मिडिल ईस्ट न्यूजलाइन के अनुसार जार्ज बुश ने विनाशकारी कदम को रोकते हुए ईरान पर आक्रमण नहीं करने का निर्णय किया है। प्रशासन के एक स्रोत ने इसकी व्याख्या करते हुए कहा कि इराक से अमेरिकी सेना की वापसी के लिए वाशिंगटन को ईरान के सहयोग की आवश्यकता है।
यदि सत्य है तो इसमें अन्तर्निहित है कि यहूदी राज्य को अकेले उस राज्य के विरूद्ध खड़ा होना होगा जो मानचित्र से इजरायल को नष्ट करने की धमकी देता है और उसके लिए परमाणु हथियार भी बना रहा है। इजरायल नेता संकेत दे रहे है कि उनका धैर्य जबाब दे रहा है। उप प्रधानमंत्री शाल मोफाज ने अभी हाल में ही चेतावनी दी है “ कि कूटनीति प्रयासों का परिणाम 2007 के अन्त तक निकल आना चाहिए ’’।
क्या इजरायल का सैन्य बल वास्तव में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बाधित कर सकता है ? खुफिया एजेन्सियों की शीर्ष गोपनीय विश्लेषणों में ऐसे प्रश्नों का उत्तर दिया जाता है। परन्तु खुले स्रोत का प्रयोग कर प्रतिभाशाली बाहरी लोग अपने अपने हाथ आजमा सकते हैं। व्हिटनी रास और आस्टिन लांग ने मैसच्युएट्स इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नालाजी में इस समस्या का अध्ययन किया और इण्टरनेशनल सिक्यूरटी में "Osirak Redux? Assessing Israeli Capabilities to Destroy Iranian Nuclear Facilities" नामक प्रभावशाली बिश्लेषण प्रस्तुत किया।
रास और लांग ने पूर्ण रूप से इसकी सम्भावना पर ध्यान केन्द्रित किया है न कि राजनीतिक इच्छा या रणनीतिक परिणाम पर। क्या इजरायल के राष्ट्रीय कमान को ईरानी आधारभूत अवसंरचना को नष्ट करने का निर्णय लेना चाहिए और क्या इसकी सेना इस मिशन को पूर्ण कर पायेगी ? लेखकों ने सफल आक्रमण के पाँच भागों पर विचार किया है।
खुफिया – अणुओं को अलग करने की सामग्री के उत्पादन बाधित करने के लिए ईरान के केवल आधारभूत संरचना के केन्द्रों को अशक्त करने की आवश्यकता है। चढ़ते हुए क्रम में उपयोगिता की दृष्टि से इस प्रकार हैं – भारी जल, प्लूटोनियम उत्पादन रिएक्टर जो कि अराक में निर्माणाधीन है, इस्फाहान में यूरोनियम अन्तरण सुविधा तथा नतान्ज में यूरेनियम समृद्धि सुविधा। इसके अनुसार विशेष रूप से नतान्ज में सुविधा को नष्ट करना ईरान के लिए परमाणु सम्पन्न होने की दिशा में बढ़ने से बाधित करना गम्भीर कदम होगा ।
अध्यादेश – तीनों सुविधा केन्द्रों को ध्वस्त करने के लिए उनका आकार विशेष रूप से भूमिगत होना, इजरायली सेना को उपलब्ध हथियार और अन्य तत्वों की आवश्यकता होगी ।
आधारभूमि – ईरानियों के पास पुरानी तकनीकों का संयोंजन और उच्च तकनीकी इजरायली वायु सेना के समक्ष खड़े होने की ईरानी लड़ाकू विमानों और थलसेना की सीमितता के चलते रास और लांग के अनुसार इजरायल सैन्य बल को पच्चीस – पच्चीस F -15 I S और F -16 I S के छोटे पैकेज की आवश्यकता पड़ेगी ।
रास्ते – इजरायली जेट तीन रास्तों से अपने लक्ष्य तक पहुँच सकतें हैं – उत्तर की ओर तुर्की से, मध्य में इराक और जार्डन से दक्षिण की ओर सउदी अरब के रास्ते। ईंधन और सामान की दृष्टि से ये तीनों ही दूरियों का प्रबन्धन हो सकता है ।
रक्षा बल – इजरायली और ईरानी संघर्ष के निष्कर्ष निकालने के स्थान पर लेखकों ने गणित लगाया है कि आपरेशन की सफलता के लिए इजरायल के 50 जहाजों में से कितनों की आवश्यकता इन तीन लक्ष्यों के लिए पड़ेगी। उन्होंने संख्या दी है कि 24 हवाई जहाजों को नतान्ज पहुँचना चाहिए, इस्हाफान 6 तथा अराक 5 जो आपस में मिलकर 35 होते हैं। दूसरी दृष्टि से देखें तो ईरानी प्रतिरक्षकों को केवल 16 से 50 हवाई जहाजों को रोकना होगा जो कि आक्रमण बल का एक तिहाई होगा लेखकों ने बम गिराने की जिस दर पर विचार किया है वह नतान्ज के लिए सोची जा सकती है परन्तु अन्य दो लक्ष्यों के लिए सोच से परे है ।
कुल मिलाकर रास और लोग का निष्कर्ष है कि इजरायल की वायुसेना की आधुनिकता से इसे वह क्षमता प्राप्त हो गई कि ईरान के अत्यन्त कठोर लक्ष्यों को भी अत्यन्त आत्म विश्वास पूर्वक पूर्ण रूप कर सकता है।
1981 में इराक ओसीरक रिएक्टर पर इजरायल के आक्रमण की तुलना ईरानी आक्रमण के साथ करने पर उन्होंने पाया कि यह पहले की अपेक्षा बिल्कुल भी जोखिम वाला नहीं होगा। ’’
इस दूसरे आपरेशन पर जो प्रश्न चिन्ह उभरता है और जिस पर लेखकों ने कोई अनुमान नहीं लगाया है कि क्या तुर्की, जार्डन, अमेरिका या सउदी अरब इजरायल को अपने वायु क्षेत्र का प्रयोग करने देगें । (क्योंकि इराक अमेरिका के अधीन है)
जब तक इन राज्य क्षेत्रों की सीमाओं को पार करने की अग्रिम अनुमति नहीं मिल जाती उनके जेट को अपने रास्ते से ईरान से लड़ना होगा। किसी भी अन्य तत्व की अपेक्षा इस तत्व के कारण पूरा प्रकल्प खतरें में पड़ जाता है। (इजरायल सैन्य बल सीमओं से सटी उड़ान भरकर इस समस्या को कम कर सकती है। जैसे तुर्की – सारिया )
रास और लांग के विश्लेषण में अन्तर्निहित है परन्तु उन्होंने स्पष्ट रूप से नहीं कहा कि इजरायल सैन्य बल खर्ग प्रायद्वीप में पहुँच सकता है जहाँ से 90 प्रतिशत ईरानी तेल का निर्यात होता है और इस प्रकार ईरानी अर्थ व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया जा सकता है ।
इजरायली सैन्य बल के पास अकेले ही ईरान की परमाणु क्षमता के केन्द्रों को नष्ट करने में सफलता प्राप्त करने की क्षमता है, इससे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने में सफलता मिलेगी । इसलिए रास – लांग के अध्ययन में कूटनीतिक सौदे की गुंजायश है। इसके परिणाम सम्भावित रूप से विस्तृत रूप से फैले हुए होने चाहिए ।