वामपंथी पत्रिका Tikkun ने वर्ष 2010 के जनवरी फरवरी अंक में कीथ एलिसन का एक साक्षात्कार प्रकाशित किया जिसमें पत्रिका के सम्पादक ने मिनेसोटा से डेमोक्रेट कांग्रेस सदस्य से नवम्बर 2009 में मेरे एक लेख इस्लामवाद 2.0 के बारे में पूछा।
माइकल लर्नर : आप इस बात से अवगत हैं कि जेरूसलम पोस्ट ने डैनियल पाइप्स का एक लेख प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने आपको और तारिक रमादान को अमेरिकी सिद्धांतों के लिये बौद्धिक चुनौती बताया है जो कि उनके अनुसार आतंकवादियों के शारीरिक आक्रमण से कहीं अधिक मह्त्वपूर्ण है। मुझे यह जानने की उत्सुकता होगी यदि आपकी इस पर कोई प्रतिक्रिया है या आप इस बारे में क्या सोचते हैं?
कीथ एलिसन : मेरी समझ से यह मानसिक विक्षिप्तता और षडयंत्रकारी सिद्धान्त का विचार है और इसमें कोई भी वास्तविकता नहीं है। इसे किसी भी प्रकार गम्भीरता से नहीं लिया जाना चाहिये।
मह्त्वपूर्ण यह है कि मुझे लोकतंत्र में विश्वास है। मेरा विश्वास है कि समाज में विवादों का समाधान निर्वाचन के द्वारा होना चाहिये । मैं महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों में विश्वास करता हूँ। मैं कानून के समक्ष सभी लोगों को समान मानता हूँ । मैं हर स्तर पर अंतर्धार्मिक बातचीत को समर्थन देता हूँ । मैं इजरायल का समर्थन करता हूँ। मैं फिलीस्तीनी लोगों और राज्य के प्रति उनकी आकाँक्षा का समर्थन करता हूँ । मैं इजरायल की इस आकाँक्षा का समर्थन करता हूँ कि वे उस राज्य के लोगों के साथ शांति और सुरक्षा में रहना चाहते हैं। इसलिये डैनियल पाइप्स का विचार उचित नहीं है।
मैं श्रीमान पाइप्स पर कोई व्यक्तिगत प्रहार नहीं करना चाहता मैं उन्हें नहीं जानता मुझे विश्वास है कि जो कुछ वह सोच रहे हैं वैसा सोचने का उनके पास कोई कारण होगा मैं यह नहीं कहता कि वे तर्कसम्मत कारण हैं और मेरा विश्वास है कि वे तर्कसम्मत नहीं हैं। लेकिन मुझे विश्वास है कि अपने विचारों को उचित ठहराने का कोई कारण उनके पास होगा। मैं किसी से भी इस आधार पर बात कर सकता हूँ कि वह अभी सही नहीं है और उसे वस्तुस्थिति समझने के लिये कुछ अधिक अवसर की आवश्यकता है। इस बारे में मुझे इतना ही कहना है।
ठीक है " मेरे ऊपर कोई व्यक्तिगत प्रहार नहीं करेंगे" लेकिन मैं मानसिक विक्षिप्त हूँ , षडयंत्रकारी हूँ , गम्भीर न होकर भी गम्भीर रूप से गलत हूँ, उचित नहीं हूँ और मुझे कीथ एलिसन से बात करनी चाहिये। इसके उत्तर में मैंने 13 जनवरी, 2010 को दोनों ओर से उनके वाशिंगटन स्थित कार्यालय और Tikkun's के सम्पादक के माध्यम से पत्र लिखा ।
प्रिय श्रीमान एलिसन:
मैंने पूरी रुचि से वह साक्षात्कार पढा जो कि आपने Tikkun को दिया जहाँ कि आपने मेरे बारे में कहा कि, " डैनियल पाइप्स का विचार सामान्य रूप से सही नहीं है........ मैं किसी से भी इस आधार पर बात कर सकता हूँ कि वह अभी सही नहीं है और उसे वस्तुस्थिति समझने के लिये कुछ अधिक अवसर की आवश्यकता है" ।
मैं इस बात की प्रशंसा करता हूँ कि आपको मुझसे बात करने में आपत्ति नहीं है और इसी भावना के वशीभूत मैं आपको " इस्लाम और अमेरिका" के विषय पर सार्वजनिक बहस के लिये आमंत्रित करता हूँ ।
मुझे आपके उत्तर की प्रतीक्षा रहेगी।
भवदीय
डैनियल पाइप्स
किसी भी प्रकार का कोई उत्तर न प्राप्त होने पर मैंने उन्हें फिर 29 जनवरी को एक पत्र लिखा और इस बार भी जिला कार्यालय को। इस बार भी कोई उत्तर नहीं। इसी प्रकार फेसबुक के द्वारा भी किया गया प्रयास विफल रहा।
टिप्पणियाँ
(1) सम्भवतः श्रीमान एलिसन भयभीत हो गये हैं कि किसी ने उन्हें केन लिविंगस्टोन के साथ मेरी बहस के बारे में बता दिया है।
(2) मैं पुनः श्रीमान एलिसन को बहस के लिये आमन्त्रित करता हूँ ।
(3) यह बहस हमारे लिये और हमारे दर्शकों के लिये मह्त्वपूर्ण और स्पष्टकारक होगी।