पाँच वर्षों तक हमास की गिरफ्त में रहने के बाद गिलाद शालित की मुक्ति को देखकर कोई भी प्रसन्न हो सकता है जिसने कि इजरायल के सैनिक और अपने परिजनों को फिर से मिलते देखा होगा और साथ ही जिस प्रकार का स्वागत इस सैनिक का देशवासियों से किया वह भी देखने लायक था। इससे यह भी ध्यान आता है कि इजरायल सुरक्षा सेना ने यह सब इसलिये किया कि वे अपने व्यक्ति से साथ किसी भी स्थिति में खडे रहना चाहते थे।
परंतु इस प्रसन्नता के साथ कुछ राज्य की सच्चाइयाँ भी हैं। पहला, इस सैनिक की मुक्ति 1,027 अरब के बदले हुई है जिनमें से कि 477 दोषी आतंकवादी हैं और इससे अधिक से अधिक इजरायल के सैनिकों को बंदी बनाने की ललक जगती है। दूसरा, सैकडों आतंकवादियों को मुक्त करने से वे अपने नागरिक स्वरूप में न केवल इजरायल के नागरिकों को वरन कहीं भी सभ्य लोगों को निशाना बना सकते हैं।
इस अदलाबदली से रणनीति की भावुकता की ओर संकेत जाता है। जो नेता एक व्यक्ति की चिंता को देश के हितों से ऊपर रहते हैं वे अपने जनादेश के साथ धोखा करते हैं और इसके भविष्य को विषाक्त बनाते हैं। इजरायल के नेता इस प्रकार की असंतुलित अदला बदली 1982 से ही करते आ रहे हैं और 10,000 फिलीस्तीनी आतंकवाद या अन्य शत्रुतापूर्ण गतिविधियों के लिये जेल में बंद हैं। जितनी बार वे ऐसा करते हैं उतनी बार सिद्धांत को ताक पर रख देते हैं और अल्पकालिक लाभ प्राप्त करते हैं उन पर शर्म आती है।
1 नवम्बर, 2011 अपडेट: कोई भी कल्पना कर सकता है कि शालित के लेनेदेन से इजरायल के सैनिकों की सुरक्षा सुधर गयी होगी यहाँ हारेज में अमोस हारेल की कुछ सूचना पर ध्यान दें जो कि इजरायल सुरक्षा बल के हनीबल संधि से सम्बंधित है ताकि भविष्य में सैनिकों का अपहरण रोका जा सके।
दक्षिणी लेबनान में इजरायल के सुरक्षा क्षेत्र में 1980 के अंत में हनीबल संधि अपने आरम्भ से ही काफी विवादों में रही। इसमें कमांडर को कोई भी कदम उठाने की अनुमति है और यहाँ तक कि अपहरण को रोकने के लिये अपहरण हुए सैनिक की जान को जोखिम में डालने का कदम भी। इस नीति को पिछले दशक में जनता और आरक्षित सैनिकों के विरोध के चलते रोक दिया गया था।
शालित के अपहरण में सेना की जाँच से पता चला है कि केरेम शालोम सेक्टर के एक और टैंक के कमांडर ने देखा कि दो फिलीस्तीनी उग्रवादी शालित को फिर से गाजा पट्टी ले जा रहे हैं और और उसने उनपर गोली चलाने की अनुमति माँगी। रेडियो सम्प्रेषण मे हुई खराबी के चलते अनुमति में विलम्ब हुआ। टैंक से सब मशीन गोलीबारी की ही अनुमति मिली जिससे कि अपहरण को नहीं रोका जा सका।
शालित के अपहरण के उपरांत हनीबल संधि का पुनरीक्षण हुआ और इसे फिर से लागू किया गया। दो वर्ष पूर्व उस समय नहाल ब्रिगेड के कमांडर कर्नल मोटी बारुच ने हारेज के साथ एक साक्षात्कार में कहा, " संदेश यह है कि कोई भी सैनिक बंदी न बनाया जाये" । बारुच ने अपने सैनिकों को निर्देश दिया कि अपहरण के प्रयास में आतंकवादियों पर गोली चलायी जाये चाहे अपहरण हो रहे सैनिक की जान भी जाये।
5 जनवरी, 2012 अपडेट: शुभ समाचार इजरायल के लोग असंतुलित कैदी अदला बदली बंद करने को राजी हैं end lopsided prisoner exchanges.
सरकार द्वारा नियुक्त एक पैनल ने अपनी संस्तुतियों को एक गोपनीय रिपोर्ट के रूप में गुरुवार को रखा और इसका विवरण बाहर नहीं आया। परंतु इजरायल के रक्षामंत्री एहुद बराक ने कहा, " इजरायल के पास नियम को पूरी तरह बदलने के अतिरिक्त कोई मार्ग नहीं है" । अब पाँच वर्षों तक गाजा में हमास की गिरफ्त में रहने के बाद शालित मुक्त हुआ है । बराक ने इजरायल रेडियो से कहा, " 25 वर्ष पूर्व जिस फिसलन भरे मार्ग पर हम चले थे उससे बाहर आने की आवश्यकता है"
21 जुलाई, 2012 अपडेट: Schalit deal sparks increase in terror, says IDF officer इजरायल हायोम के लेख के कुछ अंश :
पिछ्ले अक्टूबर में गिलाद शालित के बदले मुक्त किये गये फिलीस्तीनी बंदियों के बाद से आतंकवादी घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। बिन्यामिन प्रखण्ड के सेवानिवृत्त कमांडर कर्नल सार जुर ने कहा , "जेल आतंकवादियों के विश्वविद्यालय की भाँति है जो भी वहाँ जाता है अधिक श्रेणी लेकर आता है"
उन्होंने सेना के रेडियो के साथ साक्षात्कार में कहा कि शालित के लेन देन के बाद आतंकवाद के प्रयास की घटनाओं जूडिया और समारिया दोनों ही हिस्सों में तेजी आयी जो कि उनके क्षेत्र में आता है और इजरायल के अंदर है। " इससे कोई फर्क नहीं पड्ता कि वे गाजा, पश्चिमी तट या बाहर छोडे जा रहे हैं हमें आतंकवाद की वापसी होती दिखती है" ।
17 अक्टूबर, 2012 अपडेट : यादियोत अहरोनोत के लिये एलेक्स फिशमैन ने लिखा, " आँकडों से पता चलता है कि शालित के बदले छोडे गये आतंकवादी आतंकवाद में लग गये"
रक्षा विभाग द्वारा एकत्र किये गये आँकडों के अनुसार आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि का भय बना हुआ है , गिलाद शालित के बदले छोडे गये दर्जनों फिलीस्तीनी आतंकवादी फिर से सक्रिय हो गये हैं।
समझौते के पहले चरण में 477 सुरक्षा कैदी छोडे गये , जिसमें से कि 209 को गाजा पट्टी में छोडा गया । आँकडों के अनुसार जो कि येदियोत अहरोनोत द्वारा बुधवार को जारी किया गया गाजा में छोडे गये अनेक हमास के नेतृत्व में शामिल हो गये हैं जबकि कुछ अन्य सक्रिय रूप से इजरायल पर राकेट दागने के लिये हथियार तैयार कर रहे हैं । कुछ तो पश्चिमी तट में आतंकवादी इकाई बना रहे हैं जिसमें हेब्रान इकाई भी है जिसने कि जेरूसलम में एक बम रखा और इजरायल सुरक्षा बल के सैनिक का अपहरण करने का प्रयास किया।