मिस्र के राष्ट्रपति होस्नी मुबारक ने 30 जनवरी को एक साक्षात्कार में निर्देश दिया कि “मुझे ध्यान से सुनो ”। गाजा मिस्र का भाग नहीं है और न ही यह कभी होगा, मैंने ऐसे प्रस्ताव के सम्बन्ध में सुना है कि इस पट्टी को सिनाय प्रायद्वीप के विस्तार के रूप में परिवर्तित कर दिया और मिस्र पर यह दायित्व डाल दिया जाये ” परन्तु मुबारक ने इसे स्वप्न से अधिक कुछ नहीं बताकर निरस्त कर दिया।
परन्तु शायद ही यह स्वप्न है यह एक वास्तविकता है जो 23 जनवरी से धरातल पर है जब हमास के कार्यकर्ताओं ने मिस्र से गाजा को अलग करने की दीवार के अधिकतम भाग का अतिक्रमण किया था। इस अप्रत्याशित कदम से पूरा विश्व सतर्क हो गया कि यह मिस्र की नाकेबन्दी है न कि इजरायल की जो गाजा वासियों को अपना राज्य क्षेत्र छोड़ने और बाहरी विश्व से व्यापार करने से रोकती है।
यह देखते हुए कि गाजा वासियों ने स्वशासन के प्रति जिम्मेदारी नहीं दिखाई है और कैरो ने 2000 से रणनीतिक ढंग से यहाँ शस्त्र की तस्करी को अनुमति दे रखी है मुबारक को गाजा पट्टी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। मैंने अपने स्तम्भ में पिछले सप्ताह आग्रह किया था “वाशिंगटन तथा अन्य राजधानियों को गाजा के स्वशासन को असफल घोषित करते हुए मिस्र के होस्नी मुबारक पर सहायता के लिए दबाव डालना चाहिए ”।
हमास आंशिक रूप से इसे स्वीकार करता है , एक नेता इस्माइल हानियेह को आशा है “ गाजा इजरायली कब्जे से आर्थिक सम्पर्क की ओर मुड़ सकता है ” जबकि दूसरे अहमद युसुफ चाहते हैं कि गाजा मिस्र की सीमा को व्यापार के लिए खोल दिया जाये और गाजा के बाहरी विश्व के साथ सम्पर्क के लिए मिस्र एक द्वार सिद्ध हो । जैसा कि हमास ने वचन दिया है 3 फरवरी को मिस्र द्वारा दीवार बन्द कर देने से चीजें पीछे नही चली जायेंगी जबकि मिस्र के संगठन और हमास के साथी मुस्लिम ब्रेथरेन ने मांग की है कि गाजा की सीमा को फिर से खोला जाये। क्या मुबारक मिस्र वासियों के मध्य लोकप्रिय इस मांग की अवहेलना कर सकते हैं ।
वास्तव में तो न चाहते हुए भी गाजा ने मिस्र पर स्वयं को थोपना आरम्भ कर दिया है।
कुछ इजरायली इस सम्बन्ध में सहयोग करना चाहते हैं। उदाहरण के लिए इजरायल के सहायक विदेश मंत्री मतान विलनाय का मानना है कि आर्थिक रूप से कैरो को इसे अपने हाथ में ले लेना चाहिए। “ जब गाजा दूसरी ओर खुला हुआ है तो इसके प्रति हमारी जिम्मेदारी समाप्त हो जाती है इस लिए इससे अपना सम्पर्क काटना चाहते हैं।
हम उन्हें बिजली की आपूर्ति बन्द कर देना चाहते हैं और जल तथा दवाओं की आपूर्ति भी ’’। इजरायल के सर्वोच्च न्यायालय ने 30 जनवरी को सरकार से कहा है कि वह ईंधन और बिजली की आपूर्ति गाजा को कम कर सकती है इससे कटौती करना और भी आसान हो गया है।
गाजा का स्थानान्तरण कैसे हो ?
वाशिंगटन इन्स्टीट्यूट फार नियर ईस्ट पोलिसी के राबर्ट सैटलाफ ने मुझे सुझाव दिया है कि जेरूसलम को तीन कदमों की घोषणा करनी चाहिए “इजरायल का जल विद्युत और व्यापार के प्रावधान का नाता तोड़ने की निश्चित तिथि हो, मिस्र द्वारा इसे स्थानान्तरित करने के लिए निशुल्क प्रवेश हो और गाजा को मिस्र के ग्रिड से जोड़ने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग का निमन्त्रण हो । इजरायल के एक पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार गिओरा आईलैण्ड इजरायल और पश्चिमी तट के साथ गाजा के रीति रिवाज के सम्पर्क को भी अलग करते हैं।
इजरायल की यह पहल मिस्र को बाध्य करेगी। निश्चित रूप से मिस्र फतह और हमास की सहायता से सीमा को पुन: जीवित करने का प्रयास करेगा और इजरायल पर दायित्व डालने का प्रयास भी करेगा ।
परन्तु अन्त में अरब एकता की यह मांग कि मिस्र के भाई शत्रु इजरायल के विरूद्ध एक हो जायें। एक बार जेरूसलम आपूर्ति काट देगा तो कैरो के पास उन्हे आरम्भ करने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं होगा । आर्थिक निर्भरता मिस्र को और भी अधिक संलग्न करेगी जिसके व्यापक परिणाम हैं –
इससे मिस्र, इजरायल और जार्डन के तितरफा विभाजन से अरब - इजरायल संघर्ष के समाधान का पुराना विचार फिर से जीवित हो जायेगा ।
इससे हमास को अपने मातृ संगठन मुस्लिम ब्रेथरेन के साथ जुड़ने की अनुमित मिलेगी। वास्तव में तो मिस्र के सुरक्षा बलों ने मिस्र में हमास के 12 सशस्त्रधारियों और गाजा वासियों को आत्मघाती पेटियों के साथ गिरफ्तार किया है। गाजा से बाहर इस्लामवादी हिंसा को रोकना मिस्र की प्राथमिकता होगी परन्तु मुबारक ने अपने राष्ट्रपतित्व काल में पूरे 27 वर्ष इस्लामवादियों के साथ प्रभावी रूप कार्य व्यवहार किया है इसलिए वे इस नई चुनौती से भी प्रभावी ढंग से निपट सकते हैं जैसा कि इजरायल नहीं कर सकता है।
इजरायल पर आक्रमण करने की हमास और इस्लामिक जेहाद की स्वतन्त्रता सीमित होती है। यह सही है कि मिस्र के लोग चाहते हैं कि सदराट पर राकेट गिरे परन्तु कैरो को पता है कि ऐसा लगातार होने का अर्थ है इजरायल के प्रतिशोध को निमन्त्रण देना और पूर्ण युद्ध की सम्भावना के द्वार खोलना ।
गाजावासियों को मिस्र में गड़बड़ फैलाने से रोकने और इजरायल पर आक्रमण से रोकने के लिए उन्हें अपने राज्य में बड़े पैमाने पर पुलिस बन्दोबस्त करना पड़ेगा। सम्भवत: इससे मिस्र को 1979 के मिस्र इजरायल शान्ति सान्धि के अनुसार इजरायल की सीमा पर सेना की तैनाती को कम करना होगा । सौभाग्यवश, गाजा में मिस्र की सुरक्षा सेवा की हल्की सशस्त्र सेना और बहुर्राष्ट्रीय सेना तथा सिनाय प्रायद्वीप में पर्वेक्षकों का कार्य बढ़ जायेगा। संक्षेप में गाजा को मिस्र इस विश्वास के साथ दिया जा सकता है कि वे इसे स्वीकार करेंगे और इजरायल पर आक्रमण से गाजावासियों को रोकेंगे इस शान्ति प्रक्रिया को चलाने के लिए इजरायल और पश्चिमी देशों को कल्पना शक्ति और ऊर्जा चाहिए ।