कोलिन पावेल अब इस झूठ को बार बार दुहरा रहे हैं कि “ बराक ओबामा सदैव से एक ईसाई रहे है” इन नई सूचनाओं के बाद भी कि जो पुष्ट कर रही हैं कि ओबामा का बचपन मुस्लिम के रूप में व्यतीत हुआ है ( जैसे कि इण्डोनेशिया के विद्यालय में वह मुस्लिम के रूप में पंजीकृत है)। इस पर लोग अत्यंत आश्चर्य से डेमोक्रेट प्रत्याशी की ओर देख रहे हैं जो इस विषय पर सत्य को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त हम एक और जुडे विषय का पुनरावलोकन करें- अपने पूरे कार्यकाल में ओबामा का कट्टरपंथी इस्लाम के साथ सम्पर्क और उसके प्रति उनका ऋणी होना। विशेष रूप से अप्रत्यक्ष ही सही उनके दो संस्थाओं के साथ लम्बे सम्बन्ध रहे हैं। काउंसिल आन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस जिसे 2007 में अमेरिकी सरकार ने हमास के लिये धन एकत्र करने के एक मामले में सहायक षडयंत्रकारी घोषित किया था और दूसरी संस्था नेशन आफ इस्लाम है जिसकी मानहानि विरोधी लीग द्वारा उसके लगातार नस्लवादी और सेमेटिक विरोधी रिकार्ड के चलते निन्दा की गयी।
सर्वप्रथम, ओबामा के इस्लामवादियों के साथ सम्बन्ध
खालिद अल मंसूर सम्पर्क- मैनहट्टन बोरो के पूर्व अध्यक्ष पर्सी सुटोन के अनुसार अल मंसूर हार्वर्ड ला स्कूल में ओबामा के लिये धन एकत्र कर रहा था। अश्वेत अमेरिकी अल मंसूर सीएआईआर के सबसे बडे दाता सउदी राजकुमार अल वलीद बिन तलाल के सलाहकार बने। अल मंसूर के औसत इस्लामवादी विचार हैं। वह सूडान में इस्लामवादी सरकार द्वारा गुलामी को प्रायोजित किये जाने का समर्थन करते हैं, वह जेरुशलम के यहूदी सम्बन्ध को नकारते हैं और उन्होंने एक पुस्तिका जिसका शीर्षक “ अमेरिकी सावधान- सउदी अरब के विरुद्ध इजरायलवादियों का षडयंत्र” था प्रकाशित की। ( ओबामा और अल मंसूर दोनों ने सुटोन की बात का खण्डन किया है)
केनी गैम्बल सम्पर्क ( जिसे लुकमान अब्दुल हक के नाम से भी जानते हैं) गैम्बल जो कि एक प्रसिद्ध पाप संगीत निर्माता हैं उन्होंने दक्षिण फिलाडेल्फिया के अपने भवन में ओबामा के प्रचार अभियान का मुख्यालय के रूप में फीता काटकर उद्घाटन किया था। गैम्बल एक इस्लामवादी हैं जिन्होंने फिलाडेल्फिया में वास्तविक भू सम्पदा खरीदकर केवल मुसलमानों के लिये एक आवासीय क्षेत्र खडा किया है। संयुक्त मुस्लिम आन्दोलन के स्वयंभू अमीर के रूप में उनके अनेक इस्लामवादी संगठनों से सम्बन्ध हैं जिनमें सीएआईआर और मुस्लिम एलायंस इन नार्थ अमेरिका हैं। ( मुस्लिम एलायंस इन नार्थ अमेरिका के अमीर सिराज वहाज हैं जो 1993 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए बम विस्फोट के संयुक्त षडयंत्रकारी हैं)
माजेन असबाही सम्पर्क- ओबामा के प्रचार अभियान में मुस्लिम समुदाय के साथ सम्पर्क के समन्वयक माजेन असबाही ने उस समय त्यागपत्र दिया जब यह तथ्य सामने आया कि वह सउदी प्रायोजित नार्थ अमेरिकन इस्लामिक ट्रस्ट के बोर्ड के सदस्य उन जमाल सैद के साथ रहे हैं जो कि हमास को आर्थिक सहायता के 2007 के मामले में सहायक षडयंत्रकारी हैं। असबाही के सीएआईआर के शिकागो और डेट्रायट कार्यालयों से सम्बन्ध हैं और साथ ही हमास को आर्थिक सहायता के मामले में एक और सहषडयंत्रकारी इस्लामिक सोसाइटी आफ नार्थ अमेरिका के साथ भी। इसके अतिरिक्त अन्य इस्लामवादी संगठनों से भी सम्बन्ध हैं।
मिन्हा हुसैनी सम्पर्क- ओबामा के प्रचार के मुस्लिम सम्पर्क से दूसरे समन्वयक मिन्हा हुसैनी की भी इस्लामवादी पृष्ठभूमि है और उन्होंने मुस्लिम सर्विस नेटवर्क में प्रशिक्षु के नाते कार्य किया है। ओबामा द्वारा नियुक्त होने के तत्काल बाद उन्होंने तीस मुसलमानों से भेंट की जिनमें सीएआईआर के कुख्यात निहाद अवाद भी हैं साथ ही मह्दी ब्रे जिन्होंने खुलकर हमास और हिजबुल्लाह जैसे आतंकवादी संगठनों का सार्वजनिक रूप से समर्थन किया और इसके अतिरिक्त फाल्स चर्च में दार अल हिजरा मस्जिद के जोहरी अब्दुल मलिक जिन्होंने अमेरिका के मुसलमानों को सलाह दी, “ आप पुलों को उडा सकते हैं पर आप उनको नहीं मार सकते जो अपने कार्य की दिशा में निर्दोष हैं”
दूसरा, ओबामा के नेशन आफ इस्लाम के साथ सम्बन्ध-
ओबामा का लम्बे समय तक दानदाता और सहयोगी एंटोइन टोनी रेज्को नेशन आफ इस्लाम के नेता एलिजाह मुहम्मद के पुत्र जबीर हर्बर्ट मुहम्मद के साथ तीन दशकों तक सहयोगी के रूप में रहा और कहा कि उन्होंने जबीर और उनके परिवार को अनेक वर्षों में लाखों डालर दिये हैं। रेज्को ने मुहम्मद अली फाउंडेशन के प्रशासकीय निदेशक के रूप में भी कार्य किया जो एक दुष्ट संगठन था जिसने सीएआईआर के इस पुरस्कार प्राप्त व्यक्ति के नाम का उपयोग उसकी अनुमति के बिना अनेक वर्षों तक किया।
जेरमियाह राइट जो कि बीस वर्षों तक ओबामा के सम्माननीय पादरी रहे उनकी भी नेशन पृष्ठभूमि सामने आयी। हाल ही में उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने नेशन आफ इस्लाम के सुरक्षा ब्यौरे से सुरक्षा प्राप्त की और उन्होंने नेशन आफ इस्लाम के नेता लुइस फराखान को, “ अफ्रीकी अमेरिकी धार्मिक अनुभव का शक्तिशाली स्तम्भ कहा” राइट के चर्च ने फराखान की महानता के लिये उनका अभिनन्दन किया। फराखान ने भी ओबामा का समर्थन किया और उन्हें, “ समस्त विश्व की आशा” कहा और कहा कि वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो अमेरिका को उसके पतन से उठा सकते हैं साथ ही उन्हें “ मसीहा” तक भी बताया।
जिस प्रकार ओबामा की जीवनी सीएआईआर और नेशन आफ इस्लाम जैसे कटु संगठनों का उल्लेख बार बार करती है क्या उसे नजरअन्दाज किया जाना चाहिये? कितने राजनेताओं के इनमें से किसी भी गुट के साथ एक भी सम्बन्ध है, साथ से भी कम?
जान मैक्केन उदारता में कहते हैं कि ओबामा ऐसे व्यक्ति हैं जिनके संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से आपको डरने की आवश्यकता नहीं है। परंतु ओबामा के सम्पर्क जिस प्रकार अमेरिका विरोधी और विद्रोही संगठनों के साथ हैं उससे तो उन्हें संघीय कर्मचारी के रूप में सुरक्षा अनुमति नहीं मिलेगी।
इस्लामी आक्रामकता अमेरिका के लिये रणनीतिक खतरा है। ओबामा के अनेक चिंताजनक सम्पर्क उनके अमेरिका के सेनाध्यक्ष के रूप में उनकी योग्यता को लेकर अनेक गम्भीर आशंकायें प्रस्तुत करते हैं।