इस सप्ताह के अन्त में अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कोन्डोलेजा राइस के साथ फिलीस्तीन के आतंकवादी संगठन इस शर्त पर अन्तरिम युद्ध विराम के लिए सहमत हो गये कि इजरायल लक्ष्य पूर्वक हत्यायें बन्द करे ( सम्भावित आतंकवादियों को उनके कार्य से पहले ही मार गिराना )। परन्तु इजरायल ने इस तकनीक को अपने बचाव के लिए सुरक्षित रखा है। और अमेरिकी सरकार इस मामले में कहाँ खड़ी है ? वास्तव में दोनों ओर। इसकी दृष्टि में लक्ष्यपूर्वक हत्यायें जब अमेरिका द्वारा की जाती है तो काफी बढ़िया हैं परन्तु जब इजरायली सेना द्वारा की जाती है तो बिना लाभ के हैं। इसलिए राज्य विभाग के प्रवक्ता रिचर्ड बाउचर ने सितम्बर 2002 में मोहम्मद डीफ पर इजरायल के आक्रमण की निन्दा की और कहा कि “ हम लक्ष्यपूर्ण हत्याओं के विरूद्ध हैं । हम शहरी क्षेत्रों में भारी हथियारों के प्रयोग के विरूद्ध हैं यहाँ तक की मोहम्मद डीफ जैसे लोगों के विरूद्ध भी जो अमेरिकी नागरिकों की मौत के लिए भी जिम्मेदार हैं। हमारा मानना है कि इन्हें न्यायालय के समक्ष लाया जाना चाहिए ।”
इस घटना के कुछ सत्ताह उपरान्त अमेरिका की सेना ने बिना चालक के एक विमान को यमन में कार से यात्रा कर रहे अलकायदा सदस्य सेनयान अस हरथी पर बम गिराने के लिए नियुक्त किया । पेन्टागन अधिकारियों ने अलकायदा पर दबाव बनाये रखने के लिए इसे अत्यन्त सफल रणनीति बताकर इसकी प्रशंसा की। यहाँ पर हरथी को न्यायालय के समक्ष लाने पर कोई चर्चा नहीं हुई ।
जब इस विरोधाभास के सम्बन्ध में पूछा गया तो बाउचर ने जोर दिया कि इजरायल की लक्ष्यपूर्ण हत्याओं को लेकर अमेरिका की नीति में कोई बदलाव नहीं आया और यमन में अमेरिका की कार्यवाई को न्यायसंगत ठहराते हुए कहा कि आवश्यक नहीं है कि यह अन्य परिस्थितियों में भी लागू हो।
इस विशेष प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए वीकली स्टैण्डर्ड में मैक्स बूट ने कहा कि “जो भी रिचर्ड बाउचर को भुगतान किया जाता है उस दृष्टि से यह पर्याप्त नहीं है। राज्य विभाग को बेवकूफ पूर्ण पंक्ति की सीधे-सीधे बार-बार वकालत करना उनके कूटनीति पेशे के कारण हैं ’’।
वाशिंगटन में और भी मुद्द लोगों को उठाने चाहिए –जुलाई 2002 में इजरायल ने गाजा क्षेत्र में हमास के प्रमुख, दर्जनों आक्रमणों को प्रत्यक्ष रूप से भड़काने वाले सलाह शेहादेह पर एक इजरायली एफ – 16 विमान ने एक टन का विमान गिराया, इसमें उसके सहित 14 लोग मारे गये। राज्य विभाग की इस पर टिप्पणी काफी जबर्दस्त थी और इसे कड़ा कदम बचाते हुए शान्ति का असहयोगी बताया। परन्तु जब अमेरिका बी-1-बी बम गिराने वाले विमान ने बगदाद पर दो टन के चार विमान इस आशा में गिराये कि वहाँ सद्दाम हुसैन होगा और उसमें 14 निर्दोष लोगों की जान गई तो राज्य विभाग की ओर से कोई चेतावनी नहीं आई।
आत्म रक्षा – इराक में अमेरिकी सेनाओं को इन्तिफादा का सामना करना पड़ रहा है
( 1 मई तक युद्ध में 63 अमेरिकी सैनिक अपनी जान गँवा चुके हैं ) इससे फीलीस्तीनी क्षेत्र में उनके इजरायल मित्रों की स्थिति समझी जा सकती है। वाशिंगटन के नीति निर्माता अपने लिए आत्म रक्षात्मक कदमों की अनुमति देते हैं ( जैसे पत्थर फेंकने वालों पर आत्म रक्षा के लिए गोली चलाना ) और इजरायल की उन्हीं कदमों की निन्दा करते हैं ।
कूटनीति – अमेरिका के अधिकारियों ने इजरायल को फिलीस्तीनी अथारिटी के साथ समझौता करते हुए छूट देने को कहा। परन्तु अफगानिस्तान और ईराक में एक बार युद्ध आरम्भ होने के बाद उन्होंने सैन्य विजय पर ध्यान केन्द्रित करते हुए बातचीत के रास्ते बन्द कर दिये ।