्ठ सैन्य सदस्य। उस पर संदेह है कि 1991 में उसने एक सहयोगी सैनिक के ऊपर ग्रेनेड फेंका था। वह बेल्ट वे स्निपर हत्या के मामले में मुख्य आरोपी के रूप में जेल में है।
हसन अकबर- एक और अफ्रीकी अमेरिकी इस्लाम मतान्तरित। अकबर जेल में अनेक मामलों में परीक्षण की प्रतीक्षा कर रहा है। दो मामलों में सुनियोजित हत्या और तीन मामलों में अपने साथी सैनिक की हत्या का प्रयास।
अकबर के मामले ने Slate पत्रिका के डिपेन स्टिलमैन को निष्कर्ष निकालने के लिये प्रेरित किया कि इस्लामवादी सेना को घटाने के लिये इसमें घुसपैठ कर रहे हैं। इस घुसपैठ की एक विशेषता भी है। उदाहरण के लिये नाविल एलीवियरी का मामला- एक इस्लामवादी जिसने ओसामा बिन लादेन को कुख्यात करने का विरोध करते हुये बहुविवाह का समर्थन किया। उसने इस वर्ष के आरम्भ में वायुसेना बेस में अवकाश प्रार्थना सेवा का नेतृत्व भी किया।
वास्तव में इस घुसपैठ का बड़ा कारण प्रशासनिक विभाग द्वारा उग्रवादी इस्लाम के स्थान पर आतंकवाद को शत्रु मानना है। और यह जारी है। सुरक्षा विभाग ने एक चैपलिन की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया करते हुये इनकी सेवायें लेने के लिये अपने अभ्यास को उचित ठहराया। केवल सीनेटर चक स्कूमर और जान केल के बाहरी दबावों से उसकी पुनर्समीक्षा पर सहमत हुये। उसके बाद ही पेन्टागन सभी 28,00 सेना के चैपलिन की नियुक्तियों की पुनरीक्षण पर जोर दिया जिसमें 12 मुसलमान हैं।
राजनीतिक दृष्टि से सही होना अनियन्त्रित ढ़ंग से चल रहा है। कौन ईसाई या यहूदी चैपलिन ( जैसा कि वाशिंगटन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार मुस्लिम सहयोगी यी) देशद्रोह, शत्रु को सहायता, जासूसी या जनरल की आज्ञा की अवहेलना का दोषी होगा। एक स्रोत से शत्रु के उभरने को न देखने का बहाना कर अधिकारी अपना ध्यान हल्का कर रहे हैं और अपना पुनरीक्षण निरर्थक चीजों पर करके सुरक्षा के लिये खतरा उत्पन्न कर रहे हैं।
अमेरिकी सरकार को उग्रवादी इस्लाम पर ध्यान देते हुये सामान्य विवेक का प्रयोग करना चाहिये। उसे इन कदमों पर ध्यान देना चाहिये-
इस्लामिक सोसायटी आफ नार्थ अमेरिका, अमेरिकन मुस्लिम आर्मड फोर्सेज और वेटरन काउन्सिल) जैसे संगठनों से सम्पर्क तोड़ना होगा जो इस्लामवादियों को सरकारी नौकरियाँ दिलाते हैं।
जिन संस्थाओं की निष्ठा की पुष्टि नहीं की गई है उन संस्थाओं की ओर से नियुक्त मुसलमानों को निलम्बित कर दिया जाये।
इनके स्थान पर इस्लामवादी विरोधी गुटों जैसे सुन्नी मुसलमानों के लिये इस्लामिक सुप्रीम काउन्सिल आफ अमेरिका तथा शियाओं के लिये अमेरिकन मुस्लिम कांफ्रेस के साथ कार्य किया जाये।
इस बात को सुनिश्चित कर लिया जाये कि मुसलमान भी उस शपथ को “अमेरिका के संविधान की सभी आन्तरिक और बाह्य शत्रुओं से रक्षा की जायेगी” उतना ही मानते हैं जितना अन्य। एक ऐसी मशीनरी की आवश्यकता है जो इस्लामवादी रूपरेखा के कर्मचारियों को पहचान कर सरकारी नौकरी से बाहर कर सकें।
बिडम्बना है कि सुरक्षा विभाग को अफगानिस्तान में इस्लामवादियों को मारना आसान दिखता है न कि अपनी श्रेणी से उन्हें बाहर निकालना। परन्तु जब बाद वाली चीज नहीं की जायेगी तभी अमेरिकावासियों को आत्मविश्वास होगा कि उनकी सरकार उनकी पूरी तरह सुरक्षा कर रही है।