एक अवर्गीकृत राष्ट्रीय खुफिया अनुमान Iran: Nuclear Intentions and Capabilities के अंतर्गत पिछले दिसम्बर में अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने घोषणा की थी कि “ हमने अत्यंत आत्मविश्वास पूर्वक पाया है कि 2003 समाप्त होते होते तेहरान ने अपना परमाणु कार्यक्रम रोक दिया”
इस अत्यंत विवादास्पद निष्कर्ष ने ईरानी नेतृत्व को अमेरिकी आक्रमण की सम्भावना को निरस्त करने को प्रेरित किया और साथ ही ईरान को अधिक शत्रुवत स्थिति में जाने की अनुमति देते हुए आगे की बातचीत को निरर्थक सा बना दिया।
आदर्श स्थिति में अब भी ईरानियों को प्रेरित किया जा सकता है कि वे अपने परमाणु कार्यक्रम को बन्द कर दें या फिर विकल्प के रूप में अमेरिका या इजरायल उस पर आक्रमण करें या फिर अधिक बुरी स्थिति में तेहरान के विनाशक मस्तिष्क को बम निर्मित करने दिया जाये।
ईरान में आशंकाओं के पुनः जीवित होने की सम्भावनाओं के मध्य यह लक्ष्य प्राप्त करने का अद्भुत मार्ग है। तेहरान को केवल यह समझाकर कि उसे परमाणु बम बनाने की अनुमति कभी नहीं मिलेगी वाशिंगटन ईरान को अपना कार्यक्रम समाप्त करने के लिये मना सकता है जिससे सैन्य अभियान से बचा जा सकेगा। यह सम्भव है परंतु इसके लिये अमेरिकी नीति में मूलभूत परिवर्तन आवश्यक होगा।
पहला, बुश प्रशासन को ईरान के परमाणु मूलभूत ढाँचों पर सम्भावित आक्रमण के लिये तैयार रहना चाहिये और दूसरा सार्वजनिक रूप से इसका संकेत देना चाहिये। ( इजरायली नेताओं को भी भी ऐसा ही करना चाहिये, जैसा कि कुछ पहले ही कर चुके हैं)। तीसरा, प्रशासन को आलोचनाओं के सुनामी के लिये तैयार रहना चाहिये। चौथा, ऐसे आक्रमण से यूरोपीय संघ, रूस और चीन जैसे देशों को जो ऐसे आक्रमण के विरुद्ध हैं प्रेरणा मिलनी चाहिये कि वे तेहरान को परमाणु कार्यक्रम समाप्त करने को मना सकें।
यदि यह पहल सफल होती है तो यह संकट समाप्त हो जायेगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो तो अमेरिका के नवम्बर के राष्ट्रपति चुनाव पर इसकी छाया रहेगी। जान मैक्केन ने कहा है, “ अमेरिका के सैन्य विकल्प अपनाने से बुरा केवल यही होगा कि ईरान परमाणु सम्पन्न हो जायेगा”। इसके विपरीत बराक ओबामा ने “ कठोर मस्तिष्क वाली कूट्नीति”, “ कठोर आर्थिक प्रतिबन्ध” और “ ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों की बात की है” और भी इसी प्रकार की बातें।
यदि जार्ज डब्ल्यू बुश का कार्यकाल मैक्केन की विजय के साथ समाप्त होता है तो सम्भवतः बुश मैक्केन को अगले कदम के लिये स्वतंत्र कर देंगे। परंतु ओबामा का वर्तमान असफल नीतियों को जारी रखने के आशय के मध्य यदि उनकी विजय होती है और इस परम्परा के रहते हुए भी अपना कार्यकाल पूर्ण करने वाला राष्ट्रपति अंतिम सप्ताहों में कोई गम्भी पहल नहीं करता है तो भी बुश को ईरान के विरुद्ध सैन्य कार्रवाई की पहल करनी चाहिये।