मलिबू में डेनियल पाइप्स का प्रवेश द्वार सही रुप में California dreaminमें है। क्षितिज पर प्रशान्त के विस्तार के साथ पेडों की छाँव सुकून देती है । यदि उनकी सूती कमीज और खाकी उनके बोस्टन की जडों को चुनौती देती है तो उनकी स्पष्टवादिता और बहिर्मुखी व्यक्तित्व प्रदर्शित करता है कि पेपरडिन विश्वविद्यालय में इस सत्र के लिए आगन्तुक प्रोफेसर के बाद वे यहाँ के हो चुके हैं। परन्तु पाइप्स के शब्द इतने सहज भी नही हैं।
हार्बर्ड से शिक्षा प्राप्त मध्य पूर्व के विशेषज्ञ 57 वर्षीय पाइप्स उन महत्वपूर्ण विद्वानों में से हैं, जिन्होंने 11 सितम्बर के आक्रमण से पूर्व पश्चिम को कट्टरपंथी मुस्लिम आतंकवाद के उभार के प्रति सचेत किया था। वे मुसलमानों और कुछ अलोचकों के लिए एक बिजली बन गये क्योंकि उन्होंने भविष्यवाणी की कि इस्लाम उससे कहीं अधिक बडा खतरा है जैसा लोग सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं को अपने शत्रु से सुरक्षित कर लेना चाहिए जो अमेरिका को लोकतन्त्र से एक उत्पीड़क मुस्लिम राज्य के रूप में परिवर्तित करने से कम कुछ नहीं चाहता ।
पाइप्स जो कि यहूदी हैं वे मानते हैं कि इसे कट्टरपंथी इस्लाम का नाम दे सकते हैं सेमेटिक विरोधी, ईसाई विरोधी, नारी विरोधी, नरमपंथी मुस्लिम विरोधी तथा इनसे असहमति रखने वाले का विरोधी हैं। जो भी इसके रास्ते में आता है वह इसका शत्रु है ।
पाइप्स स्वयं को इस्लामी कट्टरवाद के विरूद्ध युद्ध में एक सैनिक मानते है जिन्होंने मिडिल ईस्ट त्रैमासिक प्रकाशित करने वाले फिलाडेल्फिया स्थित एक विचार समूह मिडिल ईस्ट फोरम की स्थापना की है, जिसके वे निदेशक भी हैं। उन्होने समाचार पत्रों में सैकडों स्तम्भ लिखे हैं, अनगिनत बार फाक्स न्यूज और सी. एन. एन पर आ चुके हैं तथा विश्व के अनेक क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं और इसी क्रम में बढते हुए खतरे से सचेत करने के लिए उन्होंने इंग्लैण्ड के मियर केव लिविंगस्टोन के साथ परिचर्चा भी की । वे जल्द ही इस्लामिस्ट वाच नाम नामक वेबसाइट भी आरम्भ भी करने जा रहे हैं जो उनके अनुसार पश्चिम में अहिंसक कट्टपंथी इस्लाम पर नजर रखेगी। पाइप्स की वेबसाइट पर प्रतिवर्ष तीस लाख लोग आते हैं जिससे उनका नाम एकदम घरेलू नहीं तो कम से कम एक प्रमुख इस्लामवाद विरोधी के रूप में स्थापित हो चुका है। पाइप्स के पिता रिचर्ड पाइप्स जो हावर्ड में हैं रूसी इतिहास के विशेषक्ष हैं उनको लोग पूछते हैं कि क्या वे उनसे जुडे है?
ऱिचर्ड पाइप्स पूर्व राष्टपति रोनाल्ड रीगन के नीति सलाहकार थे । अपने पिता की ही भाँति डैनियल पाइप्स की प्रतिष्ठा ऐसे विद्वान के रूप में हैं दो स्पष्टवादी हैं और मान्य बौद्धिक सिद्धान्तों की लीक पर नहीं चलते जहाँ एक ओर रिचर्ड पाइप्स ने सोवियत तुष्टीकरण के विरुद्ध सचेत किया था तो वही डैनियल पाइप्स कट्टर-पंथी मुसलमानों के साथ कार्य व्यवहार के विरुद्ध सचेत करते हैं, फिर चाहे वे कितने ही विधि आबद्ध, विद्वान या खुले दिमाग के क्यों न प्रतीत हों ।
पाइप्स के अनुसार डेविड डूक और लुइस फराखान सहित इस्लामवादियों को भी समाजिक और राजनीतिक रूप से बहिष्कृत किया जाना चाहिए । वे अमेरिका हवाई अड्डे पर मुसलमानों की रूपरेखा का समर्थन करते हैं।
पाइप्स पेपरडिन में स्नातकों को इस्लाम और राजनीति पर पढाने आये हैं। दक्षिणी कैलीफोर्निया के अपने काल में वे आतंकवाद के विरूद्ध युद्ध और अरब – इजरायल संघर्ष के मुद्दे पर अनेक स्थानीय संस्थानों में व्याख्यान भी दे रहे हैं। फरवरी के अन्त में पाइप्स ने एनकिनो में वेथ खाडी में भाषण दिया और 21 मार्च को सिनाई मंदिर में बोलने वाले हैं। उनके समर्थक मानते हैं कि पाइप्स अमूल्य योगदान दे रहें हैं ।
उग्रवादी इस्लाम का विरोध करने वाले पाकिस्तान टुडे और मुस्लिम वर्ल्ड टुडे के मुख्य संपादक ताशिब सैयद कहते हैं कि डैनियल पाइप्स के बिना हम शत्रु का सामना करने की तैयारी नहीं कर पाते । हम पूरी तरह एक बतख की तरह बैठे रहते निःशस्त्र और बिना तैयारी के ।
पाइप्स के अनुसार जिहाद वाच के संस्थापक तथा न्यूयार्क की सर्वाधिक बिक्री की पुस्तक The Truth about Mohammad के सम्बन्ध में पाइप्स का कहना है कि वैश्विक जिहाद के विरुद्ध अमेरिका के सशक्त प्रतिरक्षक हैं। यद्यपि पाइप्स के विरोधी कहते हैं कि वे मानसिक असन्तुलन के शिकार हैं, मुस्लिम विरोधी और पडयन्त्रकारी सिद्धान्तों के बहाव में आने वाले हैं। परन्तु पाइप्स लम्बे समय से कहते आये हैं कि कट्टरपंथी इस्लाम समस्या है और नरमपंथी इस्लाम समाधान
31 जनवरी को मुस्लिम स्टूडेन्ट युनियन के दर्जन भर सदस्यों ने यू सी इरविन में उनके ब्याख्यान के बीच में धावा बोलकर उसे बाधित कर दिया। अमेरिका के नागरिक अधिकार गुट काउन्सिल आन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशन्स को पाइप्स सउदी सहायता प्राप्त हमास समर्थक इस्लामवादी संगठन कहते हैं जिसने 2003 में अमेरिका शान्ति संस्थान में राष्टपति बुश द्वारा पाइप्स को नामित करने के प्रयास का विरोध किया था ।
सीनेटर एडवर्ड एम केनेडी द्वारा पाइप्स के रिकार्ड को मतभेद कम करने और संघर्ष रोकने में अक्षम बताकर इस नियुक्ति का विरोध करने पर भी व्हाइट हाउस ने यह नियुक्ति की और पाइप्स ने 16 महीनों तक अपनी सेवायें दी ।
यू सी एल ए के ला प्रोफेसर खालिद अबू एल फदल जो कि ( The Great theft: Wrestling Islam from the Extremists पुस्तक लिखी है और अन्तर्राष्टीय धार्मिक स्वन्त्रता पर अमेरिकी आयोग में राष्ट्रपतीय नियुक्ति है, उन्होने पाइप्स के सम्बन्ध कहा कि अपने कैरियर के आरम्भ में वे इस्लामी इतिहास के हस्ताक्षर थे परन्तु अब वे अपना दृष्टिकोण खो चुके हैं ।
अल फदल को पाइप्स गुप्त इस्लामवादी कहते है। जिनका कहना है कि पाइप्स अब अधिक सन्देही और सतर्क हो गये हैं। उनका समस्त वर्तमान कार्य षडयन्त्रकारी सिद्धान्त पर आधारित इस्लाम की अलोचना है ।
सी.ए.आई –आर के राष्टीय प्रक्वता इब्राहिम हूपर के अनुसार पाइप्स इजरायल के मुस्लिम अलोचकों की प्रतिष्ठा समाप्त करने का प्रयास करते हैं। पाइप्स अमेरिकी मुस्लिम समुदाय के हिस्सों के विरूद्ध हैं और मेरा विश्वास है कि अमेरिकी मुसलमानों के समाजिक और आर्थिक सशक्तीकरण को रोकने के लिए वे किसी भी शक्ति का प्रयोग करेगें।
वाशिंगटन डी सी स्थित विचार समूह सेन्टर फार इस्लामिक प्ल्यूरलिज्म के प्रशासकीय निदेशक स्टीफन सुलेमान स्कार्ज के अनुसार सी. ए. आई. आर पाइप्स को बदनाम करता है क्योंकि वे उनसे उत्पन्न खतरों का पर्दाफाश करते हैं ।
अभी तक पाइप्स के आलोचक पाइप्स को पटरी से उताने में असफल रहे हैं। पूरी शिद्दत से वे कट्टरपंथी इस्लाम का विरोध करते हैं जहाँ भी ये दिखाई पडता है । अभी हाल में मीनियापोलिस सेन्ट पाल अन्तर्राष्टीय हवाई अड्डे पर उनका हल्का संघर्ष देखा गया ।
कुछ वर्षों से कुछ मुस्लिम टैक्सी चालकों ने धार्मिक कारणों से अल्कोहल वाले यात्रियों को बैठाने से इन्कार कर दिया इस स्थिति में विभाजन अन्तर्निहित था क्योंकि जिन टैक्सी चालकों से यात्रियों को ले जाने से इन्कार किया था वे टैक्सी लाइन के पीछे रहते तो थे तो इससे यात्री भ्रमित होता था कि टैक्सी चालक उन्हें नजर अन्दाज क्यों कर रहे हैं?
इस समस्या का समाधान करने के लिए मेट्रोपोलिटन एअरपोर्ट आयोग एक प्रस्ताव सामने लाया। टैक्सी चालक की छत पर एक प्रकाश लगायें जो उनकी मन्शा स्पष्ट करेगा। इससे टैक्सी चालकों को लाइन के पीछे जाना नहीं होगा और यात्रियों को पता चल जायेगा । राष्टीय मीडिया द्वारा इस विषय को उठाये जाने के बाद आयोग को शिकायतें मिलने लगी कि चालकों के साथ विशेष व्यवहार हो रहा है। पाइप्स ने इस विषय पर और भी दबाव बनाया और दश अक्टूबर को इस प्रस्ताव की अलोचना करते हुए न्यूयार्क पन में एक लेख प्रकाशित किय़ा और इसे अपनी वेबसाइट पर भी डाला।
पाइप्स ने अपनी संपादकीय में पूछा आखिर इस अल्कोहल को क्यों रोका जाये। मुस्लिम टैक्सी चालकों ने अनेक देशों में पहले ही कुत्ते की झाँकती तस्वीर को मना किया हैं। भविष्य में मांग उठेगी कि बांह दिखाती महिलाओं को टैक्सी में नहीं बैठायेंगे और समलैंगिन तथा अविवाहहित युगल को भी । अन्त में आयोग ने यह प्रस्ताव रद्द कर दिया 900 टैक्सी चालकों में 20 प्रतिशत मुसलमान चालकों को समायोजित करने के स्थान पर एक सार्वजनिक शिकायत सुनने का प्रावधान किया गया जिसमें यात्री को बैठाने से मना करने पर जुर्माना देना होगा। मेट्रोपोलिटन एयर पोर्ट आयोग के जन मामले के निदेशक पैट्रिक होगन ने कहा मुझे विश्वास है कि पाइप्स ने इस मामले को हमारे सामने लाने में सहायता की ।
वाशिंटन डी सी स्थित अरब अमेरिकी समुदाय का नीतिगत और राजनीतिक विभाग प्रभावशाली अरब अमेरिकन इन्स्टीट्यूट के जेम्स जोगबी पाइप्स पर आरोप लगाते हैं कि उन्हें वहाँ खतरा दिखता है जहाँ कुछ भी नहीं होता । उनके अनुसार पाइप्स का अपप्रचार अरबवासियों और अमेरिकी मुसलमानों के सम्बन्ध में संदेह को बढावा देता है जोगबी के अनुसार पाइप्स अरब और मुसलमानों से जुडी हर चीज के प्रति अति लगाव रखते है परन्तु स्वस्थ ढंग से नहीं ।
पाइप्स का बचपन बोस्टन से बाहर पला है जब वे अतन्यत एकान्त प्रिय और किताबी थे। हार्वर्ड में विद्यार्थी के रुप में उन्हें राजनीतिक और अकादमिक बुद्धि मिली। आरम्भ में वे एक गणितज्ञ बनना चाहते थे परन्तु उन्हें इसकी सामग्री अतयन्त सैद्धान्तिक लगी। नाइजीरिया और ट्यूनीशिया की उनकी यात्रा से उनमें इस्लामी विश्व के प्रति जिज्ञासा बढी और उन्होंने अपना ध्यान मध्य – पूर्व इतिहास की ओर मोड़ दिया
70 के दशक व आरम्भ में 1960 के अन्त में अपने कालेज के वर्षों में हार्वर्ड भी देश के अन्य स्थलों के भाँति युद्ध विरोधी गतिविधिय़ों का स्थान था जब कुछ छात्रों ने एक प्रशासनिक इमारत को कब्जे में ले लिया तो पाइप्स ने खुद को अलग – थलग पाया। प्रोफेसर के रूप में भी उनका अनुभव कट्टर तथा कट्टर वातावरण में एक परम्परावादी का रहा ।
1971 में स्नातक करने के उपरान्त पाइप्स ने तीन वर्ष केरो में बिताये। उन्होंने अरबी पढ़ी और कुरान का अध्ययन किया। जिससे वे इस्लाम के प्रशंसक हो गये। मिस्र में अपने अनुभव से हार्वर्ड में आरम्भिक इस्लामी इतिहास में डाक्टरेट की डिग्री ली।
पाइप्स के अनुसार उनके अभिभावकों ने आरम्भ में उनके कैरियर के चयन पर प्रश्न खडे किये। पाइप्स ने कहा कि उनका प्रश्न था कि इससे तुम जीवन कैसे चलाओगे । इसके बाद भी 1979में डाक्टरेटर पूरा करते ही कट्टरपंथी इस्लामवादयों द्वारा ईरान के शाह का तख्ता पलटने से इस्लामी विषय प्रसांगिक हो गया इसके कैरियर की सम्भावनायें खुली और 1978 से 1986 के मध्य पाइप्स ने शिकागो विश्व विद्यालय,हार्वर्ड और नैवल वार कालेज में पाठ्यक्रम पढ़ाये। परन्तु पाइप्स के अनुसार इस समय भी परम्परावादी विचारों और इस्लामवादी विरोधी विचारों के कारण उन्हें वैसी सम्भावनायें नहीं मिल सकीं, जैसी वे चाहते थे ।
1986 में पाइप्स फिलाडेल्फिया में एक परम्परावादी विदेश नीति विचार समूह चलाने आ गये। आठ वर्षों के उपरान्त उन्होने मिडिल ईस्ट फोरम की स्थापना की जो इजरायल समर्थक तुर्की समर्थक विचार समूह है जिसका वर्तमान वार्षिक बजट मिलियन डालर है और इसमें 16 स्टाफ हैं ।
1990 में पाइप्स और आतंकवाद विशेषज्ञ स्टीवन इमरसन ने कट्टरपंथी इस्लाम के खतरे को प्रकाश में लाना आरम्भ किया कुछ लोगों ने उनकी चेतावनी पर ध्यान दिया
1998में वाल स्टीट जर्नरल में एक संपादकीय में पाइप्स ने लिखा, “कट्टरपंथी इस्लाम और पश्चिम विशेषकर अमेरिका के मध्य एक युद्ध की स्थित है ऐसा अमेरिका की प्रतिक्रिया के कारण नहीं है। वरन् इसलिए है कि कट्टरपंथी मुस्लिम पश्चिमी मूल्यों के साथ अपना दीर्घ कालिक संघर्ष देखते हैं ।”
11 सितम्बर के पश्चात विश्व में बहुत से लोग पाइप्स की बात पर ध्यान देने लगे और अपने लाभ के लिए उन्हें भय उत्पन्न करने वाला मानने वाले भी इस पर आश्चर्यचकित होते हैं ।
पाइप्स कहते हैं कि मै अपेक्षा करता हूँ कि इससे पहले की बहुत देर हो जाये मुसलमान समझेंगे कि यह रास्ता उचित नहीं है और कोई दूसरा रास्ता देखना चाहिए। पाइप्स आशा करते हैं कि यह अधिक प्रगतिशील और कार्यपरक होगा ।