न्यूयार्क शहर के अरबी भाषा स्कूल खलील जिब्रान अंतरराष्ट्रीय अकादमी के खुलने पर अभी भी प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है ।
न्यूयार्क सन् के संपादकीयों , इसके स्तंभकार अलीसिया कोलोन तथा विलियम ए –मेयर और बिला रोबिनोविज की जांच तथा इस विषय पर मेरे लेख और ब्लॉग को छोड़कर विद्यालय को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है । बिल और मिलिन्डा गेट्स फाउंडेशन ने इसे आर्थिक सहायता प्रदान की है । न्यूयार्क टाइम्स , न्यूयार्क डेली न्यूज़ , ब्रुकलिन डेली ईगल तथा इंटरनेश्नल हेराल्ड ट्रिब्यून ने हमारे विरोध को अप्रतिष्ठित करने का प्रयास किया है और कुछ अवसरों पर तो काफी नीचे जा कर हमारे तर्कों को तोड़ा –मरोड़ा है ।
यहां तक की दो अवसरों पर जब अबिभावकों ने उनके बच्चों की इमारत में खलील जिब्रान अकादमी को स्थित करने का विरोध किया तो भी उनके विरोध का कारण विद्यालय के लोगों या पाठ्यक्रम न होकर विद्यालय की कक्षाओं में पर्याप्त स्थान न होना, और अधिक उम्र के बच्चों के साथ उनके बच्चों को बैठाया जाना था । जैसा कि उनमें से एक ने कहा कि ” हमारा मुद्दा विषय नहीं वरन् इसकी जगह है । ”
अभिभावकों की आपत्ती के चलते शिक्षा विभाग ने खलील जिब्रान अकादमी को ब्रुकलिन प्राथमिक विद्यालय में स्थापित करने के स्थान पर अगले दो वर्षों के लिए इसे अन्य जगह पर स्थानांतरित कर दिया ।
विभाग के प्रवक्ता ने अंतिम रुप से कहा कि “ यह फिलहाल का निर्णय नहीं है । इस स्थान पर सितंबर से विद्यालय खुलेगा । “
उसने कहा कि स्कूल की संभावनायें निश्चित रुप से कम हैं । पहला 2006—07 का शैक्षिक वर्ष समाप्त है , पांचवी कक्षा के बच्चों को पता होता है कि अगले वर्ष उन्हें किस विद्यालय में जाना है । यद्यपि कुछ परिवारों ने खलील जिब्रान अकादमी में रुचि दिखाई है परंतु उनमें से किसी का पंजीकरण नहीं हुआ है। दूसरा – शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रशासकों से प्रेस से बात करने के लिए मना किया है ।
तीसरा कि खलील जिब्रान अकादमी के सभी बारह सलाहकार धार्मिक संस्थाओं से जुड़े हैं जो इसके धार्मिक प्रवृत्ति के विद्यालय होने की चिंता को वैधता प्रदान करते हैं ।
चौथा , सलाहकार मंडल के तीन सदस्य इस्लामवादी संपर्क के हैं और यह करदाताओं के धन के अनुरुप नहीं है । न्यूयार्क विश्वविद्यालय के इमाम खालिद लतीफ द्वारा विश्विवद्यालय के अध्यक्ष को डेनमार्क के कार्टून को प्रदर्शित करने पर धमकाना कि इसके प्रदर्शन से ,क्या कुछ घटित हो सकता है , को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए । अल हज , तालिब ,अब्दुर्रशीद , नेशनल कमीटी टू फ्री इमाम जलील अब्दुल्ला अल अमीन से संबंध रखता है ( अल अमीन एक पुलिस वाले का हत्यारा है ) शमसी अली एक मदरसा चलाता है जहां राज्य के शिक्षा कानूनों को तोड़ते हुए पूरी तरह कुरान रटने पर जोर दिया जाता है ।
अतत: विद्यालय द्वारा बच्चों के लिए स्थान उपलब्ध करा देने या बड़े बच्चों के साथ छोटे बच्चों को नहीं बैठाने मात्र से उनकी समस्या का समाधान नहीं होता । सार्वजनिक रुप से वे भले ही यह शिकायत कर रहे हों परंतु वास्तव में वे विद्यालय द्वारा अरब राष्ट्रवाद और उग्रवादी इस्लाम को पढ़ाए जाने से चिंतित हैं ।
आखिर न्यूयार्क के अभिभावकों ने चीनी ,क्रियोल ,फ्रेंच , जर्मन , जापानी , रुसी , और स्पेनिश पढ़ाए जाने पर आपत्ति नहीं की परंतु दो विद्यालयों के अभिभावकों ने खलील जिब्रान अंतरराष्ट्रीय अकादमी को निरस्त कर दिया ।
बहुत भीड़ होना खोखला तर्क है । दूसरे विद्यालय के भवन में 680 सीटों का प्रावधान है जो कि प्रथम वर्ष में 60 छात्रों और दूसरे वर्ष में इससे दूगने होने पर भी पर्याप्त है ।
स्कूल प्रशासन ने खलील जिब्रान अकादमी पाठ्यक्रम वाले विद्यालय भवनों में सुरक्षा बढ़ाने का आश्वासन अभिभावकों को दिया है इससे स्पष्ट है कि अरबी संस्थाओं को लेकर अभिभावक चिंतित हैं ।
कुछ अवसरों पर अभिभावक अपने संदेशों के माध्यम से वास्तविक भावनायें व्यक्त करते हैं। उदाहरण के लिए काटिया लीफ एक सांस्कृतिक धार्मिक विद्यालय में बुर्काधारी लड़कियों से चिंतित है ।
वास्तव में भीड़ , ट्रैफिक और पार्किंग जैसे व्यावहारिक मुद्दे उठाकर इस्लामी संस्थानों का विरोध करना सामान्य़ बात है । 1991 में एक सहायक लेखक के साथ किये अध्ययन में मैंने स्वयं पाया था कि यूरोप और अमेरिका में यह परिपाटी सामान्य है और तबसे अब तक नियमित हो गई है । तथ्य यह है कि इस्लाम संस्थान चाहे विद्यालय हों या मस्जिद हां वहीं कट्टरता और यहां तक कि हिंसा की भी परिपाटी है । ये चिंतायें वैद्य हैं और इन्हें खुलकर व्यक्त किया जाना चाहिए। विद्यालय के कुलपति जोएल क्लीन में आश्वासन दिया है कि यदि कोई विद्यालय धार्मिक विद्यालय बनता है तो उसे बन्द कर दिया जायेगा और उन्होंने यह भी है कहा है कि वे राजनीतिक एजेन्डे के साथ किसी राजनीतिक विद्यालय को स्वीकार नहीं करेंगे ।