राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन प्रत्याशी मिट रोमनी ने आज जेरूसलम फाउन्डेशन के समक्ष एक लहराता हुआ भाषण दिया जिसमें कि भावनात्मक समर्थन के साथ ही स्पष्ट नीतिगत बयान भी था। ओबामा के साथ तुलना में इसका महत्व अधिक बढ जाता है। निश्चित ही यदि आप पूरा भाषण देखें तो पाते हैं कि ओबामा की अनेक बातों का खण्डन है। उदाहरण के लिये, आरम्भिक टिप्पणी, " इजरायल में कदम रखने का अर्थ है कि ऐसे देश में कदम रखना जिसका आरम्भ इस धरती को लेकर एक प्राचीन आश्वासन के आधार पर हुआ था" यह ओबामा की ओर से काइरो में दिये गये उस बयान से पूरी तरह विपरीत है कि, " यहूदी गृहभूमि की आकाँक्षा की जडें दुखद इतिहास में हैं"
इसी के साथ ही जेरूसलम के सम्बंध में ओबामा प्रशासन की पहचान को उजागर करने से बचने से ठीक विपरीत रोमनी ने स्पष्ट रूप से जेरूसलम को " इजरायल की राजधानी बताया"
उनके अनेक बयान यहूदी राज्य के लिये प्रशंसा गीत और अमेरिका के साथ इसके अद्भुत सम्बंधों को रेखाँकित करते हैं। अनेक उद्धरण जिसमें कि उन विशेष शब्दों को मैंने अपनी ओर से इटालिक में ध्यानार्थ कर दिया है:
हम दो राष्ट्र 5,000 मील की दूरी से विभाजित हैं। परंतु किसी बाहरी अमेरिकी के लिये आदर्श और निष्ठा के मामले में आप अपने देश से कहीं अधिक उसके निकट हैं।
यह मेरा निश्चित मत है कि इजरायल की सुरक्षा अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों के लिये अत्यंत आवश्यक है।
हमने इतिहास की भयावहता को देखा है। हम किनारे पर नहीं खडे रहेंगे। हम ऐसा पुनः नहीं होने देंगे। ईरान के नेताओं के शब्दों को गम्भीरता से न लेना मूर्खता होगी। आखिर वे एक क्रांतिकारी मजहब आधरित व्यवस्था के उत्पाद हैं..... यह हमारा गम्भीर और नैतिक दायित्व है कि ईरान के नेतृत्व को उनके खतरनाक आशय को पूरा करने के तरीकों से उन्हें वंचित रखें।
हमारा सहयोग रणनीतिक चित्र या हितों के संतुलन से कहीं अधिक गहरा है। एक नया राष्ट्र अमेरिका जो कि इस प्राचीन क्षेत्र के पैमाने से विश्व के लिये सर्वथा नया है वह जिस प्रकार इजरायल के लोगों का प्रिय मित्र बना वह हमारे राष्ट्र के इतिहास के सबसे अच्छे और आशाजनक इतिहास का भाग है। हमारे मार्ग भिन्न हैं परंतु हम एक दूसरे में समान गुण देखते हैं। अनेक प्रकार से इजरायल और अमेरिका एक दूसरे की प्रतिकृति हैं।
इजरायल राज्य और अमेरिका के मध्य शाश्वत गठबंधन एक रणनीतिक गठबंधन से अधिक है: यह विश्व में अच्छाई की एक शक्ति है। इजरायल को अमेरिका के समर्थन पर प्रत्येक अमेरिकावासी को गर्व होना चाहिये। आधुनिक भूराजनीतिक जटिलताओं को मूलभूत विशेषताओं को बाधित करने का अवसर नहीं देना चाहिये... एक मुक्त और सशक्त अमेरिका सदैव एक मुक्त और सशक्त इजरायल के साथ खडा रहेगा।
इतिहास और निष्ठा से हमारे दोनों राष्ट्र परस्पर सम्बद्ध हैं। कोई भी व्यक्ति, कोई राष्ट्र, कोई विश्व संगठन हमें अलग नहीं कर सकता। और जब तक हम साथ हैं कोई भी ऐसा खतरा नहीं है जिसका कि हम मुकाबला नहीं कर सकते और शायद कुछ ही हो ऐसा हो जिसे हम प्राप्त न कर सकें।
परंतु समस्त भाषण में ये अंतिम शब्द थे जिन्होंने मुझे झकझोर दिया ; " ईश्वर अमेरिका पर कृपा बनाये रखे और वह इजरायल राज्य पर कृपा बनाये रखे और उसकी रक्षा करे" । ऐसा कब हुआ है कि किसी राजनेता ने दूसरे देश की रक्षा के लिये ईश्वर से कहा हो न कि अपने?
टिप्पणियाँ : (1)ओबामा और रोमनी जिस प्रकार आर्थिक विकास के स्रोतों को लेकर एक दूसरे से पूरी तरह भिन्न हैं उसी प्रकार इजरायल के सम्बंध में भी। (2) बार बार रोमनी ने दोनों देशों के नैतिक जुडाव पर जोर दिया , हाँ यह सत्य है कि इन सम्बंधों से पारस्परिक लाभ है परंतु यह कुछ अधिक उच्च और महान के रूप में परिणत होता है जो कि इन सबसे अधिक है। (3) देखना होगा कि जो रुख उन्होंने आज प्रदर्शित किया है उसमें से कितना वे निर्वाचित होने के उपरांत दिन प्रतिदिन के नीतिगत मामलों में दिखा पाते हैं। मेरी अपेक्षा है कि ऐसा महत्वपूर्ण आधार पर होगा।