सम्पादकीय परिचय – 1970 में अरब के तेल व्यापारी, 1980 की शुरूआत में जापान और 21 वीं शदी की शुरूआत में अमेरिका लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
किस हद तक यह भावना बुश के एकतरफावाद की तात्कालिक प्रतिक्रिया है।
यह तात्कालिक प्रतीकात्मक विरोध है या धीरे धीरे बना हुआ है। अमेरिका के प्रति घृणा और प्यार के बीच मूलत: रिश्ता है या फिर प्रशंसा और निन्दा का मिश्रण है। यह अमेरिका की पाप संस्कृति के विरूद्ध का परिणाम है या फिर इसका सम्बन्ध राष्ट्रीय धन और सम्पन्नता के मध्य बढ़ता असन्तुलन है। या फिर अमेरिका का इजरायल के प्रति समर्थन है। क्या इस विरोध का कारण 1990 में विश्व के सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं का अमेरिका की ओर आना रहा। या फिर इस विरोध का कारण अमेरिका की सैन्य शक्ति रही है। या फिर नैतिक मुद्दों पर राष्ट्रपति की अपेक्षाकृत सीधी राय रही है जैसे बुराई की धुरी।
और अंत में अमेरिका अपने प्रति विश्व के व्यवहार को कैसे बदले। क्या अमेरिका के सफलता के कारण घृणा है, क्या अमेरिका के प्रति घृणा विदेशी सरकारों का अपने घरेलू मामलों से ध्यान बँटाने का अच्छा माध्यम है या फिर वास्तव में अमेरिका विश्व में एक बड़ी समस्या है।
डेनियल पाइप्स का जबाब
मैं इस प्रश्न का उत्तर स्वीकार करने से पहले प्रश्न में प्रश्न करना पसंद करूगा , क्यों अमेरिका को लेकर परेशान हैं, अगर अमेरिका से लोगों को घृणा होती तो सबसे ज्यादा अप्रवासी यहाँ सभ्यता के बीच लोकप्रिय अपने को दृढ़ता के साथ महसूस नहीं कर पाते। आपके प्रश्न को स्वीकारते हुए यह कहना चाहूँगा की अमेरिका का यह अपने आप में सफलता का परिचायक है कि इसकी तुलना 1970 के तेल के अरब शेखों और 1980 के आर्थिक तौर पर उभरता जापान से कर रहे हैं।
इस बीच की बातें अमेरिका में चलती हैं और चलती रहेंगी जब शक्ति का क्षय नहीं होगा अब जापानीयों के बारे में लोग कहाँ ज्यादा बातें करते हैं।
लेकिन इसके साथ सचेत करते हुए यह कहना पसंद करूगाँ कि तब तक अच्छा लगेगा जब तक लोगों को ज्यादा नुकसान न हो लोगों का भला होता जाये इससे लोगों का विचार अमेरिका के प्रति बेहतर से बेहतर दिखेगा ।