मैं आम तौर पर ऐसे राष्ट्रपति को सुझाव नहीं देता हूँ जिसके चुनाव का मैने विरोध किया हो , जिसके उद्देश्यों से मैं भयभीत हूँ और जिसकी नीतियों के विरुद्ध मैं काम कर रहा हूँ । परंतु यहाँ बराक ओबामा के लिये अपने अस्थिर होते प्रशासन की प्रतिष्ठा को बचाने के लिये तथा संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों को बचाने के लिये एक सुझाव है।
यदि ओबामा के व्यक्तित्व, पहचान और विशिष्टता ने 2008 में अधिकतर अमेरिकी मतदाताओं को अभिभूत किया था तो वही विशेषतायें 2009 में प्रशासन की दृष्टि से कमजोरी सिद्ध हुईं। वह बेरोजगारी और स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में कोई परिणाम देने में असमर्थ रहे, वे विदेश नीति के छोटे बडे मोर्चों पर असफल रहे ( 2016 में ओलम्पिक की मेजबानी) ( चीन और जापान के साथ सम्बन्धों में) आतंकवाद प्रतिरोध का उनका कीर्तिमान तो बडी कठिनाई से हास्यास्पद स्थिति से बच पाता है।
इस दयनीय प्रदर्शन ने मतदान के स्तर पर असाधारण गिरावट ला दी है और साथ ही तीन प्रमुख उपचुनावों में पराजय के साथ ही मैसचुयेट्स में दो सप्ताह पूर्व सीनेटर की आश्चर्यजनक पराजय भी इसी का परिणाम है। ओबामा द्वारा अपने राष्ट्रपतित्व को फिर से व्यवस्थित किये जाने का प्रयास सम्भावित रूप से असफल हो जायेगा यदि वह आर्थिक स्थिति पर ध्यान केन्द्रित करते हैं क्योंकि आर्थिक मोर्चे पर वह अनेक खिलाडियों में से केवल एक खिलाडी मात्र हैं।
उनको एक नाटकीय व्यवहार की आवश्यकता है ताकि वह ऐसे समय में जबकि काफी कुछ दाँव पर लगा है और वह स्थितियों का नियंत्रण हाथ में ले सकते हैं और अपने प्रति अपेक्षाओं को पूरा कर सकते हैं एक कमजोर और अयोग्य विचारक के रूप में अपने प्रति जनसामान्य की अवधारणा को बदल सकते हैं।
ऐसा अवसर है। ओबामा अमेरिका की सेना को आदेश दे सकते हैं कि वह ईरान के परमाणु हथियार की क्षमता को नष्ट कर दे।
परिस्थितियाँ अनुकूल हैं। प्रथम, अमेरिका के खुफिया विभाग ने 2007 के अपने मूर्खतापूर्ण राष्ट्रीय खुफिया आकलन को पूरी तरह बदल दिया है जिसने कि काफी आत्मविश्वास पूर्वक दावा किया था कि तेहरान ने " अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोक दिया है" अब तो कोई भी ( ईरानी शासकों और उनके लिये कार्य करने वालों को छोडकर) इस बात से इन्कार नहीं करता कि ईरान काफी तेजी से परमाणु हथियार निर्मित करने की ओर अग्रसर है।
दूसरा, यदि विश्व का संहार करने की मानसिकता से युक्त तेहरान के नेताओं को बम मिल जाता है तो वे मध्य पूर्व को अधिक अस्थिर और खतरनाक क्षेत्र बना देंगे। वे इन हथियारों को क्षेत्र में तैनात कर सकते हैं जिससे कि भारी मात्रा में मृत्यु और विनाश हो सकता है। इसके साथ ही वे विद्युत चुम्बकीय आक्रमण अमेरिका पर भी कर सकते हैं जो कि संयुक्त राज्य अमेरिका को नष्ट कर सकता है। ईरानी परमाणु खतरे को समाप्त कर ओबामा अपने गृहभूमि की रक्षा कर सकते हैं और साथ ही अमेरिका के मित्रों और शत्रुओं को एक सन्देश भी दे सकते हैं।
तीसरा, विभिन्न मतदान यह दर्शाते हैं कि अमेरिका में व्यापक पैमाने पर ईरानी परमाणु के आधारभूत संरचना को नष्ट करने का समर्थन है।
- लास एंजेल्स टाइम्स\ ब्लूमबर्ग- जनवरी, 2006- यदि तेहरान ऐसे कार्यक्रम की ओर अग्रसर होता है जिससे वह परमाणु हथियार निर्माण कर सकता है तो 57 प्रतिशत अमेरिकी जनता सैन्य हस्तक्षेप की पक्षधर है।
- जोगबाई इंटरनेशनल- अक्टूबर 2007- 52 प्रतिशत मतदाताओं ने ईरान को परमाणु हथियार निर्माण करने से रोकने के लिये अमेरिकी सैन्य आक्रमण का समर्थन किया और 29 प्रतिशत लोगों ने इसका विरोध किया।
- मैकलालिन एंड एसोशिएशन- मई, 2009- जब कुल 600 सम्भावित मतदाताओं से प्रश्न किया गया कि क्या वे " इस बात के समर्थक हैं कि परमाणु हथियार का निर्माण करने के लिये आवश्यक सुविधाओं को अमेरिकी सैन्य आक्रमण के द्वारा ध्वस्त कर दिया जाये तो 58 प्रतिशत लोगों ने इसके पक्ष में अपना मत दिया जबकि 30 प्रतिशत ने इसका विरोध किया।
- फाक्स न्यूज- सितम्बर 2009- प्रश्न किया गया, " क्या आप संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोकने के लिये सैन्य अभियान के समर्थक हैं या विरोधी" ? इस मतदान में कुल 900 पंजीकृत मतदाताओं में 61 प्रतिशत लोगों ने इसका समर्थन किया और 28 प्रतिशत ने इसका विरोध किया ।
- पिउ रिसर्च सेंटर – अक्टूबर 2009- प्रश्न किया गया कि अधिक मह्त्वपूर्ण क्या है? " ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकना चाहे इसके लिये सैन्य कार्रवाई ही करनी हो" या फिर " ईरान से सैन्य टकराव टालना भले ही इसका अर्थ ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने देना हो"। कुल 1,500 उत्तरदाताओं में 61 प्रतिशत लोगों ने प्रथम उत्तर का पक्ष लिया और 24 प्रतिशत लोगों ने दूसरा उत्तर चुना।
केवल 57, 52, 58, 61 और 61 प्रतिशत ही इसका समर्थन नहीं कर रहे हैं वरन एक बार आक्रमण होने के बाद अमेरिकी अपने ध्वज के साथ होंगे और यह संख्या कहीं अधिक हो जायेगी।
चौथा, यदि अमेरिकी आक्रमण का उद्देश्य केवल ईरानी परमाणु सुविधाओं को नष्ट क़रने तक सीमित होगा और शासन में परिवर्तन की आकाँक्षा नहीं होगी तो इसके लिये सीमित मात्रा में सैनिकों की आवश्यकता होगी और क्षति भी कम होगी और यह आक्रमण राजनीतिक दृष्टि से भी स्वीकार्य होगा।
जिस प्रकार 11 सितम्बर के चलते मतदाता जार्ज डब्ल्यू बुश के आरम्भिक माह के सामान्य दिन भूल गये थे उसी प्रकार ईरानी परमाणु सुविधाओं पर आक्रमण करने से ओबामा के प्रथम वर्ष के अनुत्तरदायित्वपूर्ण दिन लोगों की स्मृतियों में नीचे चले जायेंगे और घरेलू तथा राजनीतिक चित्र पूरी तरह बदल जायेगा। इससे स्वास्थ्य सुविधा का मामला पीछे चला जायेगा और और रिपब्लिकन डेमोक्रेट के साथ कार्य करने को तत्पर होंगे कुछ लोग दंग रह जायेंगे, स्वतंत्र पुनर्विचार करेंगे और परम्परावादी मूर्छित हो जायेंगे।
परंतु कुछ अच्छा और ठीक करने का अवसर तेजी से समाप्त हो रहा है। जिस मात्रा मे ईरानी अपनी सुरक्षा को बेहतर बना रहे हैं और हथियारीकरण की ओर अग्रसर हैं उसी मात्रा में अवसर कम हो रहे हैं। कार्रवाई करने का समय पूरी तरह ओबामा की निगरानी में है शीघ्र ही यह विश्व एक अत्यंत खतरनाक स्थान बन जायेगा।