यह विचार डेविड ग़ोल्डमैन की व्याख्या "Recall notice for the Turkish model." में ही अंतर्निहित है। तुर्की की अर्थव्यवस्था को बुलबुला की संज्ञा देते हुए कहा कि, " यह फूटने के कगार पर है साथ ही स्टाक मार्केट और राष्ट्रीय मुद्रा भी" प्रधानमंत्री के बारे में उन्होंने अपना विचार व्यक्त किया
एरडोगन का आर्थिक विचार किसी भी सेवारत राष्ट्राध्यक्ष से कहीं अधिक रहस्यमयी है । उन्होंने दुगुने ऋण को मजहबी आधार पर न्यायसंगत ठहराया और वास्तविक ब्याज दर को कम करते हुये शून्य करने की कसमें खाईं ( मँहगाई दर को यदि ब्याज दर से निकाल दिया जाये ) । "हम दीर्घकाल के लिये ब्याज दर को कम करना चाहते हैं ताकि लोग कार्य से अपनी आय बढा सकें न कि ब्याज से" पिछले अप्रैल said last April में उन्होंने कहा कि " वास्तव में हमारा उद्देश्य ब्याज दर और मँहगाई दर को समान करना है" । एरडोगन का मानना है कि इससे ब्याज के लिये ऋण माँगने की इस्लामी विवशता समाप्त होगी। यदि सही ब्याज दर शून्य होगी जैसा कि वे सोचते हैं तो ब्याज पर शरिया का प्रतिबंध स्वतः पूरा हो जाता है।
दूसरे शब्दों में एरडोगन के अतार्किक आर्थिक विचार सम्भवतः उनके देश की अर्थ व्यवस्था को गड्ढे में ले जायेंगे और वे पूरी तरह उनके इस्लामी स्वप्न से निर्देशित होते हैं जहाँ कि रिबा ( शोषण ) को समाप्त करने की बात की गयी है। सामान्य तौर पर इस्लामी अर्थव्यवस्था का कार्यक्रम स्वयं को ही कमतर कम रहा है।