नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल को भले ही आतंकवाद के पीछे एक बड़ा कारण अन्याय की भावना नजर आए पर अमेरिकी मिडिल ईस्ट फोरम, पेंसिलवानिया के संस्थापक निदेशक डेनियल पाइप्स इसकी वजह इस्लाम की असफलता से उपजी खीझ को मानते हैं। जागरण फाउंडेशन द्वारा आयोजित जागरण फोरम में उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में दुनिया में कट्टरपंथी इस्लाम के बढ़ने की वजह से ही समस्याएं पैदा हो रही हैं। इसकी वजह उनमें अपने साथ हो रहे अन्याय की भावना नहीं बल्कि असफलता है। उन्होंने कहा कि असल में पैगंबर मुहम्मद साहब के इस्लाम शुरू करने के बाद 12 सौ साल तक इस्लाम की विजय पताका फहराती रही। इस्लाम को मानने वाले की स्थिति विजयी टीम का हिस्सा होने जैसी थी। लेकिन बाद में यूरोप में जो क्रांति आई और बड़े पैमाने पर विकास हुआ उसके बारे में इस्लामिक दुनिया को काफी देर बाद पता लगा। लेकिन जब तक पता लगा तब तक यूरोप काफी आगे बढ़ चुका था। ऐसे में इस्लाम को मानने वालों के पीछे छूट जाने और असफलता की जो भावना पैदा हुई उससे कट्टरपंथ को हवा मिली। अब कोई भी कारण मिलने पर यह कट्टरपंथ आतंकवाद का रूप ले लेता है। उन्होंने कहा कि इस समय आतंकवाद की जो समस्या दुनिया में है वह दो सभ्यताओं के टकराव की वजह से नहीं है। यह पूरी तरह से इस्लाम में बढ़ते कट्टरपन से संबंधित है। उन्होंने बाकी लोगों के खिलाफ जंग छेड़ दी है और ऐसे में उनसे पार पाना ही होगा। उन्होंने जापान और अमेरिका के संबंधों का उदाहरण देते हुए कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के अंत में जो हाल दोनों देशों के संबंधों का था उसमें और आज जमीन-आसमान का अंतर है। जापान में तो बदलाव आ गया पर इस्लामिक देशों में ऐसा नहीं हो पा रहा। उन्होंने कहा कि उदार इस्लाम या इस्लाम के दूसरे स्वरूप को मानने वाले लोगों की ताकत बढ़ानी होगी। कट्टरपंथी इस्लाम के बढ़ने से खुद मुस्लिमों को ही सबसे ज्यादा नुकसान पहुंच रहा है।