सीन हैनिटी, प्रस्तोता: यह कुछ अजीब सा लग सकता है कि देश का नासा प्रशासन मध्य पूर्व की यात्रा कर रहा है परंतु जब आपको यह सुनने में आयेगा कि व्याकुल कर देने वाले इस मिशन का कार्य स्वयं राष्ट्रपति ने सौंपा है तो इसमें कुछ तथ्य झलकने लगता है। आइये इसे देखें।
( 30 जून का अल जजीरा अंग्रेजी का वीडियो अंश)
चार्ल्स बोल्डेन , नासा प्रशासक- शायद अधिकतम यही है कि वह ( ओबामा) मुझसे चाहते हैं कि मुस्लिम विश्व को अपने निकट लाने के मार्गों की खोज करूँ और मुस्लिम बहुल देशों की इस प्रकार सहायता करूँ कि वे विज्ञान और अभियांत्रिकी में अपने ऐतिहासिक योगदान के सम्बन्ध में अच्छा अनुभव कर सकें।
हैनिटी- अभी बोल्डेन ने अल जजीरा को बताया कि राष्ट्रपति ने उन्हें कुछ कार्यक्रम आरम्भ करने का निर्देश दिया है परंतु बाहरी अंतरिक्ष की खोज उसमें शामिल नहीं है। हम तो अभी यही कह सकते हैं कि अंतरिक्ष की खोज के सम्बन्ध में डेमोक्रेटिक दल के व्यवहार में जान एफ. केनेडी के समय से आरम्भ हुए सिद्धांत में तनिक परिवर्तन आ गया है।
( 25 मई, 1961 के कुछ वीडियो अंश)
जान एफ. केनेडी- संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति- अब समय है कि कुछ लम्बे कदम उठाये जायें, यह समय नवीन अमेरिकी उद्यमता का है, यह समय है कि देश अंतरिक्ष की उपलब्धियों के क्षेत्र में स्पष्ट रूप से अग्रणी भूमिका निभाये जो कि अनेक प्रकार से पृथ्वी पर हमारे भविष्य़ की कुंजी है। इसलिये मैं कांग्रेस से कहता हूँ कि वे अंतरिक्ष के क्रियाकलाप के लिये वृद्धि की ओर न देखें और न ही राष्ट्रीय लक्ष्य की प्राप्ति के लिये आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने में हिचक दिखायें। सबसे पहले मैं विश्वास करता हूँ कि देश को इस बात के लिये प्रतिबद्ध होना चाहिये कि इस दशक तक हमारी ओर से एक व्यक्ति चन्द्रमा पर जाये वहाँ से सुरक्षित पृथ्वी पर वापस आ जाये। कोई भी एक अंतरिक्ष प्रकल्प मानवता के लिये इतना प्रभावी नहीं होगा और न ही दूरगामी दृष्टि से अंतरिक्ष की खोज के लिये।
हैनिटी- हमारे साथ अपनी प्रतिक्रियाओं के साथ इस समय मुस्लिम अमेरिकी सोसाइटी के मानव और नागरिक अधिकार विभाग के इब्राहिम रामे और मिडिल ईस्ट फोरम के निदेशक डैनियल पाइप्स एक बार फिर हमारे साथ हैं।
ठीक है , इब्राहिम मैं आपसे ही आरम्भ करूँ, यह भूल जाइये कि आपका लक्ष्य क्या है, क्योंकि आप यह बेहतर जानते होंगे कि आपके गुट के संगठन के लक्ष्य क्या हैं? यहाँ यह मुद्दा नहीं है। यदि हम नासा के सम्बन्ध में बात कर रहे हैं तो क्या हमारा लक्ष्य चन्द्रमा और मंगल पर जाना नहीं होना चाहिये?
इब्राहिम रामे , मुस्लिम अमेरिकी सोसाइटी के मानव और नागरिक अधिकार विभाग के- निश्चित रूप से। जो कुछ नासा प्रबन्धक ने कहा है उसमें उन्होंने नासा के आवश्यक उद्देश्यों को पुनर्परिभाषित करने का प्रयास नहीं किया है। जो कुछ वह प्रयास कर रहे थे उसमें उन्होंने अपने वक्तव्य को राष्ट्रपति ओबामा द्वारा गत वर्ष कैरो में दिये गये भाषण के सन्दर्भ में प्रस्तुत किया है जहाँ मुस्लिम विश्व के 1.57 अरब लोगों के साथ एक अलग प्रकार का सम्बन्ध स्थापित करने की बात की गयी थी।
हैनिटी- आप मुझे वह बता रहे हैं जो मैं आपसे नहीं पूछ रहा हूँ। उन्होंने यह नहीं कहा, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनका " प्रमुख" कार्य, नासा का प्रशासक कह रहा है कि उनका " प्रमुख" कार्य, जो कि उन्हें राष्ट्रपति के द्वारा सौंपा गया है वह मुस्लिम विश्व को निकट लाना और इससे भी अधिक मह्त्वपूर्ण कि मुस्लिम देशों को विज्ञान की अपनी उपलब्धियों के सम्बन्ध में अच्छा अनुभव कराना। इसका नासा से क्या सम्बन्ध?
रामे- ऐसा है कि इसका नासा से यह सम्बन्ध है कि यह विश्व के एक भाग के साथ एक अलग प्रकार का सम्बन्ध स्थापित करना है जिसे अभी तक अंतरिक्ष की खोज के इस खेल का कभी अंग नहीं माना गया। और जो मैं आपसे कह रहा हूँ वह यह कि यह बात सभी समझते हैं कि नासा प्रमुख रूप से अंतरिक्ष की खोज का कार्यक्रम है।
हैनिटी- निश्चित रूप से, अंतरिक्ष की खोज के लिये मंगल पर जाना चाहिये, बुध पर जाना चाहिये जो कि प्रेम का ग्रह है। जहाँ भी आप जाना चाहते हैं जायें। चन्द्रमा पर जाइये। डैनियल मेरी सहायता में आइये। मुझे तो ऐसा प्रतीत होता है कि अमेरिका का जो महान कार्यक्रम था उसकी ओर राष्ट्रपति ने मुँह फेरकर एक राजनीतिक एजेण्डे को आगे बढाने के लिये उसका उपयोग करने का मन बना लिया है।
डैनियल पाइप्स, मिडिल ईस्ट फोरम- और वह भी जबर्दस्त संरक्षणवादी एजेंडा। इसके पीछे यह विचार है कि आप मुसलमानों के लिये एक सकारात्मक कार्य का प्रकल्प ला रहे हैं और उन्हें इसके साथ जोड रहे हैं कि इससे उनका समाज आधुनिक बन जायेगा और वे संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर अधिक मित्रवत भाव रखेंगे। इससे अधिक संरक्षणवादी और क्या हो सकता है?
आपको पता होना चाहिये कि नासा के पास 60, 70 के दशक में मिस्र मूल के फारूक एल बाज़ नामक असाधारण वैज्ञानिक थे और उनके लिये कोई प्रयास नहीं हुआ था जो कुछ उन्होंने प्राप्त किया अपने प्रयासों से प्राप्त किया। हम क्या कर रहे हैं? हम अमेरिकी सरकार की इस उपलब्धि को क्यों नष्ट करने पर अमादा हैं?
हैनिटी- मैं नहीं जानता। इब्राहिम देखिये मेरे लिये राष्ट्रपति द्वारा इस प्रकार मुस्लिम समुदाय के निकट जाते देखना अत्यंत कठिन हो रहा है। जब भी वह मुस्लिम विश्व के सम्बन्ध में बात करते हैं तो वे कुवैत में अमेरिकी योगदान का उल्लेख नहीं करते। वे कोसोवो में अमेरिकी योगदान के बारे में बात नहीं करते। वे इराक और इंडोनेशिया में अमेरिकी योगदान की चर्चा नहीं करते। मैंने कभी नहीं देखा कि मुस्लिम विश्व ने अमेरिका की समुचित प्रशंसा की हो। क्या मुस्लिम विश्व अमेरिका को वह सम्मान देता है जिसका वह पात्र है?
रामे- मेरे विचार में मुस्लिम विश्व का अमेरिका के साथ सम्बन्ध अत्यंत जटिल है। मुझे लगता है यह अब बदल रहा है और मेरे विचार से इसमें और सुधार हो सकता है। लेकिन मुझे यह भी कहना है कि जहाँ तक नासा टिप्पणी की बात है तो यह न तो नासा के मिशन को परिवर्तित करने की बात है और न ही मुसलमानों के लिये सकारात्मक प्रकल्प देने की बात है ये दोनों ही बातें बकवास हैं। जो भी इस प्रकार की खोज में आयेगा या ऐसे शोध में आयेगा उसकी काफी छानबीन होगी और ऐसा होना भी चाहिये।
लेकिन यह प्रश्न यहाँ यह है कि क्या आप 1.57 अरब लोगों के साथ तकनीक और विज्ञान के सम्बन्ध में दूसरे प्रकार का सम्बन्ध रखना चाहते हैं जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका के 70-80 लाख लोग भी शामिल हैं जिसमें अभियांत्रिकी समुदाय, चिकित्स्कीय समुदाय और वैज्ञानिक समुदाय में सर्वाधिक प्रतिभाशाली भी शामिल हैं। मुझे नहीं लगता कि इन्हें अलग रखकर हम विज्ञान में वह विविधतावाद प्राप्त कर सकते हैं जो हम चाहते हैं। इससे यही स्पष्ट होता है कि मुसलमानों का महत्व है और व्यापक सन्दर्भ में मुसलमानों को निकट लाना महत्वपूर्ण है।
हैनिटी- डैनियल, अब अंत में आपके शब्द।
पाइप्स- मेरे विचार में मैंने तो यही पाया है कि मुस्लिम पहले से ही नासा का अंग हैं। परंतु यह एक सकारात्मक प्रकल्प है यद्यपि रामे इसे बकवास बता रहे हैं। मैं आपका ध्यान बोल्डेन के एक भाषण की ओर दिलाना चाहता हूँ जो उन्होंने कैरो में दिया था, राष्ट्रपति ने " नासा को बदलने के लिये कहा है... उनके निकट जाया जाये जो गैर परम्परागत सहयोगी है और अपना सहयोग मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया और विशेष रूप से मुस्लिम बहुल देशों में बढाया जाये" । मेरी दृष्टि में तो यह सकारात्मक कार्य का प्रकल्प ही है।
रामे- ऐसा नहीं है। इसका सकारात्मक कार्य देने से कोई लेना देना नहीं है।
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हैनिटी- हम इसे अब यहीं छोड देते हैं।
रामे- केवल एक अच्छी वैश्विक राजनीति