मुवम्मर अल कद्दाफी के शासन के पतन का एक और जिज्ञासु पक्ष भी है और वह है उसकी पुत्री हाना ( सम्भवतः दत्तक ) जिसका जन्म 11 नवम्बर , 1985 को हुआ था ।
कद्दाफी ने बार बार यह दावा किया कि अप्रैल 1986 में लीबिया पर अमेरिकी आक्रमण के समय यह बच्चा छह माह का था और उस आक्रमण में मारा गया था। इसके विपरीत अनेक पर्यवेक्षकों ने ( जिसमें मैं भी था) इसके विपरीत तर्क दिया कि या तो बच्चे का कोई अस्तित्व ही नहीं था या फिर यह बच्चा उसका नहीं था।
अब पता चला है कि दोनों ही बातें गलत थीं। वह उसकी पुत्री थी और उस आक्रमण में बच गयी थी। द टेलीग्राफ में मार्टिन इवांस ने रिपोर्ट प्रकाशित की है कि
विद्रोहियों ने जब गद्दाफी के बाब अल अजीज ठिकाने की खोज की तो अनेक अभिलेख प्राप्त किये साथ ही कुछ चित्र भी मिले जिससे पता चला कि उस परिसर में एक सोने का कमरा था जो कि किसी युवती का था जिसका नाम हाना गद्दाफी था और वह मेडिकल स्नातक थी। कमरे की सज्जा पूरी तरह पश्चिमी शैली में थी जिसमें अनेक सी डी , अमेरिकी बैंड बैकस्ट्रीट ब्वायज का पोस्टर सहित अनेक सौन्दर्य प्रसाधन भी थे।
आइरिश टाइम्स के एक पत्रकार ने कमरे में प्रवेश किया और उसे एक पासपोर्ट, चित्र और अन्य व्यक्तिगत दस्तावेज मिले जिसमें कि हाना गद्दाफी नाम अंकित था। एक प्रमाणपत्र मिला जिसके आधार पर यह तथ्य पता चला कि जुलाई 2007 में त्रिपोली से हाना गद्दाफी ने ब्रिटिश काउंसिल का ए श्रेणी का अंग्रेजी कोर्स किया था।
कद्दाफी ने हाना की तथाकथित मौत का प्रयोग कर लीबियावासियों को पश्चिम के विरुद्ध खडा किया और इससे 1988 में पैन ए एम 103 पर बमबारी के उसके निर्णय में भी सफलता मिली।
टिप्पणी: इस स्वार्थी छोटी सी कहानी से पुष्ट होता है और क्या इसे सिद्ध करने के लिये और कोई साक्ष्य चाहिये कि तानाशाह किसी भी चीज को तोड मरोड सकते हैं यहाँ तक कि अपने परिवार के सदस्यों की मौत को भी।