आज अमेरिका की राजनीति पर दो स्थितियों का प्रभाव है या दो प्रकार के ध्रवीकरण हैं। कुछ का कहना है कि युद्ध में पराजय हो चुकी है , अत: इराक छोड़ देना चाहिए । अन्य लोग कहते हैं कि युद्ध जीता जा सकता है, अत: सेनाओं को अपने जगह पर तैनात रहने देना जाये।
मैं विरोध का विभाजन करते हुए तीसरे रास्ते का सुझाव देता हूँ। कब्जा तो हारा जा चुका है, परन्तु युद्ध तो जीता जा सकता है। सेनाओं को इराक में रहने दिया जाये परन्तु उन्हें शहरों से हटा दिया जाये ।
फरवरी 199 में कुवैत युद्ध की समाप्ति के पश्चात ही मैंने अमेरिका नीत सेना के इराक पर कब्जे के असफल होने की भविष्यवाणी कर दी थी, उस समय मैंने लिखा था कि कुछ महीनों से अधिक कब्जा जारी रखना अमेरिकी विदेश नीति का एक भयानक विध्वंस होगा।’’ मैं इस निष्कर्ष पर इस आधार पर पहुँचा था कि इराकी जनता अमेरिकी सेना के कब्जे का अत्यन्त तीव्र विरोध करेगी। इसलिए मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि स्निफर हबन्दूकों ने उच्च तकनीकी सैन्य सर्वोच्चता का असम्मान कियाऔर तोमाहाक ,टोरनाडोस और पैतियाट में मिली विजयें शीघ्र ही क्षीण स्मृति में चली जायेंगी।
अप्रैल – 1991 में मैंने जोड़ा “ अमेरिकी सेना स्वयं को घृणा की स्थिति में पायेंगी क्योंकि शिया आत्मघाती आरम्भ करेंगे कुर्द अपना विद्रोह आरम्भ करेंगे और सीरिया तथा ईरान की सरकारें अमेरिकी शासन की तोड़-फोड़ के नये रास्ते अपनायेंगी। ऐसी स्थिति में इस स्थान पर रहना काफी दर्दनाक होगा और छोड़ना उससे भी अपमानजनक। ”
अक्टूबर 2003 में कब्जे का आधा वर्ष पूरा होने पर मैंने भविष्यवाणी की “इराक मिशन अन्त में असफल होगा ’’क्योंकि गठबन्धन सेना को हटाने की इराकी प्रेरणा गठबन्धन सेना को रूकने की प्रेरणा देगी । “ इराक को निश्चित करने का अमेरिकी नीत प्रयास अमेरिका, ब्रिटेन या अन्य गैर मुस्लिम सहयोगियों के लिए रहने का आधार नहीं होगा ”।
एक बार फिर मैं इस बात को दुहराता हूँ इच्छा के अभाव का अर्थ है (कितने अमेरिका और ब्रिटेनवासी इराक के भविष्य को लेकर गहराई से चिंतित हैं) कि गठबन्धन सेनायें इराक के पुनर्निर्माण के विशाल लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकतीं। वापसी के लिए कहने पर जैसा कि आलोचक राष्ट्रीय मस्तिष्क को व्यक्त कर रहे हैं कि इस मामले पर बुश टटप्रशासन धीरे-धीरे अलग-थलग पड़ जायेगा और यह रूझान जारी रहेगा।
परन्तु राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू बुश इराक में सेना के रखने पर जोर देकर ठीक कर रहे हैं ।
कुछ खण्डों में अमेरिकी की प्रामाणिकता दाँव पर है। जैसा कि विजय विक्टर डेविस हैन्सन ने कहा है कि देश युद्ध स्थल की पहली पराजय को झेलने की स्थिति में नहीं है। इस मामले पर सामान्य जनता स्वयं को धोखा दे रही है। ओहियो के रिपब्लिकन सीनेटर जार्ज वैइनोविच मानते हैं “यदि सभी लोग जानते हैं कि हम लोग छोड़ रहे हैं तो इससे उनमें ईश्वर का भय व्याप्त होगा ’’। इसी पर जेफ जेकोबी ने बोस्टन ग्लोब में उत्तर दिया है “ अमेरिका को पीछे हटता देख कर अलकायदा जैसों को कोई भय नहीं होता ’’।
एक और कारण से सेना को इराक में रहना चाहिए इराक एक अविरोधी बेस उपलब्ध कराता है जहां से सर्वाधिक अनिश्चित क्षेत्र की गतिविधियों को प्रभावित किया जा सकता है। गठबन्धन सरकारें उनका उपयोग इस प्रकार करती हैं –
ईरानी या सीरिया सरकारों को रोका जाये या पीछे ढकेला जाये
तेल और गैस की स्वतन्त्र आपूर्ति को सुनिश्चित करना
अलकायदा तथा अन्य अन्तराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों से लड़ना ।
इराक में शालीन उपस्थिति दर्ज करा सकती हैं।
वर्तमान गठबन्धन सेनाओं को इन रणनीतिक तत्वों की ओर ध्यान देने का बहुत कम अवसर है और उनका ध्यान विजली की आपूर्ति , आत्मघाती हमलों से अपनी रक्षा और इसी प्रकार के अन्य छोटे-मोटे कार्योकी ओर लगा है।
मेरी अपील है कि अन्तर्राष्ट्रीय सेनाओं को विस्फोटक हथियारों, शहरी क्षेत्रों और कारवाँ से हटाकर रेगिस्तान और सीमाओं पर तैनात किया जाना चाहिए जहाँ वे और उनके उच्च तकनीकी अस्त्र एक रणनीतिक भूमिका निभा सकते हैं।
इसमें अन्तर्निहित है कि गठबन्धन को एक लोकतान्त्रिक, मुक्त और सम्पन्न इराक के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को रद्द कर एक सुरक्षित स्थिर और शालीन इराक का लक्ष्य करना होगा। विशेष रूप से जनवरी 2005 में एक कूर शासक को हटाने के 22 महीने के अन्दर ही चुनाव करना एक अपरिपवव और नकली कार्य था। एक खुले समाज को मुख्य आदतें सीखने के लिए इराकिय़ों को वर्षों नहीं दशकों लगेंगें।
सद्दाम हुहेन को हटाना अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वागतयोग्य कदम था परन्तु एक मुक्त किये गये टूटे-फूटे और विचारधाराक्षम इराकी जनसंख्या को देखते हुए इराक के पुनर्निर्माण का निर्णय गठबन्धन इच्छा से परे की बात है। गठबन्धन ने इराक को नई शुरूवात दी है परन्तु उनकी ओर से देश के पुनर्निर्माण का दायित्व नहीं ले सकता।
रणनीतिक स्तर पर देने का यह भी अर्थ है कि गठबन्धन इराक की आन्तरिक गतिविधियों से स्वयं को परे रखे और एक वस्यक की भाँति इराकियों को अपना भाग्य निर्मित करने दे। देश के नेताओं को गले न लगाया जाये , उनके सांसदों के साथ विशेष व्यवहार न हो और न ही स्थानीय सहयोगियों को डेनमार्क या अमेरिका आप्रवास के लिए प्रेरित किया जाये.
इसका अर्थ कार्य जारी रखा जाये पर उसमें कुछ परिवर्तन कर दिया जाये। रेगिस्तान के बेस पर पुनरनियुक्ति हो न कि इराक छोड़ा जाये।